जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस संक्रमण के बीच शादी समारोह भी आयोजित किया जा रहा है. कोरोना काल में एक तरफ लोग रोजगार और खाने के लिए परेशान हैं, तो वहीं वुशु गेम में भारत को प्रतिनिधित्व करने वाले रोहित ने एक मिसाल पेश की है. वे शादी समारोह में खर्च होने वाले पैसे की बजत से निर्धन मजदूर लोगों के बीच भोजन वितरण करेंगे.
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वुशु गेम में तीन बार गोल्ड मेडल जीतने वाले रोहित जांगिड़ ने दहेज प्रथा के खिलाफ अपना संदेश दिया है. कोरोना काल में उन्होंने अपने शादी में आए दहेज को ससुराल पक्ष को लौटा दिया. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शादी समारोह का आयोजन किया गया. उन्होंने शादी समारोह के बड़े आयोजन में खर्च होने वाली राशि से गरीब लोगों के पेट भरने का संकल्प लिया है.
बता दें, राजस्थान पुलिस में तैनात पुलिस कांस्टेबल रोहित जांगिड़ भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे वुशु गेम में तीन बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. रोहित ने बताया कि वे राजस्थान पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे से कार्यरत हैं. दहेज प्रथा को दूर करने के उद्देश्य से उन्होंने शादी में दहेज नहीं लिया. उन्होंने कहा कि दहेज लेना पाप है, हम सबको मिलकर इस कुप्रथा को दूर करना चाहिए.
रोहित ने कहा कि समाज में देखने को मिलता है कि सरकारी नौकरी वाले लड़के के लिए दहेज की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन इस रिवाज को खत्म करना चाहिए. कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए शादी समारोह में घर के लोगों को ही बुलाया है. उन्होंने कहा कि शादी समारोह में होने वाले खर्च से गरीबों में भोजन बांटने का काम करेंगे. शादी में खर्च होने वाले पैसे से गरीब और जरूरतमंदों की सहायता करेंगे. रोहित जयपुर के रामगढ़ मोड़ से बारात लेकर आमेर पहुंचे, जहां ज्योति के साथ परिणय सूत्र में बंधे.
दुल्हन ज्योति ने बताया कि दहेज नहीं लेना सभी लोगों के लिए बहुत अच्छा उदाहरण है. दहेज के लिए कई बार सुसाइड, हत्या और घरेलू हिंसा के मामले देखने को मिलते हैं. दहेज जैसी कुप्रथा समाप्त हो जाएगी, तो लोग अपनी बेटियों को बोझ नहीं समझेंगे. ऐसे में बेटी होने से किसी को दुख नहीं बल्कि खुशी होगी.