जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 ने प्रतापनगर थाना पुलिस की ओर से रावण दहन से पहले पुतले को थाने लाने के मामले में कहा है कि पुलिस ने पुतला जब्त ही नहीं किया है. ऐसे में समिति थानाधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र दायर कर रावण के पुतले को ले सकती है. इसके साथ ही अदालत ने प्रताप नगर केन्द्रीय विकास समिति की ओर से दायर सुपुर्दगी अर्जी को अस्वीकार कर दिया है.
समिति की ओर से अधिवक्ता विकास सोमानी ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया था कि प्रताप नगर थाना पुलिस दहन से पूर्व पुतले को थाने ले गई. जब पूरे प्रदेश में रावण दहन के आयोजन हुए तो फिर प्रताप नगर में इतनी सख्ती क्यों बरती गई. रावण का पुतला उनकी संपत्ति है, इसलिए पुतले को समिति को सौंपा जाए.
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वहीं आदेश की पालना में प्रताप नगर थानाधिकारी ने पेश होकर कहा था कि मौके पर भीड़ के एकत्रित होने से रोकने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पुतले को कब्जे में लेकर थाने में सुरक्षित रखा गया है. थानाधिकारी के बयान के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए समिति को पुतला लेने के लिए थानाधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा है.