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SPECIAL: लॉकडाउन से ठंडा पड़ा कूलर का कारोबार, व्यापारियों में भारी निराशा

कोरोना वायरस के देश की अर्थव्यवस्था को ही जड़ से हिला दिया है. कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इसकी मार ना झेल रहा हो. यही हाल कूलर व्यवसाय का भी हुआ है. गर्मी के दिनों में ही कूलर का बाजार चरम पर रहता था. उसी समय इस बाजार को ऐसी चोट लगी कि कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है.

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लॉकडाउन की वजह से ठप हुआ कूलर का व्यापार
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Published : May 5, 2020, 8:41 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने न केवल लोगों को घरों में कैद कर दिया है. बल्कि बाजार व्यवसाय और दुकानों पर भी ताला लगा दिया है.

लॉकडाउन की वजह से ठप हुआ कूलर का व्यापार

ईटीवी भारत ने बढ़ती गर्मी और चढ़ते पारे के बीच परवान पर रहने वाले कूलर के कारोबार से जुड़े व्यापारियों से बातचीत की और उनके दर्द को समझने की कोशिश की. इस दौरान यह सामने आया कि व्यापारी निराश हैं. उनकी दुकानों पर रखा हुआ माल बिकना शुरू नहीं हो पाया है.

मई के महीने में पारा 40 से 45 डिग्री के बीच रहा करता है. ऐसे में गर्मियों को देखते हुए लोग बचाव के जतन में होली के बाद से ही कूलर खरीदने लग जाते हैं.

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कूलर की बिक्री हुई बंद

यह भी पढ़ें- स्पेशल: सांवलिया सेठ के भंडार पर 'लॉक', 8 करोड़ की आय प्रभावित

पीक सीजन में नहीं बिक पाया माल

कूलर कारोबारियों के मुताबिक अप्रैल के शुरुआत से ही उनके व्यवसाय का पीक सीजन शुरू हो जाता है. इसके लिए वे लोग कूलर का स्टॉक जमा करना जनवरी से ही शुरू कर देते हैं. इस बार भी ज्यादा स्टॉक जमा करने के लिए सारा पैसा निवेश कर दिया है. लेकिन मार्च के आखिरी महिनों में ही लॉकडाउन लागू हो गया. जिसके कारण इन व्यापारियों को ग्राहक नहीं मिल पाए और काम पूरी तरह से ठप हो गया.

लोन पर चल रहा है कारोबार

जयपुर के हसनपुरा इलाके के नाला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कूलर निर्माण का कार्य होता है. यहां के एक व्यापारी ने बताया कि विलो होलसेल का काम करते हैं, इसलिए गोदाम में बड़ा स्टॉक रखा है. लेकिन पहले के मुकाबले यह काम आधा भी नहीं रहा है और ऐसे में उन्हें लोन लेकर माल लाने के पैसे पर अब नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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व्यापारियों की बढ़ गई मुसीबत

जवाहर नगर में भी कूलर का व्यापार करने वाले दो कारोबारियों ने बताया कि इस सीजन में रोजाना वे लोग 8 से 10 कूलर बेच दिया करते थे. लेकिन लॉकडाउन होने के कारण लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं और उनका स्टॉक नहीं बिक पा रहा है.

मैकेनिकों की बढ़ी मुश्किलें

कूलर रिपेयरिंग से जुड़े राजेश ने बताया कि वे लोग कूलर पार्ट्स को असेंबल करने का काम करते हैं. लेकिन इस बार धंधा मंदा होने के कारण उन लोगों के लिए गुजारा करना भी मुश्किल हो चुका है.

यह भी पढ़ें- SPECIAL: यह है सूरजगढ़ का Safe Model, कोरोना के चौतरफा हमलों के बावजूद 'अभेद'

10 हजार लोग हो रहे प्रभावित

गर्मियों के सीजन में जयपुर शहर में कूलर के कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 हजार के आसपास लोग जुड़े होते हैं. ऐसे में लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों में रहने से कूलर के व्यापार से जुड़े कारोबारी और श्रमिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

राजधानी जयपुर में करीब अस्सी करोड़ रुपए के इस कारोबार का सवा महीना बीत जाने के बाद भी अब तक 10% भी कारोबार नहीं हो सका है. ऐसे में जुलाई तक आने वाली बारिश और लगातार बदलते मौसम के मिजाज के बीच कूलर व्यवसाय से जुड़े लोगों में भारी निराशा देखने को मिल रही है.

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने न केवल लोगों को घरों में कैद कर दिया है. बल्कि बाजार व्यवसाय और दुकानों पर भी ताला लगा दिया है.

लॉकडाउन की वजह से ठप हुआ कूलर का व्यापार

ईटीवी भारत ने बढ़ती गर्मी और चढ़ते पारे के बीच परवान पर रहने वाले कूलर के कारोबार से जुड़े व्यापारियों से बातचीत की और उनके दर्द को समझने की कोशिश की. इस दौरान यह सामने आया कि व्यापारी निराश हैं. उनकी दुकानों पर रखा हुआ माल बिकना शुरू नहीं हो पाया है.

मई के महीने में पारा 40 से 45 डिग्री के बीच रहा करता है. ऐसे में गर्मियों को देखते हुए लोग बचाव के जतन में होली के बाद से ही कूलर खरीदने लग जाते हैं.

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कूलर की बिक्री हुई बंद

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पीक सीजन में नहीं बिक पाया माल

कूलर कारोबारियों के मुताबिक अप्रैल के शुरुआत से ही उनके व्यवसाय का पीक सीजन शुरू हो जाता है. इसके लिए वे लोग कूलर का स्टॉक जमा करना जनवरी से ही शुरू कर देते हैं. इस बार भी ज्यादा स्टॉक जमा करने के लिए सारा पैसा निवेश कर दिया है. लेकिन मार्च के आखिरी महिनों में ही लॉकडाउन लागू हो गया. जिसके कारण इन व्यापारियों को ग्राहक नहीं मिल पाए और काम पूरी तरह से ठप हो गया.

लोन पर चल रहा है कारोबार

जयपुर के हसनपुरा इलाके के नाला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कूलर निर्माण का कार्य होता है. यहां के एक व्यापारी ने बताया कि विलो होलसेल का काम करते हैं, इसलिए गोदाम में बड़ा स्टॉक रखा है. लेकिन पहले के मुकाबले यह काम आधा भी नहीं रहा है और ऐसे में उन्हें लोन लेकर माल लाने के पैसे पर अब नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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व्यापारियों की बढ़ गई मुसीबत

जवाहर नगर में भी कूलर का व्यापार करने वाले दो कारोबारियों ने बताया कि इस सीजन में रोजाना वे लोग 8 से 10 कूलर बेच दिया करते थे. लेकिन लॉकडाउन होने के कारण लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं और उनका स्टॉक नहीं बिक पा रहा है.

मैकेनिकों की बढ़ी मुश्किलें

कूलर रिपेयरिंग से जुड़े राजेश ने बताया कि वे लोग कूलर पार्ट्स को असेंबल करने का काम करते हैं. लेकिन इस बार धंधा मंदा होने के कारण उन लोगों के लिए गुजारा करना भी मुश्किल हो चुका है.

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10 हजार लोग हो रहे प्रभावित

गर्मियों के सीजन में जयपुर शहर में कूलर के कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 हजार के आसपास लोग जुड़े होते हैं. ऐसे में लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों में रहने से कूलर के व्यापार से जुड़े कारोबारी और श्रमिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

राजधानी जयपुर में करीब अस्सी करोड़ रुपए के इस कारोबार का सवा महीना बीत जाने के बाद भी अब तक 10% भी कारोबार नहीं हो सका है. ऐसे में जुलाई तक आने वाली बारिश और लगातार बदलते मौसम के मिजाज के बीच कूलर व्यवसाय से जुड़े लोगों में भारी निराशा देखने को मिल रही है.

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