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जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोई का कल शुभारंभ करेंगे सीएम गहलोत, मिलेगा 8 रुपए में भोजन

’कोई भूखा ना सोए‘ की अवधारणा के साथ सीएम अशोक गहलोत रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोई का शुभारंभ (Gehlot to inaugurate 512 Indira Rasoi in Jodhpur) करेंगे. इससे प्रदेश में कुल इंदिरा रसोइयों की संख्‍या 870 हो जाएगी. बता दें कि रसोई संचालकों को प्रति थाली मिलने वाले अनुदान को इसी साल जनवरी में 12 रुपए से 17 रुपए किया गया था.

Gehlot to inaugurate 512 Indira Rasoi in Jodhpur
512 नई इंदिरा रसोई का कल जोधपुर में शुभारंभ करेंगे सीएम गहलोत
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Published : Sep 17, 2022, 6:28 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल यानी रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही वर्तमान में संचालित 358 इंदिरा रसोइयों के साथ अब इन रसोइयों की कुल संख्या 870 हो (Total Indira Rasoi in Rajasthan) जाएगी. गहलोत ने 20 अगस्त, 2020 को प्रदेश में ‘कोई भूखा ना सोए‘ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर 213 नगरीय निकायों में 358 स्थायी रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया था. योजना के क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति (रथो) की ओर से रसोई संचालन के लिए 300 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं अथवा एनजीओ का चयन किया जाता है.

8 रुपए में भोजन: इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूतमन्दों को 8 रुपए में एक समय का भोजन दिया जाता (Per plate rate in Indira Rasoi) है. जरूरतमन्दों को स्थायी रसोइयों में स्थानीय स्वादानुसार दो समय (दोपहर और रात्रिकालीन) का शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है. योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली मिलने वाले 12 रुपए राजकीय अनुदान को 1 जनवरी, 2022 से बढ़ाकर 17 रुपए प्रति थाली कर दिया गया है. रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य यथा बिजली, पानी, इन्टरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा एवं मरम्मत आदि के लिए 50,000 रुपए प्रति रसोई अग्रिम दिये जाने का प्रावधान किया गया है.

पढ़ें: Indira Rasoi Yojana : 15 अगस्त तक प्रदेश में शुरू होंगी 642 नई इंदिरा रसोई, हर साल परोसी जाएंगी 12 करोड़ थाली

7 करोड़ भोजन की थालियां परोसी गयी: योजनान्तर्गत जिलास्तरीय समन्वय समिति की पूर्वानुमति से एक्सटेन्शन काउन्टर बनाकर भी भोजन वितरण किए जाने का प्रावधान है. अब तक योजनान्तर्गत 7.01 करोड़ भोजन थाली परोसी जा चुकी है, जो की लक्ष्य का 72.32 प्रतिशत है. 1000 रसोइयों के संचालित होने पर प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली परोसी जा सकेगी.

35 हजार 325 भामाशाहों ने किया सहयोग: इंदिरा रसोई में भोजन मैन्यू में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार परोसा जाता (Menu of Indira Rasoi in Rajasthan) है. लाभार्थियों के लिए भोजन प्रायोजित करने की भी व्‍यवस्‍था है. लोग अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिन वा अन्य किसी उपलक्ष्य में भोजन प्रायोजित कर सकते हैं. इस व्यवस्था के अन्तर्गत अब तक 35 हजार 325 भामाशाहों ने भोजन प्रायोजित किया है.

पढ़ें: Indira Rasoi Yojana : राजस्थान सरकार ने इंदिरा रसोई में मिलने वाली थाली की दरें बढ़ाई, जानें नए रेट

250 करोड़ का बजट प्रावधान: वर्तमान में 358 रसोईयां संचालित हैं जिन्हें बजट घोषणा में बढ़ाकर 1000 किया गया है. योजनान्तर्गत प्रतिवर्ष 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था जिसे वित्तीय वर्ष 2022- 23 की बजट घोषणा में बढ़ाकर 250 करोड़ रुपए किया गया. योजना के तहत अनुदान के लिए 50 प्रतिशत राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान से तथा शेष 50 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से की जाती है. रसोइयों में आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपए की प्रति रसोई एकमुश्त राशि और आवर्ती संरचना के लिए प्रति रसोई प्रतिवर्ष 3 लाख रुपए राशि दी जाती है.

पढ़ें: कोटा: इंदिरा रसोई में 5100 से ज्यादा लोगों को मिलेगा निशुल्क भोजन

श्रेष्ठ कार्य करने वाली इंदिरा रसोइयों को सम्मान: प्रतिवर्ष श्रेष्ठ कार्य करने वाली रसाईयों को जिला संभाग, राज्य स्तर पर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर 15 लाख से अधिक राशि के नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ती पत्र से सम्‍मानित किया जाता है. रसोइयों में लाभार्थियों को 500 मिली मिनरल पानी की बोतल दिये जाना भी प्रक्रियाधीन है. इन्दिरा रसोइयों के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमन्दों को निशुल्क भोजन दिया गया था. साथ ही रीट के अभ्यर्थियों को भी निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया था.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल यानी रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही वर्तमान में संचालित 358 इंदिरा रसोइयों के साथ अब इन रसोइयों की कुल संख्या 870 हो (Total Indira Rasoi in Rajasthan) जाएगी. गहलोत ने 20 अगस्त, 2020 को प्रदेश में ‘कोई भूखा ना सोए‘ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर 213 नगरीय निकायों में 358 स्थायी रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया था. योजना के क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति (रथो) की ओर से रसोई संचालन के लिए 300 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं अथवा एनजीओ का चयन किया जाता है.

8 रुपए में भोजन: इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूतमन्दों को 8 रुपए में एक समय का भोजन दिया जाता (Per plate rate in Indira Rasoi) है. जरूरतमन्दों को स्थायी रसोइयों में स्थानीय स्वादानुसार दो समय (दोपहर और रात्रिकालीन) का शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है. योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली मिलने वाले 12 रुपए राजकीय अनुदान को 1 जनवरी, 2022 से बढ़ाकर 17 रुपए प्रति थाली कर दिया गया है. रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य यथा बिजली, पानी, इन्टरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा एवं मरम्मत आदि के लिए 50,000 रुपए प्रति रसोई अग्रिम दिये जाने का प्रावधान किया गया है.

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7 करोड़ भोजन की थालियां परोसी गयी: योजनान्तर्गत जिलास्तरीय समन्वय समिति की पूर्वानुमति से एक्सटेन्शन काउन्टर बनाकर भी भोजन वितरण किए जाने का प्रावधान है. अब तक योजनान्तर्गत 7.01 करोड़ भोजन थाली परोसी जा चुकी है, जो की लक्ष्य का 72.32 प्रतिशत है. 1000 रसोइयों के संचालित होने पर प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली परोसी जा सकेगी.

35 हजार 325 भामाशाहों ने किया सहयोग: इंदिरा रसोई में भोजन मैन्यू में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार परोसा जाता (Menu of Indira Rasoi in Rajasthan) है. लाभार्थियों के लिए भोजन प्रायोजित करने की भी व्‍यवस्‍था है. लोग अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिन वा अन्य किसी उपलक्ष्य में भोजन प्रायोजित कर सकते हैं. इस व्यवस्था के अन्तर्गत अब तक 35 हजार 325 भामाशाहों ने भोजन प्रायोजित किया है.

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250 करोड़ का बजट प्रावधान: वर्तमान में 358 रसोईयां संचालित हैं जिन्हें बजट घोषणा में बढ़ाकर 1000 किया गया है. योजनान्तर्गत प्रतिवर्ष 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था जिसे वित्तीय वर्ष 2022- 23 की बजट घोषणा में बढ़ाकर 250 करोड़ रुपए किया गया. योजना के तहत अनुदान के लिए 50 प्रतिशत राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान से तथा शेष 50 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से की जाती है. रसोइयों में आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपए की प्रति रसोई एकमुश्त राशि और आवर्ती संरचना के लिए प्रति रसोई प्रतिवर्ष 3 लाख रुपए राशि दी जाती है.

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श्रेष्ठ कार्य करने वाली इंदिरा रसोइयों को सम्मान: प्रतिवर्ष श्रेष्ठ कार्य करने वाली रसाईयों को जिला संभाग, राज्य स्तर पर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर 15 लाख से अधिक राशि के नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ती पत्र से सम्‍मानित किया जाता है. रसोइयों में लाभार्थियों को 500 मिली मिनरल पानी की बोतल दिये जाना भी प्रक्रियाधीन है. इन्दिरा रसोइयों के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमन्दों को निशुल्क भोजन दिया गया था. साथ ही रीट के अभ्यर्थियों को भी निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया था.

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