जयपुर. राजस्थान में भाजपा के 51 हजार 9 बूथ हैं. हर बूथ पर 21 सदस्य सक्रिय समिति का गठन 31 दिसंबर तक करना था, लेकिन और पार्टी का दावा है कि गठन का यह काम सभी मंडलों में लगभग कंप्लीट हो चुका है. प्रदेश नेतृत्व ने जिलों और मंडलों से मिली इस जानकारी को सही तो मान लिया लेकिन जो सूची मंडलों से प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची है उसका अब सत्यापन करवाया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश नेतृत्व में जिला और मंडल स्तर पर अल्पकालिक विचारकों को भेजा है, जो इन बूथ समितियों का फिजिकली सत्यापन करेंगे.
मंडलों में भेजे गए अल्पकालीन विस्तारक फिजिकली रूप से बूथ इकाइयों के वेरिफिकेशन का काम कर रहे हैं. जबकि पार्टी मुख्यालय से फोन कॉलिंग के जरिए सूची में शामिल सदस्यों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. इसके लिए पार्टी ने हर बूथ पर जो कमेटी का गठन हुआ है, उसमें शामिल पदाधिकारियों के नाम और फोन नंबर भी मंगाए है. इन नंबरों पर फोन कर यह पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में क्या इनकी नियुक्ति हो गई है.
इससे पार्टी यह तय कर पाएगी की जो कमेटिया गठित हुई है वह धरातल पर काम कर रही है या नहीं, और जहां कमी है उसे समय रहते दुरुस्त कर लिया जाएगा. सक्रिय बूथ समिति का सत्यापन फरवरी तक पूर्ण होना है तो वहीं 6 अप्रैल तक पार्टी को पन्ना प्रमुख बनाने का काम भी कंप्लीट करना है.
बूथ अध्यक्षों के फोटो के साथ किया था सत्यापन
प्रदेश भाजपा ने जब सभी बूथ अध्यक्षों की घोषणा हुई थी तो हर जिला इकाई से उनके क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के फोटो और फोन नंबर सहित पूरी डिटेल मंगाई थी. उस दौरान भी पार्टी ने फोन कॉल के जरिए वेरिफिकेशन (Committee verification in Rajasthan BJP) का काम किया था और संबंधित क्षेत्र के विस्तारकों के जरिए भी यह काम किया था.
क्यों पड़ी डबल सत्यापन की आवश्यकता
एक कहावत है दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है और भाजपा पूर्व में दौर से गुजर चुका है. इसीलिए इस बार इस काम में पूरी सक्रियता बरती जा रही है. पहले भी जब संगठन के विस्तार को लेकर दावा हुआ था तब कई जगह यह बात सामने आई थी कि जिलों में अधिकतर बथों पर अध्यक्ष ही नहीं बने. कई जगह बूथ कार्यकारिणी के नाम पर कागजी कार्रवाई की गई लेकिन इस बार इन्हीं बातों से बचने के लिए पार्टी के स्तर पर ही अपनों के द्वारा भेजी गई सूची का भी डबल स्तर पर वेरिफिकेशन (Committee verification in Rajasthan BJP) किया जा रहा है.