जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी के इस दौर में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार रिप्स, एमएसएमई एक्ट, सोलर एवं विण्ड हाईब्रिड पॉलिसी और नई औद्योगिक नीति लाई है. उद्यमियों के लिए एक पैकेज के रूप में इतना बड़ा और व्यापक पॉलिसी इनिशिएटिव करने वाला राजस्थान देशभर में एकमात्र राज्य है. ऐसे में उद्योग विभाग प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम करें ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आए और यहां के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके.
सीएम गहलोत शुक्रवार को उद्योग विभाग की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश निवेश के लिए सर्वाधिक संभावनाओं वाले राज्य के रूप में उभर रहा है. विशेषकर पर्यटन, सौलर, खनन, ज्वैलरी और सर्विस सेक्टर के लिए यहां अपार संभावनाएं मौजूद हैं. उद्यमों को प्रोत्साहन देने वाली सरकार की नीतियों और नवाचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि निवेशक इनका लाभ लेकर उद्यम स्थापित कर सकें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उद्योग क्षेत्र के लिए जरूरी नीतिगत फैसले लिए हैं. अब आवश्यकता इस बात की है कि सरकार की मंशा के अनुरूप उद्यमियों तक इनका लाभ पहुंचे. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में उद्योगों की समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से बैठक आयोजित की जाए.
गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स प्रदेश के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है. हमारा प्रयास है कि इसका काम जल्द से जल्द पूरा हो. इस प्रोजेक्ट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश होगा और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 लागू होने के तीन महीने में ही प्रदेश में करीब 350 निवेशकों ने 11 हजार 628 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं. उन्होंने कहा कि उद्योगों को लेकर लाई गई नई नीतियों का उद्योग जगत में स्वागत किया जा रहा है. इससे भविष्य में प्रदेश में अच्छा निवेश आने की संभावनाएं बनी हैं.
रीको के प्रबन्ध निदेशक आशुतोष एटी पेंडनेकर ने बताया कि नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की दिशा में रीको तेजी से आगे बढ़ रहा है. पिछले बजट में की गई घोषणा के अनुरूप 10 नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भू आवंटन करने के साथ ही काम शुरू कर दिया गया है. बैठक में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.