जयपुर. राजस्थान में 49 स्थानीय निकाय निगमों के नतीजे मंगलवार को आएंगे, लेकिन इससे पहले ही सभी निकाय निगमों के प्रत्याशियों को कांग्रेस पार्टी ने अलग-अलग जगह बाड़ेबंदी में रख दिया है. कांग्रेस पार्टी इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार भी कर रही है और इसे बाड़ेबंदी का नाम ना देकर प्रशिक्षण शिविर का नाम दे रही है.
राजस्थान कांग्रेस के संगठन महामंत्री महेश शर्मा ने कहा कि प्रभारी मंत्री, प्रभारी संगठन पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष की देखरेख में जहां पर भी चुनाव हुआ है, वहां पर एतिहाद के रूप में कांग्रेस पार्टी ने यह कदम उठाया है. शर्मा ने कहा कि मतगणना के लिए सभी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. फिलहाल, कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी प्रत्याशियों को एक साथ रखा जा रहा है. लेकिन कहा जा रहा है कि मंगलवार को जैसे ही नतीजे आएंगे और जहां बोर्ड बनाने की स्थिति में कांग्रेस होगी वहां के जीते हुए प्रत्याशियों की फिर से बाड़ेबंदी कर दी जाएगी. वहीं, उन निकायों में भी जीते हुए प्रत्याशियों को रखा जाएगा जहां पर जोड़-तोड़ से भी बोर्ड बनाया जा सकता है.
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बोर्ड बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने प्रभारी मंत्री, प्रभारी संगठन पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और स्थानीय विधायकों को यह जिम्मेदारी दे दी है. साथ ही आगे की बाड़ेबंदी किस तरह से होनी है, वह यही नेता तय करेंगे. वहीं, 26 नवंबर तक बोर्ड बनने तक सभी प्रत्याशियों को एक जगह कैसे रखा जा सके इसकी प्लानिंग भी यही नेता करेंगे. महेश शर्मा ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर कहा कि इतिहास है कि हमेशा हर राजनीतिक पार्टी बनती है और उसी के तहत कांग्रेस ने भी यह कदम उठाया है, तभी सभी प्रत्याशियों को प्रशिक्षण देने के लिए एक साथ रखा गया है.
हालांकि, शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने टिकट सोच समझकर और कांग्रेस मानसिकता वाले नेताओं को दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टूट-फूट की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कभी बाड़ेबंदी नहीं होती है, यहां पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं जो फिलहाल प्रत्याशियों का चल रहा है.