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वसुंधरा को सुविधा देने के मामले में मुख्य सचिव को बनाया गया पक्षकार, 10 सितंबर को अगली सुनवाई

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Published : Jul 20, 2020, 2:27 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सुविधा देने के मामले में एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, लेकिन इस बार यह याचिका अवमानना याचिका के तहत लगाई गई है. जिसमें मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है.

contempt petition filed against CM Vasundhara Raje, जयपुर न्यूज
हाईकोर्ट में वसुंधरा राजे को सुविधा देने के मामले में याचिका लगी

जयपुर. प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सुविधा देने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. वरिष्ठ पत्रकार मिलाप चंद डांडिया की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई. इस मामले की जस्टिस सबीना की खंड पीठ में सोमवार को सुनवाई हुई. जिसमें मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को पक्षकार बनाया गया है.

राजे को सुविधा देने के मामले में अवमानना याचिका

याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन सुविधा देने के राजस्थान सरकार के कानून को चुनौती दी गई है. उत्तर प्रदेश में ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही विधयेक को अवैध ठहरा चुका है. राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया को इसी तरह का लाभ दिया जा रहा था. हालांकि, जगन्नाथ पहाड़िया ने तो बंगला खाली कर दिया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नई सरकार बनने से ठीक पहले ही बंगला अपने नाम अलॉट करवा लिया था.

यह भी पढ़ें. बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट में ही रुके हैं राजस्थान के विधायक, मंगाए 3 जोड़ी कपड़े- सूत्र

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बंगला नंबर 13 में रह रही हैं. वे बतौर सीएम भी इन्होंने इसी बंगले को सीएम आवास बना कर पूरे पांच साल काम किया लेकिन CM पद चले जाने के बाद भी उन्होंने इस बंगले को खाली करने की बजाए उसे अपने नाम अलॉट करवा लिया.

यह भी पढ़ें. बिजली दरों को लेकर फिर याचिका लगाने की तैयारी...उपभोक्ताओं को लग सकता है एक और झटका

याचिका में इसी अलॉटमेंट को गलत बताते हुए कहा गया है कि जब यह बंगला अलॉट किया गया, तब ना वसुंधरा राजे सीएम थी और ना ही नई कांग्रेस की सरकार ने शपथ ली थी. ऐसे में इस बंगले को गलत तरीके से अलॉट किया गया है. जिसे तत्काल प्रभाव से खाली कराया जाए.

साथ ही यह भी कहा गया कि जो पेनाल्टी कोर्ट ने तय की है, उसके हिसाब से हर दिन 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा. कोर्ट के आदेश नहीं मानने पर वो भी वसूला जाए. याचिकाकर्ता के वकील विमल चौधरी ने कहा कि वसुंधरा राजे अपना बंगला खाली नहीं करना चाहती. इसलिए अवमानना याचिका लगाई गई है और मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है.

जयपुर. प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सुविधा देने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. वरिष्ठ पत्रकार मिलाप चंद डांडिया की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई. इस मामले की जस्टिस सबीना की खंड पीठ में सोमवार को सुनवाई हुई. जिसमें मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को पक्षकार बनाया गया है.

राजे को सुविधा देने के मामले में अवमानना याचिका

याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन सुविधा देने के राजस्थान सरकार के कानून को चुनौती दी गई है. उत्तर प्रदेश में ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही विधयेक को अवैध ठहरा चुका है. राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया को इसी तरह का लाभ दिया जा रहा था. हालांकि, जगन्नाथ पहाड़िया ने तो बंगला खाली कर दिया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नई सरकार बनने से ठीक पहले ही बंगला अपने नाम अलॉट करवा लिया था.

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बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बंगला नंबर 13 में रह रही हैं. वे बतौर सीएम भी इन्होंने इसी बंगले को सीएम आवास बना कर पूरे पांच साल काम किया लेकिन CM पद चले जाने के बाद भी उन्होंने इस बंगले को खाली करने की बजाए उसे अपने नाम अलॉट करवा लिया.

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याचिका में इसी अलॉटमेंट को गलत बताते हुए कहा गया है कि जब यह बंगला अलॉट किया गया, तब ना वसुंधरा राजे सीएम थी और ना ही नई कांग्रेस की सरकार ने शपथ ली थी. ऐसे में इस बंगले को गलत तरीके से अलॉट किया गया है. जिसे तत्काल प्रभाव से खाली कराया जाए.

साथ ही यह भी कहा गया कि जो पेनाल्टी कोर्ट ने तय की है, उसके हिसाब से हर दिन 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा. कोर्ट के आदेश नहीं मानने पर वो भी वसूला जाए. याचिकाकर्ता के वकील विमल चौधरी ने कहा कि वसुंधरा राजे अपना बंगला खाली नहीं करना चाहती. इसलिए अवमानना याचिका लगाई गई है और मुख्य सचिव को पक्षकार बनाया गया है.

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