जयपुर. राजधानी में बिड़ला ऑडिटोरियम के खुले मैदान में संविधान कथा का आयोजन किया गया. डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती समारोह समिति की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन रहे.
डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस एलसी असवाल ने मुख्य अतिथि का माला और साफा पहनाकर स्वागत किया. मुख्य अतिथि पूर्व सीजेआई केजी बालाकृष्णन ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद बुद्ध प्रार्थना के साथ संविधान कथा की शुरुआत की गई.
वहीं, कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चे और महिला पुरुष शामिल हुए. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और संविधान की 70 वीं सालगिरह के उपलक्ष में संविधान कथा का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व सीजेआई केजी बालाकृष्णन ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं को समानता का अधिकार दिलवाया है. सभी को बाबासाहेब के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे एक ही आइकन हैं वह भीमराव अंबेडकर हैं. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान निर्माण के दौरान देश के पिछड़े वर्गों का भी विशेष ध्यान रखा. यही वजह है कि आज हर वर्ग सरकारी नौकरियां प्राप्त कर रहा है. उन्होंने संविधान कथा कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी को शुभकामनाएं दी.
समिति के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस एलसी असवाल ने कहा कि बाबा साहेब ने आज समाज में एक गरीब, किसान, महिला और सभी वर्गों को समानता का अधिकार दिया है. यह संविधान की ही बदौलत है कि आज महिलाएं भी पुरुषों के बराबर अधिकार रखती हैं. संविधान ने ही महिलाओं को सम्मान दिया है. इस दौरान संविधान के बारे में सभी को विस्तार से बताया गया है. इसका एक ही उद्देश्य है देश में एकता और अखंडता कायम रहे.