जयपुर. डिस्कॉम को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं के लिए सख्त नियम बना रखे हैं. लेकिन सरकारी विभागों के साथ वह नरमी बरत रहा है. शायद यही कारण है कि जयपुर शहर में ही सरकारी विभागों पर करीब 74 करोड़ से अधिक के बिजली बिल बकाया चल रहे हैं.
जयपुर में इन विभागों पर चल रहे हैं बिजली के बिल के बकाया...
- बीएसएनएल पर 95 लाख 59 हजार
- पीएचइडी पर 1 करोड़ 69 लाख
- प्रशासनिक सरकारी भवनों पर 1 करोड़ 65 लाख
- पुलिस महकमे पर 11 करोड़ 63 लाख
- नगर निगम पर 67 करोड़ 12 लाख
- अन्य सरकारी विभागों पर 91 लाख
इसलिए नहीं काट सकते कनेक्शन...
डिस्कॉम के जयपुर शहर अधीक्षण अभियंता एसके राजपूत के अनुसार बिजली का बिल नहीं चुकाने वाले उपभोक्ताओं के लिए नियम बने हुए हैं और उन्हीं नियमों के अनुसार पेनाल्टी भी लगती है. लेकिन सरकारी विभाग क्योंकि सीधे तौर पर जनता के कार्यों से जुड़े होते हैं, इसलिए बिल नहीं चुकाने पर इनके बिजली के कनेक्शन काटने से परहेज किया जाता है.
उनके अनुसार सरकारी विभागों के बकाया है, लेकिन मार्च में जब वित्तीय वर्ष की समाप्ति होती है तो इन विभागों की तरफ से यह राशि चुका दी जाती है. राजपूत के अनुसार जनता से जुड़े विभागों के बिजली कनेक्शन काटने से आमजन से जुड़ी सेवाएं बाधित हो सकती हैं. इसलिए डिस्कॉम के स्तर पर संबंधित विभाग को नोटिस देकर ही आगाह किया जाता है.
राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते डिस्कॉम है घाटे में, मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप...
उधर विद्युत वितरण निगम से जुड़े कर्मचारी नेता डिस्कॉम की खराब माली हालत के पीछे एक बड़ा कारण राजनीतिक हस्तक्षेप बताते हैं. प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर वर्ल्ड फेडरेशन के संयुक्त महामंत्री और प्रवक्ता डीडी शर्मा के अनुसार मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से यदि सरकारी विभाग ऑनलाइन तरीके से डिस्कॉम को समय पर बिजली के बिल चुका दें तो यह हालात नहीं बनेंगे. लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रयास होना बेहद जरूरी है.
बहरहाल, सरकारी विभागों पर बिजली का बिल बकाया केवल जयपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में है. यह स्थिति सालों से इसी तरह चली आ रही है. डिस्कॉम की मजबूरी है कि वह जनता से जुड़े इन विभागों पर सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर सकता. मतलब सुधार तभी संभव है जब इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री के स्तर पर हस्तक्षेप हो और कोई ठोस नीति बने.