ETV Bharat / city

मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर सांसद दीया कुमारी समेत 17 को अवमानना नोटिस - राजस्थान हिंदी न्यूज

जयपुर की निचली अदालती आदेश के बावजूद मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दिया कुमारी, जमवारामगढ़ एसडीएम विश्वमित्र मीणा और सहायक देवस्थान आयुक्त आकाश रंजन सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने यह आदेश पुजारी भगवती प्रसाद शर्मा की अवमानना अर्जी पर दिए.

Contempt notice to MP Dia Kumari, सांसद दीया कुमारी
सांसद दीया कुमारी को अवमानना नोटिस
author img

By

Published : Jan 20, 2021, 2:34 PM IST

जयपुर. अदालती आदेश के बावजूद मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दिया कुमारी, जमवारामगढ़ एसडीएम विश्वमित्र मीणा और सहायक देवस्थान आयुक्त आकाश रंजन सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने यह आदेश पुजारी भगवती प्रसाद शर्मा की अवमानना अर्जी पर दिए.

अर्जी में कहा गया है कि उसके पूर्वज जमवारामगढ़ स्थित जमवा माता मंदिर की सेवा पूजा करते थे. मामले में जागीर कमिश्नर ने उत्तराधिकारियों का ओसरा तय किया था. सेवा पूजा में विवाद होने पर भगवती प्रसाद ने कोर्ट में दावा दायर कर हिस्सेदारी के अनुसार मंदिर की सेवा पूजा में बाधा नहीं डालने की गुहार की थी. इस पर कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2017 को ओसरे के अनुसार पूजा करने के आदेश देते हुए स्थगन दिया था.

यह भी पढ़ेंः दौसा में 6 पोतियों ने मिलकर दादा की अर्थी को दिया कंधा, बड़ी पोती ने मुखाग्नि देकर कराया मुंडन

अवमानना अर्जी में कहा गया की उसका 10 अक्टूबर से 8 नवंबर 2020 तक ओसरा था. इसी दौरान 27 अक्टूबर को कुछ लोगों ने आकर उससे मारपीट की और मंदिर से बाहर कर दिया. मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. प्रार्थी को धमकी दी गई की पूर्व राजपरिवार की इच्छा के बिना वह मंदिर में प्रवेश ना करे. इसके बाद 6 जनवरी को प्रार्थी का फिर ओसरा आया, लेकिन उसे मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

जयपुर. अदालती आदेश के बावजूद मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने पर पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दिया कुमारी, जमवारामगढ़ एसडीएम विश्वमित्र मीणा और सहायक देवस्थान आयुक्त आकाश रंजन सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने यह आदेश पुजारी भगवती प्रसाद शर्मा की अवमानना अर्जी पर दिए.

अर्जी में कहा गया है कि उसके पूर्वज जमवारामगढ़ स्थित जमवा माता मंदिर की सेवा पूजा करते थे. मामले में जागीर कमिश्नर ने उत्तराधिकारियों का ओसरा तय किया था. सेवा पूजा में विवाद होने पर भगवती प्रसाद ने कोर्ट में दावा दायर कर हिस्सेदारी के अनुसार मंदिर की सेवा पूजा में बाधा नहीं डालने की गुहार की थी. इस पर कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2017 को ओसरे के अनुसार पूजा करने के आदेश देते हुए स्थगन दिया था.

यह भी पढ़ेंः दौसा में 6 पोतियों ने मिलकर दादा की अर्थी को दिया कंधा, बड़ी पोती ने मुखाग्नि देकर कराया मुंडन

अवमानना अर्जी में कहा गया की उसका 10 अक्टूबर से 8 नवंबर 2020 तक ओसरा था. इसी दौरान 27 अक्टूबर को कुछ लोगों ने आकर उससे मारपीट की और मंदिर से बाहर कर दिया. मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे. प्रार्थी को धमकी दी गई की पूर्व राजपरिवार की इच्छा के बिना वह मंदिर में प्रवेश ना करे. इसके बाद 6 जनवरी को प्रार्थी का फिर ओसरा आया, लेकिन उसे मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.