जयपुर. 22 साल बाद देश में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को मतदान (Voting for Congress President 2022) हुआ. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय भी 22 साल बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के मतदान का साक्षी बना. सुबह 10 बजे वोटिंग प्रक्रिया शुरू हुई,लेकिन नेताओं का प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने का सिलसिला 10 बजे पहले ही शुरू हो गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष के मतदान के दौरान राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मतदान के कई रंग भी दिखाई दिए. इसमें सबसे पहले वोट करने का दावा नेताओं की ओर से किया गया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री विश्वेंद्र सिंह और पीसीसी उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने अपनी-अपनी तरफ से यह दावे किए कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के लिए राजस्थान से पहला वोट किया है. हालांकि एक बूथ पर सबसे पहला वोट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किया. लेकिन दूसरे बूथ पर राजेंद्र चौधरी और विश्वेंद्र सिंह में से एक नेता ने पहले वोट किया.
मानवेंद्र बोले मतदान का मौका कांग्रेस में मिलाः पीसीसी सदस्य के तौर पर मानवेंद्र सिंह भी मतदान करने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. मानवेंद्र सिंह ने वोट करने के बाद कहा कि वह लंबे समय तक भाजपा में रहे हैं. लेकिन किसी पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मतदान करने का मौका उन्हें पहली बार कांग्रेस में ही मिला है. ऐसे में मेरा कांग्रेस पार्टी में वोट करना ही यह बताता है कि किस पार्टी में लोकतंत्र है.
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पति-पत्नी के जोड़े भी वोट देने साथ पहुंचेः राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में हुए मतदान में पति पत्नी के जोड़े भी वोट देने एक साथ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. इनमें उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, उनकी पत्नी सुनीता चौधरी और मंत्री मुरारी लाल मीणा व उनकी पत्नी सविता मीणा शामिल रही. वहीं पूर्व मंत्री डॉक्टर जितेंद्र अपनी पुत्र वधू के साथ पीसीसी में वोट कास्ट करने पहुंचे.
जब महेंद्र चौधरी से मतदान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा की लेडिज फर्स्ट के फार्मूले पर मैंने अपनी पत्नी से पहले वोट करवाया है. वहीं उनकी पत्नी सुनीता चौधरी ने कहा की मेरे पति पर काम का दबाव ज्यादा है, इसलिए वह बाद में वोट करेंगे. इसी तरह वोट देकर बाहर आए मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी सविता मीणा से पहले वोट दिया है. क्योंकि वह लोकसभा में राजस्थान में सबसे कम अंतर से हारने वाली नेताओं में से एक हैं.
दिव्या मदेरणा हुई नाराजः विधायक दिव्या मदेरणा के पिता महिपाल मदेरणा की सोमवार को पुण्यतिथि थी. यही कारण था कि दिव्या मदेरणा सबसे पहले वोट देने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गई. जिससे वह अपने पिता की पुण्यतिथि पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल हो सके. लेकिन जैसे ही दिव्या मदेरणा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंची तो उनसे सेवादल के कार्यकर्ताओं ने वोटर आईडी कार्ड के तौर पर मिला पीसीसी सदस्य का कार्ड मांगा. इस पर दिव्या मदेरणा नाराज हो गई. उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री से भी आई कार्ड देखा जाएगा?. वहीं बाद में जब दिव्या मदेरणा वोट देने के बाद बाहर निकली तो उनकी गाड़ी को पीसीसी के बाहर बैरिकेडिंग पार नहीं आने दिया गया. इस पर भी दिव्या मदेरणा नाराज हो गई. हालांकि बाद में दिव्या मदेरणा की नाराजगी देखते हुए उनकी गाड़ी को पीसीसी के बाहर तक आने की इजाजत दे दी गई. दिव्या मदेरणा पीसीसी के बाहर से ही अपनी गाड़ी में बैठ कर रवाना हुई.
मुख्यमंत्री ने पीसीसी के बाहर बैठकर की गपशपः पीसीसी सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वोट देने पीसीसी कार्यालय (CM Gehlot votes in Congress president election) पहुंचे. वोट देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीसीसी के बाहर लगे टेंट के नीचे आकर बैठ गए और मीडिया कर्मियों से उन्होंने काफी देर तक गपशप की.