ETV Bharat / city

प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमीगति से सीएम गहलोत नाराज, दीवाली के बाद सभी कलेक्टरों की जयपुर में लेंगे क्लास

author img

By

Published : Oct 21, 2021, 3:12 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 8:56 PM IST

प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमीगति को लेकर सीएम अशोक गहलोत दीवाली के बाद कलेक्टरों की बैठक लेंगे. इस बैठक में वे प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर दिशा-निर्देश देंगे.

Prashasan Shehro Sang Abhiyan, Jaipur news
सीएम की जिला कलेक्टरों के साथ मीटिंग

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Sang Abhiyan) की धीमीगति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) ने नाराजी जताई है. सीएम गहलोत ने कहा कि सबसे निचले स्तर पर बैठे कर्मचारी को कामकाज की जानकारी के अभाव में काम गति नहीं पकड़ पा रहा है. इसको लेकर सीएम दिवाली के बाद सभी कलेक्टरों की जयपुर में व्यक्ति बैठक लेंगे.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा की गई. यह सही है की अपेक्षा के माफिक अभियान गति नहीं पकड़ पाया है इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि 2 अक्टूबर से अभियान शुरू होने के साथ ही 10 से ज्यादा राजकीय अवकाश आ गए थे. गुरुवार को सभी को निर्देश दिए गए कि वह अभियान को गति दें. धारीवाल ने कहा कि सबसे नीचे के स्तर पर बैठे हुए कर्मचारी को जानकारी के अभाव में काम को गति नहीं मिल पा रही है. इसके लिए सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह नीचे के स्तर तक कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें. जिससे काम को गति दी जा सके.

सीएम की जिला कलेक्टरों के साथ मीटिंग

प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमी गति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा बैठक में नाराजगी जताई. सीएम गहलोत ने कहा कि जिस मंशा के साथ में अभियान को शुरू किया गया था, उस मंशा के माफिक आम जनता को राहत नहीं मिल रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर अपनी बात पूरी तरीके से नहीं कर पाए. जिसकी वजह से अब यह माना जा रहा है कि दीवाली के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर (District collector and CM Gehlot meeting) को संभागीय आयुक्त के साथ में जयपुर में बैठक बुलाएंगे. इस बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को प्रशासन शहरों के संग और गांव के संग अभियान को किस तरह से गति दी जाएगी. इसको लेकर निर्देश दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है: रामलाल शर्मा

कोर्ट की अड़चन को करेंगे दूर

प्रशासन शहरों के संग अभियान में कानूनी अड़चनों की वजह से जो दिक्कतें आ रही है. उसको लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कोर्ट ने निर्देश दिए कि बिना जोनल प्लान के कहीं पर भी पट्टे दिए जाने पर रोक है लेकिन जोनल प्लान के अलावा मास्टर प्लान भी है. जिसके तहत सरकार पट्टे जारी कर सकती है. नीचे के कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. जिसकी वजह से वह कोर्ट का हवाला देकर पट्टे जारी नहीं कर रहे हैं. गुरुवार की बैठक में सभी कलेक्टर को इस बात के निर्देश दिए कि वह मास्टर प्लान के तहत पट्टे जारी करें.

प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा, अभियान की मॉनिटरिंग प्रतिदिन जिला कलेक्टर स्वयं करें : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गरीबों को आवासों के पट्टे देकर उन्हें राहत देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू किए हैं. शिविरों के आयोजन का मकसद जहां तक संभव हो मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण का है. ऐसे में अभियान में शामिल विभिन्न विभागों के अधिकारी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसे कामयाब बनाएं. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर और स्थानीय निकायों के अधिकारी अभियान की पर्याप्त मॉनिटरिंग करें. साथ ही प्रतिदिन आए आवेदनों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट लें.

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है: रामलाल शर्मा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग अभियान की अब तक प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएं. जिससे अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें. उन्होंने इन शिविरों में जिम्मेदार अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

गहलोत ने विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में हुई प्रगति की जानकारी ली. पट्टा वितरण में आ रही कठिनाईयों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान के दौरान पट्टा वितरण और इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदन स्वीकृति में आ रही समस्याओं को हल करें. उन्होंने विभिन्न जिलों में अभियान के दौरान आ रही समस्याओं और न्यायालयों के समय-समय पर आए निर्णयों को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक कर सभी निकायों के साथ प्राधिकरणों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए.

अभियान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए

सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभियान की कामयाबी के आधार पर अधिकारियों की परफोर्मेन्स का आकलन किया जाएगा. सभी अधिकारी अपनी दक्षता का प्रयोग करते हुए कमिटमेंट के साथ काम कर आमजन को राहत दें. अभियान में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाए. शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने अभियान की सफलता के लिए स्थानीय निकायों के सभापति, अध्यक्ष और पार्षदों का सहयोग लेने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. इन तस्वीरों में दिखी प्रशासन शहरों के संग अभियान की हकीकत, धारीवाल ने किया फैसला 'ऑन द स्पॉट'

ब्याज मुक्त ऋण का अधिक से अधिक लाभ मिले

गहलोत ने बिना गारंटी 50 हजार रूपए तक के ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए शुरू की गई. 'इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना' को राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत आने वाले आवेदनों की स्वीकृति एवं निस्तारण की गति बढ़ाई जाए. उन्होंने पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स और लॉकडाउन के समय जिला कलेक्टर्स के माध्यम से किए गए अभावग्रस्त लोगों के सर्वे की सूची का उपयोग करने को कहा. जिससे जरूरतमंद स्ट्रीट वेंडर्स के साथ अन्य लाभार्थियों की पहचान की जा सके.

उन्होंने बैंकों से भी चर्चा कर इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृतियां पात्रतानुसार तय समय सीमा में पूरी करने को कहा. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिन शहरी क्षेत्रों में आबादी एक लाख से अधिक है वहां जोनल प्लान की अनिवार्यता के कारण पट्टा वितरण में कठिनाई आ रही है. जोनल प्लान बन जाने के बाद पट्टा वितरण के कार्य आसानी से हो सकेंगे.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Sang Abhiyan) की धीमीगति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) ने नाराजी जताई है. सीएम गहलोत ने कहा कि सबसे निचले स्तर पर बैठे कर्मचारी को कामकाज की जानकारी के अभाव में काम गति नहीं पकड़ पा रहा है. इसको लेकर सीएम दिवाली के बाद सभी कलेक्टरों की जयपुर में व्यक्ति बैठक लेंगे.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा की गई. यह सही है की अपेक्षा के माफिक अभियान गति नहीं पकड़ पाया है इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि 2 अक्टूबर से अभियान शुरू होने के साथ ही 10 से ज्यादा राजकीय अवकाश आ गए थे. गुरुवार को सभी को निर्देश दिए गए कि वह अभियान को गति दें. धारीवाल ने कहा कि सबसे नीचे के स्तर पर बैठे हुए कर्मचारी को जानकारी के अभाव में काम को गति नहीं मिल पा रही है. इसके लिए सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह नीचे के स्तर तक कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें. जिससे काम को गति दी जा सके.

सीएम की जिला कलेक्टरों के साथ मीटिंग

प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमी गति को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा बैठक में नाराजगी जताई. सीएम गहलोत ने कहा कि जिस मंशा के साथ में अभियान को शुरू किया गया था, उस मंशा के माफिक आम जनता को राहत नहीं मिल रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर अपनी बात पूरी तरीके से नहीं कर पाए. जिसकी वजह से अब यह माना जा रहा है कि दीवाली के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर (District collector and CM Gehlot meeting) को संभागीय आयुक्त के साथ में जयपुर में बैठक बुलाएंगे. इस बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को प्रशासन शहरों के संग और गांव के संग अभियान को किस तरह से गति दी जाएगी. इसको लेकर निर्देश दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है: रामलाल शर्मा

कोर्ट की अड़चन को करेंगे दूर

प्रशासन शहरों के संग अभियान में कानूनी अड़चनों की वजह से जो दिक्कतें आ रही है. उसको लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कोर्ट ने निर्देश दिए कि बिना जोनल प्लान के कहीं पर भी पट्टे दिए जाने पर रोक है लेकिन जोनल प्लान के अलावा मास्टर प्लान भी है. जिसके तहत सरकार पट्टे जारी कर सकती है. नीचे के कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. जिसकी वजह से वह कोर्ट का हवाला देकर पट्टे जारी नहीं कर रहे हैं. गुरुवार की बैठक में सभी कलेक्टर को इस बात के निर्देश दिए कि वह मास्टर प्लान के तहत पट्टे जारी करें.

प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा, अभियान की मॉनिटरिंग प्रतिदिन जिला कलेक्टर स्वयं करें : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गरीबों को आवासों के पट्टे देकर उन्हें राहत देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू किए हैं. शिविरों के आयोजन का मकसद जहां तक संभव हो मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण का है. ऐसे में अभियान में शामिल विभिन्न विभागों के अधिकारी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसे कामयाब बनाएं. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर और स्थानीय निकायों के अधिकारी अभियान की पर्याप्त मॉनिटरिंग करें. साथ ही प्रतिदिन आए आवेदनों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट लें.

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है: रामलाल शर्मा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग अभियान की अब तक प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएं. जिससे अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें. उन्होंने इन शिविरों में जिम्मेदार अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

गहलोत ने विभिन्न जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में हुई प्रगति की जानकारी ली. पट्टा वितरण में आ रही कठिनाईयों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान के दौरान पट्टा वितरण और इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदन स्वीकृति में आ रही समस्याओं को हल करें. उन्होंने विभिन्न जिलों में अभियान के दौरान आ रही समस्याओं और न्यायालयों के समय-समय पर आए निर्णयों को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक कर सभी निकायों के साथ प्राधिकरणों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए.

अभियान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए

सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभियान की कामयाबी के आधार पर अधिकारियों की परफोर्मेन्स का आकलन किया जाएगा. सभी अधिकारी अपनी दक्षता का प्रयोग करते हुए कमिटमेंट के साथ काम कर आमजन को राहत दें. अभियान में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाए. शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने अभियान की सफलता के लिए स्थानीय निकायों के सभापति, अध्यक्ष और पार्षदों का सहयोग लेने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें. इन तस्वीरों में दिखी प्रशासन शहरों के संग अभियान की हकीकत, धारीवाल ने किया फैसला 'ऑन द स्पॉट'

ब्याज मुक्त ऋण का अधिक से अधिक लाभ मिले

गहलोत ने बिना गारंटी 50 हजार रूपए तक के ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए शुरू की गई. 'इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना' को राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत आने वाले आवेदनों की स्वीकृति एवं निस्तारण की गति बढ़ाई जाए. उन्होंने पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स और लॉकडाउन के समय जिला कलेक्टर्स के माध्यम से किए गए अभावग्रस्त लोगों के सर्वे की सूची का उपयोग करने को कहा. जिससे जरूरतमंद स्ट्रीट वेंडर्स के साथ अन्य लाभार्थियों की पहचान की जा सके.

उन्होंने बैंकों से भी चर्चा कर इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृतियां पात्रतानुसार तय समय सीमा में पूरी करने को कहा. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिन शहरी क्षेत्रों में आबादी एक लाख से अधिक है वहां जोनल प्लान की अनिवार्यता के कारण पट्टा वितरण में कठिनाई आ रही है. जोनल प्लान बन जाने के बाद पट्टा वितरण के कार्य आसानी से हो सकेंगे.

Last Updated : Oct 21, 2021, 8:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.