जयपुर. वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोविड-19 यानी कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, स्टेडियम बंद हो रहे हैं. वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है.
संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए राजस्थान उन अग्रणीय राज्यों में है, जहां समय रहते आवश्यक निर्णय लिए गए. वहीं राजस्थान का नाम उन अग्रणीय राज्यों में भी है जहां कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया. बता दें कि कोरोना संक्रमण को फैलते देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम हाउस को कोरोना कंट्रोल रुम बना दिया है. सीएम हाउस से ही वे प्रत्येक दिन 3 से अधिक समीक्षा बैठक कर रहे हैं. लॉकडाउन होने के बाद सीएम गहलोत अबतक 125 से अधिक बैठक कर चुके हैं.
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सीएम गहलोत ने कमान अपने हाथ में ली
प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस की गंभीरता को पहले ही दिन से समझा. इसका ही नतीजा है कि एक डॉक्टर की लापरवाही से कम्युनिटी स्प्रेडिंग हुए भीलवाड़ा के हालातों को ठीक ही नहीं किया बल्कि भीलवाड़ा को विश्व पटल पर एक रॉल मॉडल के रूप में पास किया. कोरोना संक्रमण राज्य में अपने पैर नहीं पसारे इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमान अपने हाथ में ली है.पहले ही दिन से सीएम अशोक गहलोत हर दिन अधिकारियों, मंत्रियों और जिला कलेक्टरों के साथ संवाद कर रहे हैं.
सीएम खुद क्वॉरेंटाइन की तरह रह रहे हैं...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लॉकडाउन लागू होने के साथ अपने मुख्यमंत्री निवास से स्थिति पर निगाहें रखे हुए हैं. इस दौरान लॉकडाउन की पालना नहीं करने वालों को सीएम अशोक गहलोत ने कहा भी की वो खुद घर में क्वॉरेंटाइन की तरह रह रहे हैं. सीएम गहलोत ने लोगों से अपील की है कि क्वॉरेंटाइन से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
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बता दें कि राजस्थान में पहला कोरोना पॉजिटिव मामला इटालियन नागरिक का 2 मार्च को सामने आया था. इसके बाद उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव सामने आई. प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के बढ़ते आंकड़ों के साथ और प्रदेश में संक्रमण नहीं फैले इसको लेकर सीएम गहलोत ने उच्चस्तीय बैठक करना शुरू कर दिया.
कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की बैठक
- सीएम गहलोत ने 17 मार्च को सर्वदलीय बैठक की और सुझाव लिए
- 17 मार्च को सभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक की
- 18 मार्च को प्रदेश में धारा 144 लागू की गई
- 5 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर सख्ती दिखाई
- 19 मार्च को बच्चे और बुजुर्गों को घरों में रहने के दिए निर्देश
- 20 मार्च को अन्य राज्यों की सीमाओं को किया सील
- 20 मार्च को ही सामजिक संगठनों के साथ चर्चा कर लिए सुझाव
- 21 मार्च को सभी सरकारी दफ्तरों में 30 मार्च तक छुट्टी के आदेश
- 21 मार्च को प्रदेश में 30 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया
बता दें कि सीएम गहलोत ने 17 मार्च को सर्वदलीय बैठक की और सुझाव लिए. उसी दिन उन्होंने सभी धर्मगुरुओं के साथ के साथ बैठक कर धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं को नहीं आने की अपील करवाई. लॉकडाउन के बाद सीएम अशोक गहलोत ने करीब सभी मीटिंग सीएम हाउस से की है. सीएम गहलोत हर दिन 3 से अधिक बैठक कर अधिकारियों, मंत्रियों और जिला कलेक्टर के साथ समीक्षा कर रहे हैं. इतना ही नहीं संक्रमण नहीं फैले और लॉकडाउन की पालना हो, इसको लेकर वे प्रत्येक दिन मीडिया से भी वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू हो रहे हैं.