जयपुर. धौलपुर और अलवर में हुए पंचायती राज चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस को मिली सफलता ने सभी की बांछे खिला दी है. शनिवार को अलवर और धौलपुर जिला प्रमुख और दोनों जिलों में 22 प्रधान चुने गए. दोनों जिलों में जिला प्रमुख कांग्रेस पार्टी का चुना गया है. कांग्रेस से अलवर में बलबीर छिल्लर और धौलपुर में भगवान देवी जिला प्रमुख बनी हैं.
वहीं अलवर जिले की 16 पंचायत समितियों में हुए प्रधान के चुनाव में भी 'पंजा' भारी रहा है. जिले में 16 में से 10 प्रधान कांग्रेस पार्टी के 5 प्रधान भाजपा से और एक प्रधान निर्दलीय बना है. इसी प्रकार धौलपुर की छह पंचायत समितियों में से 4 में कांग्रेस ने प्रधान बनाए हैं. जबकि एक पंचायत समिति में भाजपा और एक में निर्दलीय को सफलता मिली है. इस हिसाब से दोनों जिलों में 22 में से 14 में कांग्रेस पार्टी अपने प्रधान बनाने में कामयाब रही है. जबकि 6 पंचायत समिति में भाजपा और 2 में निर्दलीय प्रधान बना है.
अलवर और धौलपुर जिले में हुए चुनाव में कुल 14 विधानसभा में 22 पंचायत समिति आती हैं. इनमें दो विधायक भाजपा के, 10 विधायक कांग्रेस के और दो विधायक निर्दलीय थे. इनमें से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक बलजीत यादव की दो पंचायत समितियों में से एक में भाजपा का प्रधान बना तो दूसरे में निर्दलीय. इसी तरीके से बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की बाड़ी पंचायत समिति से तो उनके बेटे अजय सिंह प्रधान बने, लेकिन बाड़ी की ही दूसरी पंचायत समिति सैपऊ से भाजपा का प्रधान बना है. बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा की बसेड़ी पंचायत में तो कांग्रेस का प्रधान बना. लेकिन सर मथुरा प्रधान निर्दलीय के खाते में गया है. खास बात यह है कि निर्दलीय चुनाव जीतने वाली द्रोपती जाटव कांग्रेस के करौली-धौलपुर से प्रत्याशी रहे संजय जाटव की मां है.
मुख्यमंत्री ने जिला प्रमुखों, प्रधानों और कार्यकर्ताओं को दी बधाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए जिला प्रमुखों, प्रधानों और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. सीएम ने ट्वीट में लिखा कि अलवर एवं धौलपुर दोनों जिलों में जिला प्रमुख एवं यहां की 22 पंचायत समितियों में 14 प्रधान कांग्रेस एवं 2 प्रधान कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार एवं 6 बीजेपी के बने हैं. सभी नवनिर्वाचित जिला प्रमुखों, प्रधानों एवं कार्यकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं तथा आम मतदाताओं के प्रति आभार. मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट में कहा कि यह प्रदेश सरकार के सुशासन एवं सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों एवं सिद्धांतों की जीत है.
धौलपुर में मुरझाया 'कमल', ये विधायक भी रहे फिसड्डी
चुनाव में बानसूर एकमात्र ऐसी पंचायत समिति रही जहां मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच टाई रहा. यहां लॉटरी के जरिए कांग्रेस का प्रधान बना है. वैसे तो इन चुनाव में भाजपा के केवल दो विधायक थे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर में भाजपा का 'कमल' मुरझा गया है. भाजपा विधायक होने के बावजूद भी धौलपुर में कांग्रेस की प्रधान बनी है. इन चुनावों में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक संदीप यादव, कठूमर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा पूरी तरीके से फैल साबित हुए. वही रामगढ़ से कांग्रेस विधायक साफिया जुबेर और बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा का रिजल्ट 50-50 रहा. क्योंकि इन विधायकों के क्षेत्र में 2 पंचायत समिति आती थी. जिसमें से एक में इन्होंने कांग्रेस को जीत दिलाई तो एक में भाजपा जीत गई.
भाजपा ने यहां बनाया प्रधान
तिजाराः तिजारा पंचायत समिति तिजारा विधानसभा में आती है. तिजारा से विधायक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए संदीप यादव हैं. तिजारा पंचायत समिति में कुल 21 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 सदस्य भाजपा, 4 सदस्य कांग्रेस, पांच सदस्य निर्दलीय और तीन सदस्य बीएसपी से जीते हैं. तिजारा में भाजपा का प्रधान बना है.
मुंडावरः मुंडावर पंचायत समिति मुंडावर विधानसभा में आती है. जहां से विधायक भाजपा के मनजीत धर्मपाल चौधरी हैं. मुंडावर के कुल 25 पंचायत समिति सदस्यों में से 14 में भाजपा, 8 में कांग्रेस और 3 में निर्दलीय चुनाव जीते हैं. मुंडावर में भाजपा को पूर्ण बहुमत था और मुंडावर से भाजपा की सुनीता ने चुनाव जीता. हालांकि कांग्रेस ने भाजपा से बागी प्रत्याशी को टिकट दिया था लेकिन मुंडावर में भाजपा का ही प्रधान बना है.
नीमरानाः नीमराना पंचायत समिति बहरोड विधानसभा में आती है. यहां से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव हैं. नीमराणा पंचायत समिति में कुल 19 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 6 सदस्य भाजपा, 2 सदस्य कांग्रेस और 11 सदस्य निर्दलीय चुनाव जीते हैं. लेकिन नीमराणा में भाजपा को निर्दलीयों का साथ मिला जिसके चलते नीमराणा से भारतीय जनता पार्टी की संतोष देवी प्रधान बनी हैं.
गोविंदगढ़ः गोविंदगढ़ पंचायत समिति रामगढ़ विधानसभा में आती है. यहां से विधायक कांग्रेस की साफिया जुबेर हैं. गोविंदगढ़ पंचायत समिति में कुल 21 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 9 पर भाजपा, 6 पर कांग्रेस और 6 पर निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. गोविंदगढ़ से निर्दलीयों के सहारे भारतीय जनता पार्टी की लक्ष्मण बाई प्रधान बनी है.
कठूमरः कठूमर पंचायत समिति कठूमर विधानसभा में आती है. यहां से विधायक कांग्रेस के बाबूलाल बैरवा हैं. कठूमर पंचायत समिति में कुल 25 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 10 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के, 9 पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस के, 5 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय और एक पंचायत समिति सदस्य बीएसपी का है. कठूमर से भारतीय जनता पार्टी की संगम प्रधान बनी हैं.
सैंपऊः सैपऊ पंचायत समिति बाड़ी विधानसभा में आती है. यहां से कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं. सैंपऊ में कुल 27 पंचायत समिति सदस्य बने हैं. जिनमें से 14 पंचायत समिति सदस्य भाजपा ,9 पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस, 2 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय और 2 पंचायत समिति सदस्य बसपा के बने हैं. सैपऊ में भाजपा को पूर्ण बहुमत था और भाजपा के तुलसीदास प्रधान बने हैं.
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कांग्रेस के यहां बने प्रधान
थानागाजीः थानागाजी पंचायत समिति थानागाजी विधानसभा में आती है. यहां से निर्दलीय विधायक कांति मीणा हैं. थानागाजी के 19 पंचायत समिति सदस्यों में से 7 सदस्य भाजपा के, 10 सदस्य कांग्रेस के और 2 सदस्य निर्दलीय जीते हैं. यहां कांग्रेस को पूर्ण बहुमत है. कांग्रेस के जय प्रकाश प्रजापत प्रधान बने हैं.
रैणीः रैणी पंचायत समिति राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा में आती है. यहां से कांग्रेस के जौहरी लाल मीणा विधायक हैं. रैणी पंचायत समिति में कुल 17 पंचायत समिति सदस्य हैं. उनमें से 2 में भाजपा, 8 में कांग्रेस और 7 में निर्दलीय चुनाव जीते हैं. यहां से कांग्रेस की मीरा देवी चुनाव जीती हैं.हालांकि मीरा देवी ने निर्दलीय चुनाव जीता था.
राजगढ़ः राजगढ़ पंचायत समिति राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा में आती है. यहां से कांग्रेस के जोहरी लाल मीणा विधायक हैं. राजगढ़ पंचायत समिति में कुल 17 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 8 में भाजपा, 7 में कांग्रेस, 2 में निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य बने हैं. राजगढ़ में सर्वाधिक 8 सदस्य भाजपा के जीते थे. लेकिन निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस कि भोरी देवी प्रधान बनी हैं.
लक्ष्मणगढ़ः लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा में आती है. विधायक कांग्रेस के जोहरी लाल मीणा हैं. लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति में कुल 21 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 3 पंचायत समिति पर भाजपा, 8 पंचायत समिति पर कांग्रेस और 10 पंचायत समिति पर निर्दलीय चुनाव जीते हैं. लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति से कांग्रेस की रवीना बानो प्रधान बनी हैं.
कोटकासिमः कोटकासिम पंचायत समिति किशनगढ़ बास विधानसभा में आती है. यहां बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक दीपचंद खेरिया हैं. यहां 15 में से 6 सीट भाजपा ने, 5 सीट कांग्रेस ने, और 4 सीट निर्दलीयों ने जीती. भले ही भाजपा के सबसे ज्यादा पंचायत समिति सदस्य जीते लेकिन निर्दलियों के सहारे प्रधान यहां कांग्रेस कि विनोद कुमारी प्रधान बनी हैं.
किशनगढ़ बासः किशनगढ़ बास पंचायत समिति किशनगढ़ बास विधानसभा में आती है. यहां से बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए दीपचंद खेरिया विधायक हैं. यहां पंचायत समिति की 27 सीट में से 7 पर भाजपा ,14 पर कांग्रेस ,5 पर निर्दलीय और एक सीट पर बीएसपी ने चुनाव जीता है. किशनगढ़ बास से कांग्रेस के बद्री प्रसाद प्रधान बने हैं.
बानसूरः बानसूर पंचायत समिति बानसूर विधानसभा में आती है. यहां से विधायक कांग्रेस की शकुंतला रावत हैं. बानसूर में कुल 23 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 10 पर भाजपा ,6 पर कांग्रेस और 7 पर निर्दलीय चुनाव जीते हैं. लेकिन निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच टाई हो गया. यहां लॉटरी से हुए चुनाव में कांग्रेस की सुमन ने चुनाव जीता.
रामगढ़ः रामगढ़ पंचायत समिति रामगढ़ विधानसभा में आती है. यहां से विधायक कांग्रेस की साफिया जुबेर हैं. रामगढ़ में कुल 31 पंचायत समिति सदस्यों में से 18 सीटों पर कांग्रेस, 7 पर भाजपा और 6 सीटों पर निर्दलीयों ने चुनाव जीता है. रामगढ़ से कांग्रेस के नसरू खान निर्विरोध प्रधान बने हैं.
उमरैणः उमरैण पंचायत समिति अलवर ग्रामीण में आती है. यहां से कांग्रेस के विधायक व मंत्री टीकाराम जूली हैं. उमरेन पंचायत समिति में कुल 27 पंचायत समिति सदस्य हैं. उनमें से 16 पर कांग्रेस, 7 पर भाजपा और 3 पर निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. उमरेण में कांग्रेस के पास वैसे भी पूर्ण बहुमत था. यहां पर कांग्रेस पार्टी के दौलतराम प्रधान बने हैं.
मालाखेड़ाः मालाखेड़ा पंचायत समिति अलवर ग्रामीण में आती है. यहां से विधायक व मंत्री टीकाराम जूली हैं. मालाखेड़ा में कुल 25 पंचायत समिति सदस्य हैं. यहां 12 सीटों पर कांग्रेस, 7 पर निर्दलीय और 6 पर भाजपा के सदस्य चुनाव जीते हैं. मालाखेड़ा से कांग्रेस की वीरवती प्रधान बनी हैं.
बाड़ीः बाड़ी पंचायत समिति बाड़ी विधानसभा के अंतर्गत आती है. जहां से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा हैं. बाड़ी में कुल 25 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 18 पर कांग्रेस, 4 पर बीजेपी और 3 पर निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. पूर्ण बहुमत से जीती बाड़ी पंचायत समिति से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के बेटे अजय सिंह प्रधान बने हैं.
राजाखेड़ाः राजाखेड़ा पंचायत समिति धौलपुर की राजाखेड़ा विधानसभा में आती है. यहां से विधायक कांग्रेस के रोहित बोहरा हैं. राजाखेड़ा में कुल 25 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 19 पर कांग्रेस, 4 पर भाजपा और 2 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. कांग्रेस की लता कंवर चुनाव जीती हैं.
धौलपुरः धौलपुर पंचायत समिति धौलपुर विधानसभा में आती है. यहां से विधायक भाजपा की शोभा रानी कुशवाहा हैं. धौलपुर पंचायत समिति में कुल 29 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 14 कांग्रेस, 10 भाजपा और 1 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य बना है. लेकिन वसुंधरा राज्य के गृह जिले धौलपुर से कांग्रेस की सीता कुशवाह प्रधान बनी हैं.
बसेड़ीः बसेड़ी पंचायत समिति बसेड़ी विधानसभा में आती है. यहां से कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बैरवा विधायक हैं. बसेड़ी में कुल 19 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 9 कांग्रेस के,4 भाजपा के और 6 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य बने हैं. यहां से कांग्रेस के अमित परमार प्रधान बने हैं.
इनमें निर्दलीय बने प्रधान
सरमथुराः सरमथुरा पंचायत समिति बसेड़ी विधानसभा में आती है. यहां से कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बैरवा विधायक हैं. सरमथुरा में कुल 15 पंचायत समिति सदस्य हैं. जिनमें से 4 पर कांग्रेस, 2 पर बीजेपी ,8 पर निर्दलीय और 1 पर बीएसपी के सदस्य चुनाव जीते हैं. सरमथुरा से निर्दलीय द्रोपदी जाटव प्रधान बनी हैं. द्रोपदी जाटव कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे संजय जाटव की मां हैं.
बहरोड़: बहरोड़ पंचायत समिति बहरोड विधानसभा में आती है. यहां से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव हैं. बहरोड़ पंचायत समिति में कुल 19 पंचायत समिति सदस्य हैं. इनमें से 9 सदस्य भाजपा, 2 सदस्य कांग्रेस और 8 सदस्य निर्दलीय चुनाव जीते हैं. बहरोड़ से निर्दलीय सरोज यादव प्रधान बनी हैं.