जयपुर. दिल्ली सरकार ने जिस तरह से कोरोना महामारी में उन बच्चों की पढ़ाई का कर्ज उठाने की घोषणा की है, जो कोरोना के चलते अनाथ हो गए हैं. उसी तर्ज पर अब राजस्थान में कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के संयोजक राजेंद्र सेन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख यह मांग की है कि जिन बच्चों के सिर से मां-बाप का आसरा उठ चुका है. उनकी पढ़ाई का और जिन बुजुर्गों से उनके सहारे उनके बच्चे छिन गए हैं, उनकी परवरिश भी राजस्थान सरकार करे.
सेन ने पत्र के जरिए मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोविड -19 की दूसरी प्राण घातक लहर में कई बच्चों के मां-बाप दोनों जान गंवा चुके हैं. इन बच्चों का कोई सहारा नहीं बचा है. इनकी फीस कौन भरेगा. हजारों बच्चों की पढ़ाई छूट जायेगी. ऐसे बच्चों की सरकारी और प्राइवेट दोनों स्तर पर स्कूल से विश्वविद्यालय तक की पढ़ाई नि:शुल्क कर दी जाए, ताकि ये बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहें और अपना भविष्य बना सकें.
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सेन ने कहा कि इसी प्रकार जिन बुजुर्ग माता-पिता के सहारे बच्चे कोरोना काल में जान गंवा चुके हैं. उन मां-बाप का कोई सहारा नहीं है. उनकी परवरिश की व्यवस्था सरकार द्वारा कर उनका सहारा बनें, ताकि वे बुजुर्ग मां-बाप बचा हुआ जीवन जी सकें.