जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस अग्निपथ योजना के विरोध में (Agniveer Scheme Protest) जिस तरह से सड़कों पर उतरने की योजना बना रही थी, खुद को युवाओं का खैरख्वाह बताने की जुगत में थी फिलहाल उस पर ब्रेक लग गया है. इस मसले को भुनाने में उसके आड़े उदयपुर हत्याकांड आ गया. कन्हैया लाल की बर्बर हत्या के बाद अग्निवीर की खिलाफत गौण हो गई है. माहौल फिलहाल इस टॉपिक पर बात रखने का नहीं है. सूत्रों के मुताबिक इस बदले वक्त में कांग्रेस राजस्थान में तो कम से कम अग्नीपथ योजना के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा कर पाएगी (Agniveer Scheme Protest Fades away) लेकिन अब कांग्रेस पार्टी का प्रयास है की जल्द ही वो इस मुद्दे से बाहर निकले और दूसरे राजनीतिक मुद्दे के साथ सड़क पर उतरे.
ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना एक ऐसा ही मुद्दा है. पार्टी का मानना है कि ये मुद्दा ऐसा है जो कम से कम राजस्थान के पूर्वी हिस्से को पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है. यही कारण है कि आज मुख्यमंत्री आवास पर भी ईआरसीपी को लेकर बैठक बुलाई गई है. बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत 13 जिलों के प्रमुख नेताओं और इस योजना से जुड़े मंत्रियों विधायकों को भी बुलाया गया है.
6 जुलाई को होगा प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन: ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना के तहत राजस्थान के 13 जिलों अलवर, भरतपुर, धौलपुर ,करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी ,कोटा, झालावाड़ और बारां की 86 विधानसभा सीटें आती हैं. ऐसे में माना जाए तो आधा राजस्थान ही इस परियोजना की जद में है. यही कारण है कि कांग्रेस गाहे बगाहे मुद्दा उछालती रही है. पूरी प्लानिंग के साथ गहलोत की टीम अब सड़कों पर उतरेगी. आज बैठक के बाद इसे लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी और कहा जा रहा है कि 6 जुलाई को कांग्रेस पार्टी प्रदेश के सभी जिलों में ERCP के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करेगी. इससे पहले 13 अप्रैल को भी इस योजना के तहत आने वाले 13 जिलों पर धरने प्रदर्शन किए गए थे.