जयपुर. राजधानी जयपुर में बुधवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से 13 जिलों के सभी कांग्रेस जन प्रतिनिधियों को जयपुर बुलाया गया और ईआरसीपी को लेकर आगे की रणनीति बनाई गई. ईआरसीपी योजना भले ही भाजपा राज में घोषित की गई हो, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस योजना को लेकर काफी गंभीर हैं. यही कारण है कि इस मामले पर कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने साफ कह दिया कि केंद्र की सरकार में बैठे लोग खतरनाक हैं और कोई कमी निकाल कर चाहे मुझे दबाव में लेने के लिए ईडी भेजें या इनकम टैक्स. लेकिन मैं इनके दबाव में नहीं आऊंगा और यह योजना बंद नहीं करूंगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद जनता के हितों को देखते हुए हमने इस योजना के लिए 9,600 करोड़ रुपए के बजट का इंतजाम किया है. लेकिन यह साफ है कि अगर केंद्र मदद नहीं करेगा तो (CM Gehlot Targets Modi Government) इस योजना को लागू होने में समय भी लगेगा और लागत भी बढ़ेगी. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में फेडरल सिस्टम से गवर्नमेंट चलती है. राज्य और केंद्र मिलकर सरकार चलाते हैं, हम कोई केंद्र सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि यह हमारा हक है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इनकी हिम्मत देखिए कि इन्होंने चीफ सेक्रेटरी को इस योजना को बंद करने के लिए लिख दिया. जबकि पानी हमारा, कैचमेंट एरिया हमारा, किसी दूसरे राज्य का डूब क्षेत्र नहीं आ रहा और संसाधन भी हमारे, उसके बाद यह कौन होते हैं जो हमें कहें कि इस योजना को बंद कर दो. उन्होंने कहा कि पानी राज्य का विषय है ना कि केंद्र का जो आपने कह दिया कि इस योजना को बंद कर दीजिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कहा कि मैं इस योजना को किसी हाल में बंद नहीं होने दूंगा. उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार में बैठे लोग इतने खतरनाक हैं कि अब इसमें भी कोई ना कोई कमी निकाल कर ईडी और इनकम टैक्स भेज देंगे. लेकिन हम डरने वाले नहीं. यह कुछ भी कर लें, लेकिन ईआरसीपी का काम आगे बढ़कर रहेगा.
महाराष्ट्र के बाद अब आगे किस राज्य का नंबर आप समझ जाओ: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईआरसीपी को लेकर अपनी बात तो रखी ही. साथ ही उन्होंने एक बार फिर भाजपा पर सरकारें गिराने और लोकतंत्र की हत्या करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इन्होंने इनकम टैक्स और ईडी को मजाक बना रखा है. महाराष्ट्र में क्या हुआ, यह सब ने देख लिया. पहले कर्नाटक, फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान और अब महाराष्ट्र में सब ने देख लिया, इन्होंने क्या किया. अब पता नहीं अगली बार किस राज्य की है. यही इनका लोकतंत्र है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के हत्यारे हैं जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है. जो कन्हैयालाल की हत्या के 7 दिन बाद उसके घर जा रहे हैं. जहां मैंने अपने सारे प्रोग्राम कैंसिल किए. वहीं, भाजपा के प्रमुख नेता सर्वदलीय बैठक में भी नहीं आए. उन्होंने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री अपना दौरा बीच में छोड़ सकता है तो फिर विपक्ष तो कम से कम अपनी भूमिका सही से निभा ही सकता था.
कांग्रेस अब चलाएगी ईआरसीपी को लेकर हस्ताक्षर अभियानः राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के सभी जनप्रतिनिधियों को जयपुर बुलाया गया था. अब कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि इस मुद्दे पर वह जिला स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करेगी. साथ ही कांग्रेस पार्टी अब ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करवाने के लिए (Congress Strategy on Eastern Rajasthan Canal Project) प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी. कांग्रेस हस्ताक्षर अभियान चलाकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी.
युवक करने लगा हंगामाः कार्यक्रम के दौरान अचानक उस समय हंगामे के हालात बन गए, जब एक युवक (Uproar in Congress Jaipur Program) मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखने के लिए हंगामा करने लगा. अचानक हुए हंगामे के बाद पुलिस सक्रिय हो गई और तुरंत उस युवक को स्थल से बाहर निकाल दिया गया.
माकन भाषण दे दिल्ली हुए रवाना, पायलट नहीं आए कार्यक्रम मेंः कांग्रेस पार्टी की ओर से ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर राजधानी जयपुर में बड़ी बैठक बुलाई गई. जिसमें प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी हिस्सा लेने पहुंचे. हालांकि, शुरुआत में ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह साफ कर दिया कि जरूरी काम के चलते अजय माकन जल्दी ही दिल्ली रवाना हो जाएंगे. अजय माकन अपना भाषण देने के कुछ देर बाद ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. पूर्वी राजस्थान का कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़े नेता माने जाने वाले सचिन पायलट इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने. इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा भी बनी हुई है.
मंच पर नहीं मिली जयपुर को छोड़ पूर्वी राजस्थान के किसी मंत्री को जगहः ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की रणनीति बनाने के लिए हुए कार्यक्रम में जयपुर को छोड़ किसी जिले के मंत्रियों को मंच पर स्थान नहीं दिया गया. मंत्री प्रताप सिंह और मंत्री राजेंद्र यादव को जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष और मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय मंत्री, महेश जोशी और मंत्री भंवर सिंह भाटी को विभाग के मंत्री होने और मंत्री गोविंद मेघवाल को जयपुर संभाग का प्रभारी होने के चलते मंच पर जगह मिली.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही पूर्व राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष रहे चंद्रभान को भी मंच पर जगह दी गई. जबकि पूर्वी राजस्थान के मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद होने के बावजूद मंच पर स्थान नहीं पा सके. चाहे परसादी लाल मीणा हों, ममता भूपेश हों, रमेश मीणा हों, जाहिदा हों, भजन लाल जाटव या फिर क्षेत्र के विधायक, किसी को मंच पर स्थान नहीं मिला.