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उद्घाटन की राजनीति: तब भाजपा अब कांग्रेस अधूरे द्रव्यवती प्रोजेक्ट का काटेगी फीता

पहले भाजपा ने द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट (Incomplete Dravyavati River Project) का उद्घाटन किया था तो अब कांग्रेस इसका फीता काटेगी. खास बात ये है कि ये अति महत्वाकांक्षी परियोजना अभी भी अधूरी है. इसे भाजपा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट बताती आई है. परियोजना को हरी झंडी 2016 में दिखाई गई तो 16 किलोमीटर के अधूरे प्रोजेक्ट का विधानसभा चुनावों से ठीक पहले 3 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने लोकार्पण कर दिया.

incomplete dravyavati river project
उद्घाटन की राजनीति
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Published : Feb 26, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Feb 26, 2022, 10:03 AM IST

जयपुर. बीजेपी के बाद अब कांग्रेस सरकार भी द्रव्यवती नदी के अधूरे प्रोजेक्ट (Incomplete Dravyavati River Project) का उद्घाटन करने जा रही है. जयपुर विकास प्राधिकरण मार्च में द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के सेकंड फेज के उद्घाटन का दम जरूर भर रहा है लेकिन अभी भी गोनेर पुलिया से पदमापुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में द्रव्यवती नदी का काम अटका हुआ है.

हसनपुरा क्षेत्र में भी कुछ जगह नदी की दीवार नहीं बनाई जा सकती है. सीकर रोड पर मजार डैम के पास भी काम अधूरा पड़ा है. इनमें से कुछ जगह पर कोर्ट का स्टे भी है और फैसला आना बाकी है. ऐसे में अपनी तय डेडलाइन अक्टूबर 2018 के करीब साढ़े 3 साल बाद भी द्रव्यवती नदी के अधूरे प्रोजेक्ट के उद्घाटन की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Dravyavati River project deadline: लगातार बदल रही द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के पूरा होने की डेड लाइन, अब फरवरी 2022 तक पूरा करने का दावा

द्रव्यवती नदी जयपुर शहर के उत्तर दिशा में स्थित नाहरगढ़ पहाड़ियों से शुरू होकर 47.50 किमी की दूरी तय कर जयपुर शहर के दक्षिण भाग में ढूंढ नदी में जाकर मिलती है. हाल ही में जयपुर विकास प्रशासन ने टाटा प्रोजेक्टस लि. के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर और उनकी टीम के साथ प्रोजेक्ट की समीक्षा की. जिसमें द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट फेज-2 के पूरे काम के साथ नदी क्षेत्र की सफाई का काम करने के भी निर्देश दिए गए.

JDC का दावा: जेडीसी ने दावा किया कि द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का काम आगामी 15 से 31 मार्च के बीच पूरा कर दिया जाएगा. फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसका लोकार्पण करेंगे. उन्होंगे ये भी बताया कि द्रव्यवती नदी परियोजना की पूरी लम्बाई में चैनल निर्माण काम पूरा किया जा चुका है. 27 किमी सीमेन्ट कंक्रीट चैनल और 10.35 किमी पिचिंग का काम भी पूरा किया जा चुका है. द्रव्यवती नदी पर स्थित तीन बांध सीकर बांध (अम्बाबाड़ी), गूलर बांध और रामचन्द्रपुरा बांध की सफाई कर इनकी क्षमता का पुर्नस्थापन निर्मित है. वहां भू-जल संरक्षण के लिए संरचनाओं का निर्माण किया गया है.

चैनल के दोनों ओर लगभग 34.50 किमी में 5 मीटर चौड़ाई का वॉक-वे और साईकिल ट्रैक का निर्माण किया जा चुका है. नदी के दोनों ओर लैण्ड स्केपिंग और वृक्षारोपण किया गया है. 170 एमएलडी क्षमता के 5 सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट क्रियाशील किये जा चुके हैं.

ट्रीटमेंट प्लांटMLD क्षमता
बस्सी सीतारामपुरा (पानीपेच)20 एमएलडी
देवरी एसटीपी (शिप्रा पथ)15 एमएलडी
रिको एसटीपी (तरूछाया नगर)100 एमएलडी
बम्बाला25 एमएलडी
गोनेर10 एमएलडी


आधुनिक सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल: वन्य क्षेत्र में 17 गैबियन स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. नदी के दोनों तरफ लगभग 93 किमी में सीवरेज और ड्रेनेज का काम पूरा किया जा चुका है. 15 किमी से अधिक लम्बाई में सर्विस सड़क का निर्माण किया गया है. नदी के दोनों तरफ लगभग 37.50 किमी में कम्पाउण्ड वॉल का कार्य पूरा किया जा चुका है. यही नहीं द्रव्यवती नदी परियोजना का 30 किमी क्षेत्र चौबीस घंटे सीसीटीवी की नजर में रहेगा. वाई-फाई, आई-कियोस्क, स्मार्ट डस्टबीन, वेरिएबल मैसेज साईनेजेज, नदी के शहरी क्षेत्र में पब्लिक अनाउनसमेंट सिस्टम लगाए गए हैं. नदी क्षेत्र में फुटपाथ, सुविधा क्षेत्र स्ट्रीट लाईट्स आदि सुविधाएं विकसित की गई हैं. जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए 45 स्थानों पर पेयजल सुविधा और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं.

पढ़ें- विश्व नदी दिवस : एक नाला जो 1300 करोड़ पीकर भी नहीं बन पाया नदी..द्रव्यवती प्रोजेक्ट पर सवाल

दावों की सच्चाई और चुनौतियां: इन सभी कामों के बावजूद अभी भी द्रव्यवती नदी कुछ जगह नाला ही बनी हुई है या यूं कहें शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. आलम ये है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती डेहलावास के पास जमीन का विवाद, गोनेर पुलिया से पदमापुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में कोर्ट स्टे, हसनपुरा में नदी की दीवार अधूरी होने जैसी चुनौतियों पर अभी तक पार नहीं पाया जा सका है.

अब क्या शेष: लोकार्पण साईट के पास म्यूजिकल फाउण्टेन लगाया जायेगा और परियोजना की पूलिया पर फाउण्टेन लगाये जाने प्रस्तावित है. निर्देश दिए गए कि तीन थीमबेस्ड पार्क बर्ड पार्क, पानीपेच में निर्मित लगभग 5 कियोस्क, लैण्डस्केप पार्क, शिप्रा पथ, मानसरोवर में निर्मित लगभग 20 एक्जीबिशेन/हॉट बाजार कियोस्क, बॉटनिकल पार्क, बम्बाला पुलिया के पास, टोंक रोड में निर्मित लगभग 20 कियोस्क और मसाला चौक की तर्ज पर निर्मित कैफेटेरिया को नियमानुसार लीज पर दिये जाने की कार्रवाई जल्द की जाए. नगर निगम ग्रेटर जयपुर के अन्तर्गत डेहलावास एसटीपी के क्षमता विस्तार का काम किया जा रहा है. जिसके पूरा होने पर रामचन्द्रपुरा बांध के डाउन स्ट्रीम में भी ट्रीटेड वाटर प्रवाहित होगा. इन कामों को भी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.

जयपुर. बीजेपी के बाद अब कांग्रेस सरकार भी द्रव्यवती नदी के अधूरे प्रोजेक्ट (Incomplete Dravyavati River Project) का उद्घाटन करने जा रही है. जयपुर विकास प्राधिकरण मार्च में द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के सेकंड फेज के उद्घाटन का दम जरूर भर रहा है लेकिन अभी भी गोनेर पुलिया से पदमापुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में द्रव्यवती नदी का काम अटका हुआ है.

हसनपुरा क्षेत्र में भी कुछ जगह नदी की दीवार नहीं बनाई जा सकती है. सीकर रोड पर मजार डैम के पास भी काम अधूरा पड़ा है. इनमें से कुछ जगह पर कोर्ट का स्टे भी है और फैसला आना बाकी है. ऐसे में अपनी तय डेडलाइन अक्टूबर 2018 के करीब साढ़े 3 साल बाद भी द्रव्यवती नदी के अधूरे प्रोजेक्ट के उद्घाटन की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Dravyavati River project deadline: लगातार बदल रही द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के पूरा होने की डेड लाइन, अब फरवरी 2022 तक पूरा करने का दावा

द्रव्यवती नदी जयपुर शहर के उत्तर दिशा में स्थित नाहरगढ़ पहाड़ियों से शुरू होकर 47.50 किमी की दूरी तय कर जयपुर शहर के दक्षिण भाग में ढूंढ नदी में जाकर मिलती है. हाल ही में जयपुर विकास प्रशासन ने टाटा प्रोजेक्टस लि. के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर और उनकी टीम के साथ प्रोजेक्ट की समीक्षा की. जिसमें द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट फेज-2 के पूरे काम के साथ नदी क्षेत्र की सफाई का काम करने के भी निर्देश दिए गए.

JDC का दावा: जेडीसी ने दावा किया कि द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का काम आगामी 15 से 31 मार्च के बीच पूरा कर दिया जाएगा. फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसका लोकार्पण करेंगे. उन्होंगे ये भी बताया कि द्रव्यवती नदी परियोजना की पूरी लम्बाई में चैनल निर्माण काम पूरा किया जा चुका है. 27 किमी सीमेन्ट कंक्रीट चैनल और 10.35 किमी पिचिंग का काम भी पूरा किया जा चुका है. द्रव्यवती नदी पर स्थित तीन बांध सीकर बांध (अम्बाबाड़ी), गूलर बांध और रामचन्द्रपुरा बांध की सफाई कर इनकी क्षमता का पुर्नस्थापन निर्मित है. वहां भू-जल संरक्षण के लिए संरचनाओं का निर्माण किया गया है.

चैनल के दोनों ओर लगभग 34.50 किमी में 5 मीटर चौड़ाई का वॉक-वे और साईकिल ट्रैक का निर्माण किया जा चुका है. नदी के दोनों ओर लैण्ड स्केपिंग और वृक्षारोपण किया गया है. 170 एमएलडी क्षमता के 5 सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट क्रियाशील किये जा चुके हैं.

ट्रीटमेंट प्लांटMLD क्षमता
बस्सी सीतारामपुरा (पानीपेच)20 एमएलडी
देवरी एसटीपी (शिप्रा पथ)15 एमएलडी
रिको एसटीपी (तरूछाया नगर)100 एमएलडी
बम्बाला25 एमएलडी
गोनेर10 एमएलडी


आधुनिक सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल: वन्य क्षेत्र में 17 गैबियन स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. नदी के दोनों तरफ लगभग 93 किमी में सीवरेज और ड्रेनेज का काम पूरा किया जा चुका है. 15 किमी से अधिक लम्बाई में सर्विस सड़क का निर्माण किया गया है. नदी के दोनों तरफ लगभग 37.50 किमी में कम्पाउण्ड वॉल का कार्य पूरा किया जा चुका है. यही नहीं द्रव्यवती नदी परियोजना का 30 किमी क्षेत्र चौबीस घंटे सीसीटीवी की नजर में रहेगा. वाई-फाई, आई-कियोस्क, स्मार्ट डस्टबीन, वेरिएबल मैसेज साईनेजेज, नदी के शहरी क्षेत्र में पब्लिक अनाउनसमेंट सिस्टम लगाए गए हैं. नदी क्षेत्र में फुटपाथ, सुविधा क्षेत्र स्ट्रीट लाईट्स आदि सुविधाएं विकसित की गई हैं. जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए 45 स्थानों पर पेयजल सुविधा और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं.

पढ़ें- विश्व नदी दिवस : एक नाला जो 1300 करोड़ पीकर भी नहीं बन पाया नदी..द्रव्यवती प्रोजेक्ट पर सवाल

दावों की सच्चाई और चुनौतियां: इन सभी कामों के बावजूद अभी भी द्रव्यवती नदी कुछ जगह नाला ही बनी हुई है या यूं कहें शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. आलम ये है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती डेहलावास के पास जमीन का विवाद, गोनेर पुलिया से पदमापुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में कोर्ट स्टे, हसनपुरा में नदी की दीवार अधूरी होने जैसी चुनौतियों पर अभी तक पार नहीं पाया जा सका है.

अब क्या शेष: लोकार्पण साईट के पास म्यूजिकल फाउण्टेन लगाया जायेगा और परियोजना की पूलिया पर फाउण्टेन लगाये जाने प्रस्तावित है. निर्देश दिए गए कि तीन थीमबेस्ड पार्क बर्ड पार्क, पानीपेच में निर्मित लगभग 5 कियोस्क, लैण्डस्केप पार्क, शिप्रा पथ, मानसरोवर में निर्मित लगभग 20 एक्जीबिशेन/हॉट बाजार कियोस्क, बॉटनिकल पार्क, बम्बाला पुलिया के पास, टोंक रोड में निर्मित लगभग 20 कियोस्क और मसाला चौक की तर्ज पर निर्मित कैफेटेरिया को नियमानुसार लीज पर दिये जाने की कार्रवाई जल्द की जाए. नगर निगम ग्रेटर जयपुर के अन्तर्गत डेहलावास एसटीपी के क्षमता विस्तार का काम किया जा रहा है. जिसके पूरा होने पर रामचन्द्रपुरा बांध के डाउन स्ट्रीम में भी ट्रीटेड वाटर प्रवाहित होगा. इन कामों को भी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.

Last Updated : Feb 26, 2022, 10:03 AM IST
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