जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक बार पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार को निशाने (CM Gehlot Target Previous Vasundhara Government) पर लिया है. सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी ऐसी परंपरा नहीं है कि सरकार बदलने के साथ योजनाओं को भी बदल दिया जाए. राज्य सरकार प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.
सीएम गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोधपुर जिले के झालामंड में मेघवाल महिला छात्रावास के शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक फैसले लिए गए हैं. इनका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला है. हमारा प्रयास है कि बालक-बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ने के बेहतर अवसर मिलें.
उन्होंने छात्रावास के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए देने की घोषणा भी की और सीएसआर फंड के माध्यम से भी आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने आह्वान किया कि समाज के लोग इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बालक-बालिकाओं को स्वतंत्र और शांत वातावरण में अध्ययन और आवास के लिए बेहतर प्रबंध किए हैं. छात्रावासों में बालक-बालिकाओं को निशुल्क आवास, भोजन आदि की सुविधाएं उपलब्ध होने से वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं.
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प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्वच्छकार, अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के करीब 775 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है. इनसे 36 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं. गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्गों के कॉलेज विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना भी शुरू की गई है.
समाज के कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज, इन्क्यूबेशन सेंटर सहित कई योजनाएं लागू की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूल खोले गए हैं. लोगों में इनके प्रति खासा उत्साह है. प्राइवेट स्कूलों के बड़े खर्च को वहन करने में असमर्थ गरीब परिवारों के बच्चों को इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि आज के समय में नॉलेज ही पावर है जो वर्ग पढ़ेगा-लिखेगा, वही आगे बढ़ेगा.