जयपुर. प्रदेश में नगर निगम से जुड़े ठेकेदारों की ग्रेटर निगम में अभी भी हड़ताल जारी है. कारण साफ है जिसमें ठेकेदारों का करीब 150 करोड़ रुपए का बकाया है और ग्रेटर नगर निगम प्रशासन केवल दो से तीन लाख रुपए प्रत्येक ठेकेदार को देकर हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश कर रहा है. जबकि ठेकेदार हेरिटेज नगर निगम की तर्ज पर 25 से 30 लाख रुपए प्रत्येक ठेकेदार को देने की मांग पर अड़े हुए हैं.
शहर के हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में टूटी सड़क और सीवरेज का काम दोबारा शुरू हो गया है. दरअसल, हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में निगम प्रशासन की ओर से ठेकेदारों को 25-25 लाख रुपए देकर उनकी हड़ताल को खत्म कराया गया है और अब विकास कार्यों के टेंडर कर आम जनता को राहत देने की कोशिश की जा रही है. हालांकि ग्रेटर नगर निगम के बाशिंदे अभी भी इस राहत को तरस रहे हैं. कारण साफ है जिसमें ठेकेदारों ने महज हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में ही अपनी हड़ताल खत्म की है.
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जबकि ग्रेटर नगर निगम में 150 करोड़ के भुगतान को लेकर अभी भी हड़ताल पर हैं. वहीं, कांट्रेक्टर सोसाइटी के अध्यक्ष विष्णु शर्मा की माने तो जब भी भुगतान के लिए जाते हैं, महज आश्वासन मिलता है. जबकि ग्रेटर नगर निगम में अब पर्याप्त फंड भी है. बावजूद इसके एफए महज एक से दो लाख रुपए प्रत्येक ठेकेदार को देकर हड़ताल खत्म करवाना चाहता है. उन्होंने कहा कि जब तक हेरिटेज के समान ग्रेटर नगर निगम में भुगतान नहीं होगा तब तक हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी.
उधर, महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा कि निगम के पास फंड आ गया है और निर्देश दिए गए हैं कि जल्द ही ठेकेदारों का भुगतान प्राथमिकता पर किया जाए. ताकि वो त्यौहार भी मना सकें और निगम के रुके हुए कार्यों को भी गति देने में मदद करें. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों का पूरा भुगतान ही होना है, लेकिन फिलहाल उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भुगतान करने के निगम कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं. बहरहाल, ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने से फिलहाल ग्रेटर निगम क्षेत्र में सीवर, गलियों, नालों की सफाई सहित सड़क निर्माण का कार्य रुका हुआ है जो कहीं ना कहीं शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. ऐसे में अब ठेकेदारों के भुगतान को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए गए हैं.