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प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कमेटी, 45 दिन में गहलोत सरकार को देगी रिपोर्ट

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Published : Jan 31, 2022, 7:36 AM IST

पहले आरएएस और अब रीट परीक्षा में गड़बड़ी (Reet Paper leak Case) को लेकर किरकिरी झेल रही प्रदेश की गहलोत सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस विजय कुमार व्यास (Retired Justice Vijay Kumar Vyas) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (Committee Constituted) का गठन किया है. यह कमेटी 45 दिन में अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी.

Committee Constituted
प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने

जयपुर. रीट पेपर लीक का मामले में किरकिरी होने के बाद प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) को बिना रुकावट पूरा करवाने के मकसद से हाई लेवल कमेटी गठित की है. राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विजय कुमार व्यास (Retired Justice Vijay Kumar Vyas) की अध्यक्षता में बनाई गई यह कमेटी पूरी परीक्षा प्रक्रिया की स्टडी कर सरकार को सुझाव देगी. दरअसल रीट परीक्षा मामले की जांच एसओजी कर रही है. लेकिन SOG की जांच में हर दिन नए खुलासे और नए लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. जिसके चलते गहलोत सरकार को काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है.

इस समिति में पूर्व आईपीएस अधिकारी और आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन महेन्द्र कुमावत भी सदस्य होंगे. साथ ही प्रमुख शासन सचिव और कार्मिक सदस्य सचिव भी रहेंगे. यह समिति विभिन्न बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट 45 दिवस में सरकार को सौंप देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात हुई हाईलेवल मीटिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के सुझाव देने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे.

पढ़ें: 2 दिन की पूछताछ के बाद रीट परीक्षा के जिला कोऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को एसओजी ने किया गिरफ्तार

कमेटी इन बिंदुओं पर करेगी काम : हाईलेवल कमेटी (Committee Constituted) अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) के प्रश्न बैंक बनाने, प्रश्न पत्र तैयार करने, प्रिटिंग प्रोसेस के दौरान हाई लेवल सिक्योरिटी और सीक्रेसी सुनिश्चित करने, प्रिंटिंग के बाद परीक्षा मुख्यालय तक प्रश्न पत्रों के पहुंचने, पेपर स्टोरेज सेंटर, एक्जामिनेशन सेंटर और उसके बाद की सुरक्षा और सीक्रेसी पर सुझाव देगी. साथ ही कमेटी एग्जामिनेशन सेंटर बनाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्जाम के दौरान सेंटर की सुरक्षा और गोपनीयता के नॉर्म्स और उपायों के संबंध में अपने सुझाव देगी.

पढ़ें: रीट पेपर लीक प्रकरण: पाराशर ने डीपी जारोली के माथे फोड़ा ठीकरा, SOG बना सकती है पाराशर को सरकारी गवाह

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात उच्च स्तरीय बैठक में प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक आदि घटनाओं को रोकने के संबंध में सुझाव देने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने के संबंध में निर्देश दिए थे. जिनके बाद गृह विभाग ने इस हाईपावर कमेटी का गठन किया है.

जयपुर. रीट पेपर लीक का मामले में किरकिरी होने के बाद प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) को बिना रुकावट पूरा करवाने के मकसद से हाई लेवल कमेटी गठित की है. राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विजय कुमार व्यास (Retired Justice Vijay Kumar Vyas) की अध्यक्षता में बनाई गई यह कमेटी पूरी परीक्षा प्रक्रिया की स्टडी कर सरकार को सुझाव देगी. दरअसल रीट परीक्षा मामले की जांच एसओजी कर रही है. लेकिन SOG की जांच में हर दिन नए खुलासे और नए लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. जिसके चलते गहलोत सरकार को काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है.

इस समिति में पूर्व आईपीएस अधिकारी और आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन महेन्द्र कुमावत भी सदस्य होंगे. साथ ही प्रमुख शासन सचिव और कार्मिक सदस्य सचिव भी रहेंगे. यह समिति विभिन्न बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट 45 दिवस में सरकार को सौंप देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात हुई हाईलेवल मीटिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के सुझाव देने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे.

पढ़ें: 2 दिन की पूछताछ के बाद रीट परीक्षा के जिला कोऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को एसओजी ने किया गिरफ्तार

कमेटी इन बिंदुओं पर करेगी काम : हाईलेवल कमेटी (Committee Constituted) अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exam) के प्रश्न बैंक बनाने, प्रश्न पत्र तैयार करने, प्रिटिंग प्रोसेस के दौरान हाई लेवल सिक्योरिटी और सीक्रेसी सुनिश्चित करने, प्रिंटिंग के बाद परीक्षा मुख्यालय तक प्रश्न पत्रों के पहुंचने, पेपर स्टोरेज सेंटर, एक्जामिनेशन सेंटर और उसके बाद की सुरक्षा और सीक्रेसी पर सुझाव देगी. साथ ही कमेटी एग्जामिनेशन सेंटर बनाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्जाम के दौरान सेंटर की सुरक्षा और गोपनीयता के नॉर्म्स और उपायों के संबंध में अपने सुझाव देगी.

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात उच्च स्तरीय बैठक में प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक आदि घटनाओं को रोकने के संबंध में सुझाव देने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने के संबंध में निर्देश दिए थे. जिनके बाद गृह विभाग ने इस हाईपावर कमेटी का गठन किया है.

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