जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए कक्षा-12 तक सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा और आवासीय विद्यालय छात्रावासों में निःशुल्क प्रवेश देने का प्रावधान था. अब इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों को राजकीय महाविद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा तथा सरकारी कॉलेज छात्रावासों में निःशुल्क प्रवेश देने का भी निर्णय किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 3 सितंबर 2021 तक प्रवेश योग्य ऐसे 306 विद्यार्थियों और विधवा अभ्यर्थियों को स्नातक प्रथम वर्ष में निशुल्क प्रवेश देने की मंजूरी दी है.
डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सीएसएस की विभिन्न विभागों की और से चल रहे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन के लिए डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है. इस बोर्ड के चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे. मुख्य सचिव के अलावा बोर्ड में कुल 11 सदस्य होंगे. इनमें डीबीटी योजनाओं से जुड़े विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/शासन सचिव सदस्य होंगे.
जबकि शासन सचिव आयोजना विभाग जो कि, पदेन महानिदेशक जन आधार (डीबीटी सेल के स्टेट कोऑर्डिनेटर) भी हैं, इसके सदस्य सचिव होंगे. साथ ही अतिरिक्त निदेशक (यूआईडी) सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग, स्टेट लेवल बैंकर्स समिति के संयोजक, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के एमडी, एससी-एसटी वित्त एवं विकास को-ऑपरेटिव कॉर्पाेरेशन के एमडी, एनआईसी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल के साथ स्टेट इन्फोर्मेटिक ऑफिसर, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रतिनिधि भी इस बोर्ड के सदस्य होंगे.
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न विभागों की ओर से संचालित 75 सीएसएस योजनाओं की डीबीटी का तकनीकी कार्य जैसे प्रगति दर्ज करना, योजना का रजिस्ट्रेशन, कोड जनरेट करवाना, प्रश्नावली भरना तथा स्टेट डीबीटी पोर्टल पर दर्ज सूचना का एकीकरण कर उसे डीबीटी भारत पोर्टल पर दर्ज करने सहित अन्य कार्य संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी और प्रतिनिधि की ओर से सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सहायता से किया जाता है. राज्य डीबीटी पोर्टल अर्थात जनआधार डीबीटी पोर्टल पर राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित 171 में से 85 योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है.