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CHC-PHC स्तर तक कोविड उपचार के लिए करें मास्टर प्लानिंगः सीएम गहलोत

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Published : May 8, 2021, 7:10 AM IST

सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने सीएचसी और पीएचसी स्तर तक बेड, ऑक्सीजन और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए मास्टर प्लानिंग करने के निर्देश दिए.

CM Gehlot, जयपुर न्यूज
सीएम गहलोत की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना का संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों और युवाओं में भी काफी तेजी से फैल रहा है. मृत्यु की दर भी पहली लहर के मुकाबले बहुत अधिक है. विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सीएचसी और पीएचसी स्तर तक बेड, ऑक्सीजन एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए मास्टर प्लानिंग करें. इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा.

सीएम गहलोत शुक्रवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन और संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गति से संक्रमण फैल रहा है, उसमें बेहद जरूरी है कि सभी लोग स्व-अनुशासन में रहकर राज्य सरकार के जीवनरक्षा के संकल्प में सहयोग दें. उन्होंने प्रदेश वासियों से अपील की है कि वे अपनी और अपनों की जीवनरक्षा के लिए 10 मई से लागू होने वाली लॉकडाउन की गाइडलाइन की पूरी तरह पालना करें.

निजी अस्पताल नहीं वसूले ज्यादा राशि

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि निजी अस्पताल कोविड रोगियों से उपचार के लिए तय की गई दरों से अधिक नहीं वसूलें. अस्पतालों में लगाए गए नोडल अधिकारी इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करें कि रोगियों को निर्धारित दरों पर समुचित उपचार मिले. साथ ही वे रेमडेसिविर एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा जांच दरों आदि के संबंध में आने वाली शिकायतों का भी त्वरित समाधान करने का प्रयास करें.

रणनीति पर काम करने की जरूरत

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि तीसरी और चौथी लहर की आशंका को देखते हुए हमें एक व्यापक रणनीति पर काम करने की जरूरत है. इसके लिए अल्पकालीन और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करना उचित होगा. उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में मॉडल सीएचसी स्तर पर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम विकसित करने से इस महामारी से लड़ाई में बड़ी मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें. अस्पतालों के गलत प्रबंधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर जबाव-तलब

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगातार काम कर सकें, इसके लिए कोविड केयर सेंटरों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन के प्लांट विकसित किए जाने पर जोर दिया.मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि जिला कलक्टरों ने भामाशाहों आदि के माध्यम से करीब 1000 कंसन्ट्रेटर प्राप्त किए हैं. उन्होंने प्रदेश में ऑक्सीजन एवं वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया.

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा तथा राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रूस से पहली खेप दिल्ली पहुंच गई है. प्रवासी राजस्थानियां, भामाशाहों, विभिन्न संगठनों आदि का भी हमें इस कार्य में सहयोग मिल रहा है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय सुधांश पंत ने जीनोम सिक्वेंसिंग, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के आवंटन के बारे में जानकारी दी. प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन में लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए हमें जीरो मोबिलिटी की ओर बढ़ना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें. कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल इलाज के लिए नहीं कर सकेंगे मना, डे-केयर की सुविधा शुरू करने के निर्देश

पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन की पालना के लिए एनफोर्समेंट बढ़ा दिया गया है. नियमित पुलिस बल के साथ-साथ अन्य एजेंसियों और होमगार्ड्स की भी सेवाएं ली जा रही हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन और चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने एनएचएम, भारत सरकार, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं अन्य माध्यमों से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की प्रगति से अवगत कराया. उद्योग सचिव श्री आशुतोष एटी ने ऑक्सीजन के उठाव के संबंध में जानकारी दी. शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा ने बताया कि 59 नगरीय निकायों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए काम शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि जागरूकता अभियान को भी और गति दी गई है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर में करीब 3600 वाहनों पर माइक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बैठक में आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार एवं एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना का संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों और युवाओं में भी काफी तेजी से फैल रहा है. मृत्यु की दर भी पहली लहर के मुकाबले बहुत अधिक है. विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सीएचसी और पीएचसी स्तर तक बेड, ऑक्सीजन एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए मास्टर प्लानिंग करें. इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा.

सीएम गहलोत शुक्रवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन और संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गति से संक्रमण फैल रहा है, उसमें बेहद जरूरी है कि सभी लोग स्व-अनुशासन में रहकर राज्य सरकार के जीवनरक्षा के संकल्प में सहयोग दें. उन्होंने प्रदेश वासियों से अपील की है कि वे अपनी और अपनों की जीवनरक्षा के लिए 10 मई से लागू होने वाली लॉकडाउन की गाइडलाइन की पूरी तरह पालना करें.

निजी अस्पताल नहीं वसूले ज्यादा राशि

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि निजी अस्पताल कोविड रोगियों से उपचार के लिए तय की गई दरों से अधिक नहीं वसूलें. अस्पतालों में लगाए गए नोडल अधिकारी इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करें कि रोगियों को निर्धारित दरों पर समुचित उपचार मिले. साथ ही वे रेमडेसिविर एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा जांच दरों आदि के संबंध में आने वाली शिकायतों का भी त्वरित समाधान करने का प्रयास करें.

रणनीति पर काम करने की जरूरत

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि तीसरी और चौथी लहर की आशंका को देखते हुए हमें एक व्यापक रणनीति पर काम करने की जरूरत है. इसके लिए अल्पकालीन और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करना उचित होगा. उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में मॉडल सीएचसी स्तर पर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम विकसित करने से इस महामारी से लड़ाई में बड़ी मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें. अस्पतालों के गलत प्रबंधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर जबाव-तलब

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगातार काम कर सकें, इसके लिए कोविड केयर सेंटरों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन के प्लांट विकसित किए जाने पर जोर दिया.मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि जिला कलक्टरों ने भामाशाहों आदि के माध्यम से करीब 1000 कंसन्ट्रेटर प्राप्त किए हैं. उन्होंने प्रदेश में ऑक्सीजन एवं वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया.

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा तथा राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रूस से पहली खेप दिल्ली पहुंच गई है. प्रवासी राजस्थानियां, भामाशाहों, विभिन्न संगठनों आदि का भी हमें इस कार्य में सहयोग मिल रहा है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय सुधांश पंत ने जीनोम सिक्वेंसिंग, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के आवंटन के बारे में जानकारी दी. प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन में लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए हमें जीरो मोबिलिटी की ओर बढ़ना पड़ेगा.

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पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन की पालना के लिए एनफोर्समेंट बढ़ा दिया गया है. नियमित पुलिस बल के साथ-साथ अन्य एजेंसियों और होमगार्ड्स की भी सेवाएं ली जा रही हैं.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन और चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने एनएचएम, भारत सरकार, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं अन्य माध्यमों से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की प्रगति से अवगत कराया. उद्योग सचिव श्री आशुतोष एटी ने ऑक्सीजन के उठाव के संबंध में जानकारी दी. शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा ने बताया कि 59 नगरीय निकायों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए काम शुरू कर दिया है.

उन्होंने बताया कि जागरूकता अभियान को भी और गति दी गई है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर में करीब 3600 वाहनों पर माइक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बैठक में आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार एवं एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए.

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