जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा के साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा और पंचायती राज चुनाव की डेट टकरा रही है. एक परीक्षा उनकी डिग्री कम्प्लीट कराएगी तो दूसरी उनके भविष्य की दिशा तय करेगी. जबकि उनके क्षेत्र का विकास पंचायती राज चुनाव में उनके वोट पर निर्भर करेगा. ऐसे में छात्रों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई कि आखिर किस परीक्षा को दें और किसे छोड़ें. और क्या परीक्षा के चलते उन्हें अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा.
प्रदेश में इस पूरे महीने परीक्षाओं का दौर चलेगा. सरकार से मिले निर्देश पर राजस्थान विश्वविद्यालय 18 सितंबर से यूजी और पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने जा रहा है. वहीं, 14 सितंबर से 27 सितंबर के बीच 4 बड़ी प्रतियोगिता परीक्षाएं भी आयोजित हो रही हैं. इसमें लाखों छात्र अपने भविष्य की दिशा तय करने के लिए भाग लेंगे. कोरोना संक्रमण के बीच 5 महीने बाद परीक्षाओं का दौर शुरू तो हुआ, लेकिन यही परीक्षाएं छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर रही हैं.
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दरअसल, विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के दौरान आरपीएससी, एसीएफ और फॉरेस्ट रेंजर की परीक्षा करा रहा है. 20 से 27 सितंबर के बीच होने वाली इस परीक्षा के कुछ अभ्यर्थियों की विश्वविद्यालय की परीक्षा भी इसी दौरान होनी है. इस बीच शोध छात्र सिद्धार्थ भी एसीएफ की तैयारी भी कर रहे हैं और इसी दौरान कोर्स वर्क एग्जाम की डेट अनाउंस हुई है. वहीं, पॉलिटिकल साइंस के छात्र अक्षय की फॉरेस्ट रेंजर और पीजी फाइनल ईयर की परीक्षा की तारीख टकरा रही है. ऐसे में इन छात्रों के सामने अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर कौन सी परीक्षा दें और कौन सी छोड़ें.
उधर, निर्वाचन आयोग 28 सितंबर, 3 अक्टूबर, 6 अक्टूबर और 10 अक्टूबर को पंचायती राज चुनाव कराने जा रहा है. परीक्षाओं के दौर में हो रहे चुनाव भी छात्रों के लिए सवाल बने हुए हैं. बानसूर के रहने वाले विनोद और बस्सी के रहने वाले रमेश ने बताया कि 3 अक्टूबर को उनके क्षेत्र में पंचायती राज के चुनाव के लिए मतदान होना है और उसी दिन एमए फाइनल ईयर का एग्जाम भी है. ऐसे में छात्र या तो अपना भविष्य संवार सकते हैं या फिर अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने क्षेत्र का भविष्य बनाने में भूमिका निभा सकते है.
इसको लेकर छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ महासचिव ने भी राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से परीक्षाओं की तिथि पर पुनर्विचार करने की मांग की है. बहरहाल, एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. दूसरी तरफ परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है और पंचायती राज चुनाव का भी शंखनाद हो गया है. ऐसे में अब राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र इस विकट परिस्थिति से बाहर आने के लिए सरकार से आस लगाए बैठे हैं.