जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. खुद चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने विधानसभा में यह बात भी कही कि राजस्थान के लोग अब इससे जुड़ी सावधानियां भी छोड़ रहे हैं. जो कि खतरे की घंटी है, लेकिन कांग्रेस के ही विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह कहते हैं कि कोरोना महज जुकाम का ही रूप है और इसकी आड़ में गंभीर बीमारियों का उपचार प्रभावित ना हो, इसकी व्यवस्था करना चाहिए. डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि कोविड-19 के मरीज को समाज में ऐसे देखा जाता है, जैसे पहले लेपर्ड को देखा जाता था.
राजस्थान विधानसभा में कोविड-19 प्रबंधन और लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति पर हुए असर पर चर्चा में शामिल होते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने ये बात कही. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले जब प्रतिदिन 30 कोविड-19 के पॉजिटिव मरीज आते थे, तब डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों को क्वॉरेंटाइन भी किया जाता था. अब जब 300 से अधिक केस रोजाना आ रहे हैं, तब डॉक्टर को क्वॉरेंटाइन करना छोड़ दिया है. ये एक गंभीर बात है.
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खेतड़ी से कांग्रेस विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज जरूरत है कि जो सुपर स्प्रेडर है. उनकी रेगुलर जांच की जाए, ताकि कोरोना संक्रमण ज्यादा ना बढ़े. वहीं कोरोना महामारी के चलते जो राजस्थान में होटल और एजुकेशन से जुड़ा काम ठप हुआ है, उसी तरह भी सरकार ध्यान दें. हालांकि जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से राजस्थान देश में कोविड-19 मरीजोंं की संख्या के लिहाज से 13वें नंबर पर है, जो राहत की बात है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस दौरान यह भी कहा कि जिस तरह विधायकों ने अपने एक-एक माह का वेतन इस महामारी के दौरान दिया था, वैसे अब 1 दिन का भी वेतन दें तो यह मुहिम और आगे बढ़ेगी. इस दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने मौजूदा व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ सुझाव भी दिए.