जयपुर. प्रदेश भर में शुक्रवार को केंद्रीय कृषि बिलों के विरोध में कांग्रेस ने धरने प्रदर्शन किए. कांग्रेस ने इसे 'किसान बचाओ खेत मजदूर बचाओ दिवस' का नाम दिया. लेकिन कांग्रेस पार्टी के धरने में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए 100 लोगों का धरना प्रदर्शन करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति ले ली और धरने में मास्क लगाकर भी नेता और कार्यकर्ता पहुंचे थे.
लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना इस धरने में नहीं हो सकी. इस चीज को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी स्वीकार किया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका है. लेकिन इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया. प्रताप सिंह ने कहा कि पूरे देश में किसान हर जाति और धर्म का है. किसान पर हमले का मतलब है भारत पर हमला. जिस तरीके से लाठी से तानाशाही से मोदी सरकार देश को चलाना चाहती है, अब तो वह खेत में और किसान के घर में घुस गए हैं.
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खाचरियावास ने कहा कि कृषि बिलों के विरोध में पूरा देश एक हो गया है, यह लड़ाई आर-पार की होगी. केंद्र सरकार अगर ईमानदार, पारदर्शी और संवेदनशील होती तो इस कोरोना के संकट के समय यह बिल लेकर नहीं आती. हम आज भी कोरोना संक्रमण के चलते 100 लोगों का धरना करना चाहते थे, सोशल डिस्टेंसिंग चाहते थे लेकिन केंद्र सरकार की गलती से कोरोना वायरस के संक्रमण में किसान को आंदोलन में झोंक दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि इस कोरोना से एक केंद्रीय मंत्री की मौत हो चुकी है, यूपी में दो मंत्रियों की मौत हो चुकी है. पूरे देश में कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो रहा है. यहां तक की मंत्री और मुख्यमंत्री भी इसकी जद में हैं. आम आदमी दुखी है परेशान है, लेकिन केंद्र सरकार फिर भी इस मुश्किल दौर में यह काला कानून लेकर आई.
प्रताप सिंह ने कहा कि यह जो पाप केंद्र सरकार ने किया है, इस पाप का फल केंद्र सरकार को मिलेगा. चाहे इस बिल के लिए कितनी भी लड़ाई कांग्रेस पार्टी को लड़नी पड़े पार्टी तैयार है. किसानों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में आर-पार की लड़ाई लड़ेगी.