जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सेवानिवृत्ति ग्राम विकास अधिकारी को सेवा परिलाभ नहीं देने पर ग्रामीण विकास आयुक्त और टोंक जिला परिषद के सीईओ को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश आशाराम मीणा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ग्राम विकास अधिकारी के पद से दिसंबर 2018 में सेवानिवृत्त हुआ था. विभाग ने उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि सहित अन्य परिलाभ नहीं दिए थे.
पढ़ें- राजस्थान पुलिस ने गुजरात कांग्रेस विधायक को बॉर्डर से वापस भेजा
इस पर हाईकोर्ट ने अगस्त 2019 में आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को प्रथम नियुक्ति तिथि से समस्त परिलाभ देने को कहा था. इसके बावजूद भी विभाग की ओर से न तो समस्त परिलाभ दिए गए और ना ही पूर्व में वसूल की गई राशि लौटाई गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.