जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बजट (Rajasthan Budget Session 2022) पर वाद विवाद के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन खान (Congress MLA Target Gehlot Government) ने अपनी पार्टी कांग्रेस पर ही सवाल उठा दिए. अमीन खान ने कहा कि हम कमजोर वर्ग में आते हैं और सब जानते हैं कि 95 फीसदी पोलिंग भी करते हैं. जिसमें से 99 फीसदी पोलिंग कांग्रेस के पक्ष में होती है, लेकिन हम बीजेपी का जितना जोखिम उठाते हैं उतना हमें इंसाफ नहीं मिलता.
उन्होंने कहा कि भाजपा को हम इसकी शिकायत नहीं कर सकते. क्योंकि भाजपा को हम वोट ही नहीं देते. लेकिन कांग्रेस की जो पुरानी आदत है मेहरबानी करके कांग्रेस इस आदत को बदले. क्योंकि लोग अब अनजान नहीं रहे और आप चोट खा जाओगे. अमीन खान ने कहा की कांग्रेस गलतफहमी में नहीं रहे पहले गांव में अनजान लोग थे. अब लोग जानकार हो गए हैं. कांग्रेस हम गरीबों के लिए विशेष रियायत दे क्योंकि किसी भी वर्ग में 95 फीसदी पोलिंग नहीं होती. कोई भी वर्ग 99 फीसदी वोट एक पार्टी को नहीं देता.
उन्होंने प्रदेश कैबिनेट में दिए गए महकमों पर भी सवाल उठाते हुए कहा की शेड्यूल कास्ट के चार मंत्री बनाए गए. जबकि हमारा एक कैबिनेट मिनिस्टर साले मोहम्मद है. जिसके पास केवल कब्रों का काम है. जिसका मुसलमान के अलावा किसी से लेना देना नहीं और जाहिदा के पास गवर्नमेंट प्रेस का काम है. जिनसे हमें कोई किताब छपवानी नहीं. जबकि वसुंधरा राजे के पास यूनुस खान केवल एक मिनिस्टर था. लेकिन उसके पास दो महत्वपूर्ण विभाग थे. जबकि हर कोई जानत हैं कि यूनुस खान तबलीग जमात का आदमी है और पक्का मुसलमान है.
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हिंदू राज्य हो गया तो भी कोई नहीं मारेगा : कांग्रेस के शिव से विधायक अमीन खान आज कांग्रेस से खासे नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि बजट में उन्हें नजरअंदाज किया गया है. यह आम बजट है हमारे लिए बजट नहीं. अमीन खान ने कहा कि भाजपा हिंदुत्व की ज्यादा बात करती है, लेकिन हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि किसी को मारेंगे नहीं. अगर हिंदू राज हो गया तो भी हम को तसल्ली है कि कोई हमको मारेगा नहीं.
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यह तो केवल बातें बनाने की बातें हैं. उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में वोट कांग्रेस को मिलता है. उसके बावजूद भी बजट में सड़कों के नाम पर मेरे क्षेत्र में 1 इंच भी सड़क घोषित नहीं की गई. इसके साथ ही अमीन खान ने उर्दू भाषा को लेकर कहा की उर्दू भाषा कोई पाकिस्तान के बाप की भाषा नहीं है या यह केवल मुसलमानों की भाषा नहीं है. उन्होंने कहा कि उर्दू असली हिंदुस्तान की भाषा है, आज भी जिला हेड क्वार्टर में जब अलग से थाने बनाए जाते हैं तो उन्हें सदर थाना कहा जाता है.
यह सदर शब्द हिंदी या संस्कृत का नहीं बल्कि उर्दू का है. वहीं पुलिस की तफ्तीश में रोजनामचा, आम रोजनामचा, तफ्तीश, मौका मुआयना शब्द आज तक लिखे जाते हैं, जो उर्दू के शब्द हैं. इसका मतलब है कि उर्दू मोहब्बत और अदब वाली भाषा है. अमीन खान ने कहा कि राजस्थान में गांव, शहरों में हजारों मदरसे हैं. इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को उर्दू का महत्व नहीं दिया जाता, जो मुसलमानों के साथ यह सही व्यवहार नहीं है.