जयपुर. राजस्थान में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव की घोषणा कभी भी की जा सकती है. इसके लिए अब कांग्रेस पार्टी तैयारियों में जुट गई है.
यही कारण है कि दोनों विधानसभा सीटों के लिए टिकट चयन से लेकर अन्य चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से 7-7 सदस्यीय कमेटी बना दी गई है. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आज दोनों विधानसभा सीटों के लिए इस कमेटी की घोषणा की है.
वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए बनी कमेटी के सदस्य प्रताप सिंह खाचरियावास (प्रभारी मंत्री उदयपुर), प्रमोद जैन भाया (मंत्री), उदयलाल आंजना (मंत्री), गणेश घोघरा (विधायक और अध्यक्ष यूथ कांग्रेस), दयाराम परमार (विधायक), लाखन मीणा (महासचिव प्रदेश कांग्रेस) और पुष्कर डांगी (पूर्व विधायक) हैं.
धरियावद विधानसभा उपचुनाव के लिए बनी कमेटी के सदस्य अर्जुन लाल बामणिया (प्रभारी मंत्री प्रतापगढ़), अशोक चांदना (मंत्री), रघुवीर मीणा (कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य), रामलाल मीणा (विधायक), दिनेश खोडनिया (निवर्तमान जिला कांग्रेस अध्यक्ष डूंगरपुर), महेंद्रजीत सिंह मालवीय (उपाध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस) और धर्मेंद्र राठौड़ (पूर्व चेयरमैन बीज निगम) हैं.
कोरोना के चलते राजस्थान विधानसभा ने साल 2020 और 2021 में चार विधायक खो दिये. इनमें से विधायक किरण माहेश्वरी की विधानसभा सीट राजसमंद और विधायक कैलाश त्रिवेदी की विधानसभा सीट सहाड़ा में उपचुनाव हुए. साल 2021 भी राजस्थान विधानसभा के सदस्यों के लिए मनहूस साबित हुआ. कोरोना से 20 जनवरी को कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया तो वही धरियावद से भाजपा विधायक गौतम मीणा का भी 19 मई को कोरोना से निधन हो गया था.
अब इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसमें भाजपा और कांग्रेस के पास एक-एक सीट कब्जे में थी. ऐसे में इन सीटों को जीतने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्ट्रेटजी शुरू कर दी है. इसी के तहत आज इस कमेटी का भी गठन किया गया है.
राजस्थान में वल्लभनगर विधानसभा से विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत का नाम टिकट दिए जाने में सबसे आगे है. हालांकि यहां से अन्य नामों पर भी विचार चल रहा है. लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई प्रीति शक्तावत की मुलाकात के बाद यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस सीट से प्रीति शक्तावत को उतार सकती है.
धरियावद विधानसभा से कांग्रेस पार्टी पूर्व प्रत्याशी नागराज के अलावा अन्य प्रत्याशियों की तरफ भी देख रही है. साल 2008 में तो नागराज ने जीत दर्ज की थी. लेकिन साल 2013 और साल 2018 के विधानसभा चुनाव में नागराज गौतम लाल से हार गए थे. ऐसे में लगातार दो चुनाव हारने के चलते अब अन्य प्रत्याशियों पर भी विचार कांग्रेस पार्टी की ओर से किया जा रहा है.