जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक बार फिर पत्र लिखकर टिड्डी प्रकोप (Grasshopper Outbreak) को राष्ट्रीय आपदा (National Calamity) घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान सहित अन्य राज्यों में खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसलों में होने वाले संभावित नुकसान, कोरोना महामारी के कारण राज्यों की कमजोर आर्थिक स्थिति तथा किसानों के हित में यह निर्णय किया जाना उचित होगा. इससे टिड्डी प्रकोप से निपटने के लिए राज्यों की क्षमता और सुदृढ़ होगी.
गहलोत ने पत्र के माध्यम से कहा कि टिड्डी प्रकोप एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है. नए टिड्डी दलों की उत्पत्ति पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें उनके उत्पन्न होने वाले स्थलों पर ही रोकना आवश्यक है. इसके लिए केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय कर टिड्डी से प्रभावित सभी देशों के साथ बातचीत करे, ताकि टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाए जा सके. उन्होंने कहा है कि अफ्रीका और खाड़ी देशों में व्यापक पैमाने पर टिड्डी का प्रजनन हुआ है. इसके चलते सीमापार से लगातार टिड्डी दलों का राजस्थान सहित अन्य राज्यों में प्रवेश हो रहा है.
टिड्डी अब बहुराज्यीय समस्या...
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि इस साल राज्य में 11 अप्रैल से टिड्डियों का प्रवेश हुआ और 33 में से 32 जिले इसके प्रकोप से प्रभावित हुए हैं. इस साल राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी टिड्डियों का प्रकोप हुआ है. अब यह समस्या बहुराज्यीय समस्या बन चुकी है. देश में इतने बडे़ पैमाने पर टिड्डी का प्रकोप कई दशकों बाद देखा गया है. ऐसे में इस समस्या को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना सभी प्रभावित राज्यों और वहां के किसानों के हित में होगा.
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1000 करोड़ का नुकसान...
गहलोत ने पत्र में बताया है कि साल 2019-20 में राजस्थान के 12 जिलों में करीब 6 लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र टिड्डी से प्रभावित रहा. भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से टिड्डी दलों को काफी प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया गया. लेकिन रबी की फसलों में किसानों को करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
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उन्होंने बताया है कि साल 2020-21 में भी राज्य में अब तक करीब तीन लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया गया है. जबकि विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के पूर्व अनुमानों के मुताबिक इस साल राज्य में टिड्डी का प्रकोप पहले की तुलना में काफी ज्यादा होने की आशंका है. ऐसे में केंद्र सरकार समय रहते उचित कदम उठाए. बता दें कि गहलोत ने पहले भी टिड्डियों के प्रकोप से किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखे थे.