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Consumer Court: पैदावार कम होने पर आयोग ने बीज कंपनी पर लगाया हर्जाना - Consumer court decision on low quality seeds

निम्न गुणवत्ता के गाजर के बीज किसान को बेचने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर प्रथम ने बीज कंपनी पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया (Consumer court imposed compensation on seed company) है. साथ ही कंपनी को आदेश दिया है कि वह 10 हजार रुपए परिवाद व्यय के रूप में भी अदा करे.

Consumer court decision on low quality seeds, asked to give compensation
पैदावार कम होने पर आयोग ने बीज कंपनी पर क्यों लगाया हर्जाना
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Published : Jun 6, 2022, 10:35 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर प्रथम ने निम्न गुणवत्ता के बीज के कारण किसान की गाजर की फसल की पैदावार कम होने को बीज विक्रेता कंपनी का सेवा दोष माना (Consumer court decision on low quality seeds) है. इसके साथ ही आयोग ने बीज कंपनी सन्ग्रो सीड्स लि. नई दिल्ली पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं परिवाद व्यय के तौर पर 10 हजार रुपए अतिरिक्त अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश भगवान सहाय के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि 13 अगस्त, 2013 को बीज कंपनी से 780 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 6 किलोग्राम गाजर के बीज खरीदे थे. बीज बेचते समय विक्रेता ने बीज उच्च गुणवत्ता वाले बताते हुए भरपूर फसल देने वाला बताया था. परिवाद में कहा गया कि बीज बोने के बाद जो फसल मिलनी थी, वह नहीं मिली. बीज बहुत ही निम्न गुणवत्ता के थे. जब फसल को निकाला गया, तो पता चला कि बीज से गाजर निकली ही नहीं थी. परिवादी ने कंपनी से इसकी शिकायत भी की, लेकिन कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीज कंपनी पर हर्जाना लगाते हुए परिवाद व्यय के तौर पर अलग से मुआवजा देने को कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर प्रथम ने निम्न गुणवत्ता के बीज के कारण किसान की गाजर की फसल की पैदावार कम होने को बीज विक्रेता कंपनी का सेवा दोष माना (Consumer court decision on low quality seeds) है. इसके साथ ही आयोग ने बीज कंपनी सन्ग्रो सीड्स लि. नई दिल्ली पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं परिवाद व्यय के तौर पर 10 हजार रुपए अतिरिक्त अदा करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश भगवान सहाय के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि 13 अगस्त, 2013 को बीज कंपनी से 780 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 6 किलोग्राम गाजर के बीज खरीदे थे. बीज बेचते समय विक्रेता ने बीज उच्च गुणवत्ता वाले बताते हुए भरपूर फसल देने वाला बताया था. परिवाद में कहा गया कि बीज बोने के बाद जो फसल मिलनी थी, वह नहीं मिली. बीज बहुत ही निम्न गुणवत्ता के थे. जब फसल को निकाला गया, तो पता चला कि बीज से गाजर निकली ही नहीं थी. परिवादी ने कंपनी से इसकी शिकायत भी की, लेकिन कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीज कंपनी पर हर्जाना लगाते हुए परिवाद व्यय के तौर पर अलग से मुआवजा देने को कहा है.

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