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करण की पीड़ा : हम कांग्रेसियों के काम नहीं हो रहे...निर्दलीयों-बसपाइयों से काम चला रहे गहलोत, चुनाव में कांग्रेस उठाएगी खामियाजा

पूर्व सांसद डॉक्टर करण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मजबूरी है कि वे निर्दलीय और बसपा विधायकों से काम चला रहे हैं. हमारे क्षेत्रों में कांग्रेस के प्रत्याशियों की सुनवाई नहीं हो रही है, ऐसे में ढाई साल बाद पार्टी चुनाव में पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ेगा.

पूर्व सांसद करण सिंह का बयान
पूर्व सांसद करण सिंह का बयान
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Published : Aug 9, 2021, 2:57 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 4:49 PM IST

जयपुर. पूर्व सांसद करण सिंह ने आगाह किया है कि गहलोत सरकार निर्दलीयों और बसपा विधायकों के भरोसे चल रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ेगा. करण सिंह अजय माकन से मिलकर उन्हें तवज्जो नहीं मिलने की शिकायत भी कर चुके हैं.

करण सिंह ने कहा कि जो कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा से हारे थे, उनके काम विधायकों की तरह किये जा रहे हैं, लेकिन हमें तवज्जो नहीं मिल रही है. करण सिंह ने मुख्यमंत्री से काम में बंटवारा करने की मांग की.

पूर्व सांसद करण सिंह यादव की पीड़ा छलकी

राजस्थान में 11 निर्दलीय और 7 बीएसपी के विधायकों को कांग्रेस विधायकों पर मिल रही तवज्जो से कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में हारे नेताओं में नाराजगी है. यही कारण है कि ये प्रत्याशी उपेक्षा की शिकायत अजय माकन से भी कर चुके हैं. पूर्व सांसद और विधायक रहे करण सिंह यादव ने भी आज इस बात पर सवाल खड़े किए कि निर्दलीयों और 6 बसपा के विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के कोई काम नहीं हो रहे हैं.

डॉ. करण सिंह यादव ने कहा की दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात कर हमने यह बात भी बता दी है. करण सिंह यादव ने कहा कि मैंने जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, वहां बसपा के विधायक ने भी चुनाव लड़ा और निर्दलीय विधायक जीत गए. वर्तमान स्थिति में जिस तरीके से उन विधायकों को बढ़ावा दिया गया, हम लोग तो एक तरीके से नगण्य हो गए हैं.

पढ़ें- डोटासरा पर कालीचरण सराफ का 'प्रहार' कहा- समधी को नियम विरुद्ध प्रमोशन दिलाकर भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाया

इन 19 विधानसभा सीट से तो कांग्रेस के लोग अपने आप को लेफ्ट आउट मानते हैं. हम लोगों की कोई डिजायर मानी नहीं जाती. नगर पालिका क्षेत्रों में मनोनयन की बात भी इन्हीं विधायकों के जरिए हो रही है. उन्हीं लोगों की चलती है. करण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मजबूरी है कि उन लोगों को खुश रख कर सरकार चला रहे हैं. लेकिन इससे कांग्रेस का नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता जो अपने आप को उपेक्षित मानता है, इसमें मुख्यमंत्री को ऐसा बंटवारा करें कि कुछ काम हमारे हों और कुछ उनके. अगर हमको बिल्कुल साइड में कर दिया जाएगा तो आगे ढाई साल बाद चुनाव में परिणाम नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में आस्था है और हम समझते हैं कि मुख्यमंत्री हमारे ढाई साल के नुकसान की क्षतिपूर्ति करेंगे.

करण सिंह ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता, खास तौर पर जहां 11 निर्दलीय और 6 बसपा के प्रत्याशी जीत कर आए हैं, वहां कांग्रेस के प्रत्याशियों की नहीं चल रही है. जबकि जो कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा के विधायकों से चुनाव हारे वहां वह विधायक की तरह काम कर रहे हैं. यही स्थितियां हम लोग बताकर आए हैं. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व सांसद करण सिंह यादव कांग्रेस के प्रत्याशी आरसी यादव और पूर्व मंत्री और प्रत्याशी रहे दुरु मियां अजय माकन से मिलकर आए हैं.

जयपुर. पूर्व सांसद करण सिंह ने आगाह किया है कि गहलोत सरकार निर्दलीयों और बसपा विधायकों के भरोसे चल रही है, जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ेगा. करण सिंह अजय माकन से मिलकर उन्हें तवज्जो नहीं मिलने की शिकायत भी कर चुके हैं.

करण सिंह ने कहा कि जो कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा से हारे थे, उनके काम विधायकों की तरह किये जा रहे हैं, लेकिन हमें तवज्जो नहीं मिल रही है. करण सिंह ने मुख्यमंत्री से काम में बंटवारा करने की मांग की.

पूर्व सांसद करण सिंह यादव की पीड़ा छलकी

राजस्थान में 11 निर्दलीय और 7 बीएसपी के विधायकों को कांग्रेस विधायकों पर मिल रही तवज्जो से कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में हारे नेताओं में नाराजगी है. यही कारण है कि ये प्रत्याशी उपेक्षा की शिकायत अजय माकन से भी कर चुके हैं. पूर्व सांसद और विधायक रहे करण सिंह यादव ने भी आज इस बात पर सवाल खड़े किए कि निर्दलीयों और 6 बसपा के विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के कोई काम नहीं हो रहे हैं.

डॉ. करण सिंह यादव ने कहा की दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात कर हमने यह बात भी बता दी है. करण सिंह यादव ने कहा कि मैंने जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, वहां बसपा के विधायक ने भी चुनाव लड़ा और निर्दलीय विधायक जीत गए. वर्तमान स्थिति में जिस तरीके से उन विधायकों को बढ़ावा दिया गया, हम लोग तो एक तरीके से नगण्य हो गए हैं.

पढ़ें- डोटासरा पर कालीचरण सराफ का 'प्रहार' कहा- समधी को नियम विरुद्ध प्रमोशन दिलाकर भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाया

इन 19 विधानसभा सीट से तो कांग्रेस के लोग अपने आप को लेफ्ट आउट मानते हैं. हम लोगों की कोई डिजायर मानी नहीं जाती. नगर पालिका क्षेत्रों में मनोनयन की बात भी इन्हीं विधायकों के जरिए हो रही है. उन्हीं लोगों की चलती है. करण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मजबूरी है कि उन लोगों को खुश रख कर सरकार चला रहे हैं. लेकिन इससे कांग्रेस का नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता जो अपने आप को उपेक्षित मानता है, इसमें मुख्यमंत्री को ऐसा बंटवारा करें कि कुछ काम हमारे हों और कुछ उनके. अगर हमको बिल्कुल साइड में कर दिया जाएगा तो आगे ढाई साल बाद चुनाव में परिणाम नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में आस्था है और हम समझते हैं कि मुख्यमंत्री हमारे ढाई साल के नुकसान की क्षतिपूर्ति करेंगे.

करण सिंह ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता, खास तौर पर जहां 11 निर्दलीय और 6 बसपा के प्रत्याशी जीत कर आए हैं, वहां कांग्रेस के प्रत्याशियों की नहीं चल रही है. जबकि जो कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा के विधायकों से चुनाव हारे वहां वह विधायक की तरह काम कर रहे हैं. यही स्थितियां हम लोग बताकर आए हैं. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व सांसद करण सिंह यादव कांग्रेस के प्रत्याशी आरसी यादव और पूर्व मंत्री और प्रत्याशी रहे दुरु मियां अजय माकन से मिलकर आए हैं.

Last Updated : Aug 9, 2021, 4:49 PM IST
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