जयपुर. गहलोत सरकार ने प्रदेश में भूखंडधारियों को राहत देने और कोरोना महामारी की परिस्थितियों में अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से अग्रिम लीज राशि और बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर भूखण्डों को लीज मुक्त अथवा फ्री होल्ड करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्त तथा नगरीय विकास विभागों के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार, अग्रिम 8 वर्षों की लीज राशि का बकाया वर्षों के लिए 5 प्रतिशत एवं अग्रिम 8 वर्षों की लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर भूखंड को लीज मुक्त कर दिया जाएगा.
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इसी प्रकार, विभिन्न आवासीय, संस्थानिक एवं व्यावसायिक भूखंडों के लिए 10 वर्ष की अग्रिम लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर तथा लीज मुक्त भूखंड़ों के लिए 2 वर्ष की लीज राशि जमा कराने पर भूखण्ड को फ्री होल्ड भी घोषित कर दिया जाएगा. गहलोत के इस निर्णय से कोविड-19 की महामारी की परिस्थितियों में अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ ही आमजन को राहत मिलेगी और बड़ी संख्या में लोग लीज राशि अथवा बकाया आदि जमा करवाकर प्रस्तावित छूट का लाभ ले सकेंगे.
लाॅकडाउन के दौरान परमिट से वंचित वाहनों को कर में छूट
सरकार ने कोविड-19 महामारी की परिस्थिति में राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन की अवधि के दौरान विक्रय किए गए ओमनी बस श्रेणी के स्पेयर परिवहन वाहनों के लिये देय मोटरयान कर(मोटर व्हीकल टैक्स) में छूट देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग तथा परिवहन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन कर यह संवेदनशील निर्णय लिया है.
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प्रस्ताव के अनुसार, प्रदेश में लाॅकडाउन के दौरान परमिट जारी नहीं होने के चलते किसी भी परमिट श्रेणी में सूचीबद्ध नहीं होने वाले 8 एवं अधिक बैठक क्षमता के ओमनी बस श्रेणी के वाहनों को 1 अप्रैल से 30 जून 2020 की अवधि के लिए देय मोटरयान कर में पूर्ण छूट दी जायेगी. साथ ही, इन वाहनों को जुलाई 2020 के लिए देय कर में 75 प्रतिशत की छूट दी जायेगी. प्रसंगत अवधि में परमिटशुदा बसों के लिए इस प्रकार की कर छूट पूर्व में 24 जून 2020 को प्रदान कर दी गई थी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में लगभग 425 स्पेयर वाहनों के मालिकों को लाभ मिलेगा और राजकोष पर 2.05 करोड़ रुपए का भार आएगा.