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परिवीक्षा काल इस्तीफा देने वाले कर्मचारी से कंपनी ने वसूला वेतन, HC ने बताया असंवैधानिक

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Published : Sep 24, 2019, 8:24 PM IST

परिवीक्षा काल में कर्मचारी के इस्तीफा देने या उसकी बर्खास्तगी के कारण नौकरी छोड़ने पर दिए गए वेतन-भत्तों की वसूली करने पर ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में कर्मचारी के इस्तीफा देने या उसकी बर्खास्तगी के कारण नौकरी छोडने पर दिए गए वेतन-भत्तों की वसूली करने पर ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश उदित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को कंपनी में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली थी. नियुक्ति में शर्त थी कि परीवीक्षा काल में नौकरी से इस्तीफा देने या बर्खास्त होने पर कर्मचारी को दिया गया पूरा वेतन और ट्रेनिंग पर खर्च हुई राशि का एक हिस्सा कंपनी को देना होगा. याचिकाकर्ता के परीवीक्षा काल में इस्तीफा देने पर कंपनी ने अगस्त 2018 से अप्रैल 2019 तक वेतन-भत्ते के रूप में दिए चार लाख 59 हजार रुपए और ट्रेंनिग पर खर्च हुए चालीस हजार रुपए जमा कराने को कहा. इस पर याचिकाकर्ता ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए राशि जमा करा दी.

पढ़ें: सलमान खान को धमकीः लिखा- 'मेरे कानून ने तुझे मौत की सजा सुना दी है'

याचिका में कहा गया कि यह शर्त असंवैधानिक है. कर्मचारी को काम करने के बदले वेतन-भत्ते दिए जाते हैं. ऐसे में वेतन वापस लेना कर्मचारी से बेगार करने की श्रेणी में आता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवीक्षा काल में कर्मचारी के इस्तीफा देने या उसकी बर्खास्तगी के कारण नौकरी छोडने पर दिए गए वेतन-भत्तों की वसूली करने पर ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश उदित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को कंपनी में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली थी. नियुक्ति में शर्त थी कि परीवीक्षा काल में नौकरी से इस्तीफा देने या बर्खास्त होने पर कर्मचारी को दिया गया पूरा वेतन और ट्रेनिंग पर खर्च हुई राशि का एक हिस्सा कंपनी को देना होगा. याचिकाकर्ता के परीवीक्षा काल में इस्तीफा देने पर कंपनी ने अगस्त 2018 से अप्रैल 2019 तक वेतन-भत्ते के रूप में दिए चार लाख 59 हजार रुपए और ट्रेंनिग पर खर्च हुए चालीस हजार रुपए जमा कराने को कहा. इस पर याचिकाकर्ता ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए राशि जमा करा दी.

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याचिका में कहा गया कि यह शर्त असंवैधानिक है. कर्मचारी को काम करने के बदले वेतन-भत्ते दिए जाते हैं. ऐसे में वेतन वापस लेना कर्मचारी से बेगार करने की श्रेणी में आता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने परीवीक्षा काल में कर्मचारी के इस्तीफा देने या उसकी बर्खास्तगी के कारण नौकरी छोडने पर दिए गए वेतन-भत्तों की वसूली करने पर ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश उदित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को कंपनी में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली थी। नियुक्ति में शर्त थी कि परीवीक्षा काल में नौकरी से इस्तीफा देने या बर्खास्त होने पर कर्मचारी को दिया गया पूरा वेतन और ट्रेनिंग पर खर्च हुई राशि का एक हिस्सा कंपनी को देना होगा। याचिकाकर्ता के परीवीक्षा काल में इस्तीफा देने पर कंपनी ने अगस्त 2018 से अप्रैल 2019 तक वेतन-भत्ते के रूप में दिए चार लाख 59 हजार रुपए और ट्रेंनिग पर खर्च हुए चालीस हजार रुपए जमा कराने को कहा। इस पर याचिकाकर्ता ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए राशि जमा करा दी। याचिका में कहा गया कि यह शर्त असंवैधानिक है। कर्मचारी को काम करने के बदले वेतन-भत्ते दिए जाते हैं। ऐसे में वेतन वापस लेना कर्मचारी से बेगार करने की श्रेणी में आता है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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