ETV Bharat / city

कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर सवालः मंत्री खाचरियावास ने कहा- मुझसे पूछा नहीं, पूर्व महासचिव गर्ग बोले- कांग्रेस से हुई चूक

राजस्थान की प्रदेश कार्यकारिणी में राजपूत के केवल एक और वैश्य समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कार्यकारिणी के बारे में मुझसे नहीं पूछा गया है. वहीं पूर्व महासचिव गिर्राज गर्ग का कहना है कि वैश्य समाज को शामिल नहीं कर कांग्रेस पार्टी ने चूक की है.

Rajasthan Congress Executive, Jain Samaj in Rajasthan Congress
कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर उठे सवाल
author img

By

Published : Jan 7, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 10:22 PM IST

जयपुर. लंबे इंतजार के बाद आखिर राजस्थान कांग्रेस की छोटी कार्यकारिणी की घोषणा हो गई है. 39 सदस्यों की कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखने का प्रयास किया, लेकिन उसमें कांग्रेस पार्टी से वह दो समाज छूट गए हैं, जिनका बड़ा वोट बैंक भी है और कांग्रेस पार्टी में उनके प्रतिनिधि भी विधायक के तौर पर मौजूद हैं.

कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर सवालः

बात की जाए राजपूत समाज की तो महज एक सचिव के रूप में महेंद्र सिंह खेड़ी को राजपूत समाज से प्रतिनिधित्व दिया गया है. वहीं वैश्य और जैन समाज को तो पूरी तरीके से इस कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व से वंचित कर दिया गया है. अब इस कार्यकारिणी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है, जहां वैश्य और जैन समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर पूर्व राजस्थान कांग्रेस महासचिव गिरिराज गर्ग ने कहा कि हर बार कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी वैश्य समाज को पूरा प्रतिनिधित्व देती रही है. पिछली कार्यकारिणी में 8 सदस्य वैश्य समाज के थे, लेकिन इस बार एक भी पदाधिकारी इस वर्ग का नहीं बनाया गया है. जो एक बड़ी चूक है, जिसे कांग्रेस पार्टी को सुधारना होगा.

वहीं राजपूत समाज से केवल एक पदाधिकारी बनाना और वह भी सचिव स्तर का, इस पर भी कांग्रेस पार्टी में राजपूत नेताओं की ओर से रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस पर बोलते हुए कहा कि भले ही सभी वर्गों को इस कार्यकारिणी के जरिए साधने की कोशिश की गई है, लेकिन इसमें राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है.

पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में मेवाड़ का दबदबा, महेंद्र का कद बढ़ा, मांगीलाल को भी मिला तोहफा

उन्होंने कहा कि सूची से पहले प्रदेश अध्यक्ष ने मुझसे इस बारे में कोई बात भी नहीं की है, लेकिन अब मैं इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष का ध्यान जरूर आकर्षित करूंगा. वहीं मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि राजपूत समाज को कैबिनेट में पूरा प्रतिनिधित्व दिया गया है. ऐसे में यह बात गलत है कि कार्यकारिणी में उनको कम स्थान मिला है.

बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में राजपूत समाज के वर्तमान में 9 विधायक जीत कर आए हैं, जिनमें भंवर सिंह भाटी और प्रताप सिंह खाचरियावास मंत्री हैं. जैन समाज से 5 विधायक कांग्रेस पार्टी के पास हैं, जिनमें से प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल मंत्री हैं.

यह है राजपूत विधायक

कांग्रेस के भंवर सिंह भाटी, गिर्राज सिंह मलिंगा, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र सिंह गुढ़ा, मीना कंवर, भरत सिंह कुंदनपुर, दीपेंद्र सिंह शेखावत और गजेंद्र सिंह शक्तावत राजपूत समाज से आते हैं.

वैश्य और जैन समाज से विधायक

वहीं वैश्य और जैन समाज से प्रमोद जैन भाया, शांति धारीवाल, सुरेश मोदी, अमित चाचान और रोहित बोहरा आते हैं.

जयपुर. लंबे इंतजार के बाद आखिर राजस्थान कांग्रेस की छोटी कार्यकारिणी की घोषणा हो गई है. 39 सदस्यों की कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखने का प्रयास किया, लेकिन उसमें कांग्रेस पार्टी से वह दो समाज छूट गए हैं, जिनका बड़ा वोट बैंक भी है और कांग्रेस पार्टी में उनके प्रतिनिधि भी विधायक के तौर पर मौजूद हैं.

कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर सवालः

बात की जाए राजपूत समाज की तो महज एक सचिव के रूप में महेंद्र सिंह खेड़ी को राजपूत समाज से प्रतिनिधित्व दिया गया है. वहीं वैश्य और जैन समाज को तो पूरी तरीके से इस कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व से वंचित कर दिया गया है. अब इस कार्यकारिणी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है, जहां वैश्य और जैन समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर पूर्व राजस्थान कांग्रेस महासचिव गिरिराज गर्ग ने कहा कि हर बार कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी वैश्य समाज को पूरा प्रतिनिधित्व देती रही है. पिछली कार्यकारिणी में 8 सदस्य वैश्य समाज के थे, लेकिन इस बार एक भी पदाधिकारी इस वर्ग का नहीं बनाया गया है. जो एक बड़ी चूक है, जिसे कांग्रेस पार्टी को सुधारना होगा.

वहीं राजपूत समाज से केवल एक पदाधिकारी बनाना और वह भी सचिव स्तर का, इस पर भी कांग्रेस पार्टी में राजपूत नेताओं की ओर से रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस पर बोलते हुए कहा कि भले ही सभी वर्गों को इस कार्यकारिणी के जरिए साधने की कोशिश की गई है, लेकिन इसमें राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है.

पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में मेवाड़ का दबदबा, महेंद्र का कद बढ़ा, मांगीलाल को भी मिला तोहफा

उन्होंने कहा कि सूची से पहले प्रदेश अध्यक्ष ने मुझसे इस बारे में कोई बात भी नहीं की है, लेकिन अब मैं इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष का ध्यान जरूर आकर्षित करूंगा. वहीं मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि राजपूत समाज को कैबिनेट में पूरा प्रतिनिधित्व दिया गया है. ऐसे में यह बात गलत है कि कार्यकारिणी में उनको कम स्थान मिला है.

बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में राजपूत समाज के वर्तमान में 9 विधायक जीत कर आए हैं, जिनमें भंवर सिंह भाटी और प्रताप सिंह खाचरियावास मंत्री हैं. जैन समाज से 5 विधायक कांग्रेस पार्टी के पास हैं, जिनमें से प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल मंत्री हैं.

यह है राजपूत विधायक

कांग्रेस के भंवर सिंह भाटी, गिर्राज सिंह मलिंगा, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र सिंह गुढ़ा, मीना कंवर, भरत सिंह कुंदनपुर, दीपेंद्र सिंह शेखावत और गजेंद्र सिंह शक्तावत राजपूत समाज से आते हैं.

वैश्य और जैन समाज से विधायक

वहीं वैश्य और जैन समाज से प्रमोद जैन भाया, शांति धारीवाल, सुरेश मोदी, अमित चाचान और रोहित बोहरा आते हैं.

Last Updated : Jan 7, 2021, 10:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.