जयपुर. नौकरी का झांसा देकर धर्मांतरण और दुष्कर्म मामले में देरी करने पर थानाधिकारी को लाइन हाजिर किया गया है. पीड़िता ने एक महीने पहले रिपोर्ट दर्ज करवाने थाने पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए मामला दर्ज नहीं किया था. इसके बाद पीड़िता ने कोर्ट में इस्तगासा के जरिए मामला दर्ज करवाया था. इसमें थाना अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो सोमवार रात थाना अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया.
पीड़िता ने नौकरी का झांसा देकर जम्मू-कश्मीर ले जाने वाले युवक शाहिद, आमिर, बिस्मिल्लाह, फिरदोस और काजी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें सोमवार को जम्मू-कश्मीर और भरतपुर के लिए रवाना की गईं. पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दे रही हैं तो वहीं रिश्तेदार और जानकारों से भी पूछताछ की जा रही है. कश्मीर, भरतपुर समेत अन्य जगहों पर पुलिस की टीमें आरोपियों की तलाश कर रही हैं.
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22 जुलाई को कोर्ट में होंगे पीड़िता के बयान : जयपुर के प्रतापनगर थाना पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई को पीड़िता के कोर्ट में बयान होंगे. पीड़िता करधनी थाना इलाके में रहती थी. पीड़िता का पति शराब पीकर मारपीट करता था. इसके बाद भरतपुर निवासी शाहिद पीड़िता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर वर्ष 2016 में जम्मू-कश्मीर ले गया था. जम्मू-कश्मीर ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और पीड़िता के बेटे को जान से मारने की धमकी देकर धर्म परिवर्तन करवाया.
यह है पूरा मामला : राजधानी जयपुर के प्रतापनगर थाना इलाके में पीड़िता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर जम्मू-कश्मीर ले जाकर दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन करवाकर शारीरिक शोषण किया गया. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में बंधक बनाकर रखा गया और मारपीट की गई. इस दौरान आरोपियों ने दुष्कर्म किया और शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया. दुष्कर्म के कारण पीड़ित महिला गर्भवती हो गई और लड़की को जन्म दिया. फिलहाल, प्रताप नगर थाना पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.