जयपुर. सीएम गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण स्थिति की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महामारी को रोकने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की सफलता तभी संभव है, जब हम आने वाले दिनों में वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोक सकें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां कहीं भी हेल्थ प्रोटोकाॅल के उल्लंघन के मामले सामने आते हैं. वहां लोगों से आह्वान करने के साथ-साथ दण्डात्मक कार्रवाई कर नियमों की सख्ती से पालना कराई जाए.
प्रदेश में स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी जरूरी व्यवस्थाएं दुरूस्त की हैं. आने वाले दिनों में भी आवश्यकतानुसार कोरोना की जांच, इलाज तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेशवासियों को महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए संसाधनों की उपलब्धता में कोई कमी न आए.
जांच के जल्द नतीजों के लिए सैंपल का माइक्रो मैनेजमेंट करें
गहलोत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बीते कुछ दिनों से बढ़ रहे कोरोना पाॅजिटिव मामलों के दृष्टिगत जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि संदिग्ध मरीजों के जांच सैंपल का माइक्रो मैनेजमेंट कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना की जांच रिपोर्ट आने में देरी न हो. उन्होंने इसके लिए आवश्यकतानुसार एक जिले के सैंपल दूसरे जिले में भेजने की व्यवस्था कर प्रदेश में कोरोना टेस्ट की क्षमता का अधिकतम उपयोग करने और रैंडम सैंपलिंग बढ़ाने का सुझाव दिया.
सरकार का लक्ष्य राजस्थान में मृत्युदर को घटाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान में कोरोना से होने वाली मौतों को घटाना है. उन्होंने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों को निर्देश दिए कि कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को घटाने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्लाज्मा थैरेपी जैसी पद्धति पर फोकस करने का सुझाव दिया है. चिकित्सक यह विमर्श करें कि यदि प्रदेश में अब तक किए गए शोध के अनुसार प्लाज्मा थैरेपी सफल हो रही है, तो इस थैरेपी से इलाज के लिए प्लाज्मा डोनेशन के लिए विशेष कैंप लगाए जाएं.
क्वारेंटाइन में मरीजों की 100 प्रतिशत चेकिंग के लिए अभियान चलाएं
गहलोत ने संस्थागत तथा होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे संदिग्ध मरीजों द्वारा हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना में शिथिलता की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि किसी को भी अपने स्वयं तथा दूसरों के जीवन को खतरे में डालने की छूट नहीं दी जा सकती है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्वॉरेंटाइन नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराई जाए और इसके लिए जल्द से जल्द संस्थागत तथा होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे संदिग्ध मरीजों की 100 प्रतिशत चेकिंग के लिए सघन अभियान चलाया जाएं.
जागरूकता में जनसम्पर्क विभाग और स्वास्थ्य मित्रों की बड़ी भूमिका
मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से प्रदेश भर में चल रहे कोरोना जागरूकता अभियान में और अधिक गति लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान में स्वास्थ्य मित्र भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मित्रों के चयन के बाद उनको स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय के लिए प्रशिक्षित किया जाए. साथ ही, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इन स्वास्थ्य मित्रों के पहचान-पत्र और मोबाइल नम्बर का डेटा स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ साझा किया जाए. ताकि वे एक-दूसरे के साथ समन्वयकर जरूरतमंद मरीजों की मदद कर सकें.
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गहलोत ने कहा कि प्रदेश में अब भी ऐसे कई बेसहारा जरूरतमंद हो सकते हैं, जिनको राशन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता न हो. उन्होंने इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए कि कोरोना संकट की शुरूआत में बेसहारा लोगों के लिए किए गए विशेष सर्वेक्षण की तर्ज पर एक बार फिर सर्वेक्षण कर जरूरतमंद लोगों की पहचान और मदद की जाए.
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बैठक में चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति हेमन्त गेरा एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.