जयपुर. कोरोना की जंग में दिन रात जुटी हुई खाकी अब सफेद कोट वालों का काम भी राजधानी में करने जा रही है. सुनने में यह भला ही बड़ा विचित्र लग रहा है कि खाकी सफेद कोट वालों का काम कैसे करेगी.?
दरअसल, आरएसी बटालियन के इमरजेंसी रिस्पांस टीम में तैनात कमांडो को विषम परिस्थितियों में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और मेडिकल से संबंधित अनेक तरह के कोर्स भी कराए जाते हैं. ट्रेनिंग के दौरान कमांडो को दी गई मेडिकल कोर्स से संबंधित जानकारी अब जयपुर के लिए एक नई ढाल का काम करेगी.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आरएसी बटालियन की इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो जोराराम ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 3 महीने का मेडिकल कोर्स करवाया जाता है. अब क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है तो ट्रेनिंग के दौरान कराया गया मेडिकल कोर्स का जनहित में प्रयोग करने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है. जयपुर में अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में अब इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो को तैनात किया जाएगा. जो पैरामेडिकल स्टाफ की सहायता करेंगे. इसके साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर की सुरक्षा का पूरा दारोमदार भी इन कमांडो के कंधों पर रहेगा.
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राजधानी के 12 क्वॉरेंटाइन सेंटर पर होगी तैनाती
इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो जोराराम ने बताया की राजधानी जयपुर में अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 12 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जहां पर प्रत्येक सेंटर पर 2 कमांडो को पैरामेडिकल स्टाफ की सहायता के लिए तैनात किया जा रहा है. 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में कमांडो वहां पर तैनात रहेंगे. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें जो मेडिकल प्रशिक्षण दिया गया है उसके आधार पर पैरामेडिकल स्टाफ की पूरी मदद करेंगे.
कमांडो फर्स्ट एड से लेकर सैनिटाइज करना और विभिन्न तरह की मदद करना जानते हैं. कमांडो जोराराम ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर किसी भी पैरामेडिकल स्टाफ को या वहां पर भर्ती लोगों को जो भी मदद चाहिए होगी हम उनकी पूरी सहायता करेंगे. राजधानी जयपुर में ऐसा पहली बार होने जा रहा है. जब खाकी भी सफेद कोट वालों का काम कोरोना के इस संक्रमण काल में करके एक नया इतिहास रचने जा रही है.