जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कटौती नहीं करने पर राज्य सरकारों पर सवाल उठाया तो, पलटवार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर सीधा निशाने पर (CM Gehlot hits back at PM Modi on VAT) लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा शासित भोपाल को संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम लिया है.
निशाना भाजपा शासित राज्यों पर: गहलोत ने कहा कि कोविड को लेकर प्रधानमंत्री ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ की गई बैठक में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई, लेकिन कई राज्यों ने वैट कम नहीं किए जिससे जनता को लाभ नहीं मिला. प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम तो लिया, लेकिन वो संदेश भाजपा शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे. क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं. संभवत भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया.
राजस्थान ने किया वैट कम: सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 29 जनवरी, 2021 को पेट्रोल और डीजल पर 2 प्रतिशत वैट कम किया (CM Gehlot on VAT on petrol and diesel in Rajasthan) था जबकि उस समय केन्द्र ने एक्साइज ड्यूटी में कोई कमी नहीं की थी. केन्द्र सरकार ने तो इसके दो दिन बाद 2021-22 के बजट में डीजल पर 4 रुपए एवं पेट्रोल पर 2.5 रुपए प्रति लीटर का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डवलपमेंट नाम से नया सेस लगा दिया. इससे जरूर राजस्थान की जनता को 2 प्रतिशत वैट कम करने का लाभ नहीं मिल पाया. गहलोत ने कहा कि 4 नवंबर, 2021 को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए एवं डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी.
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जबकि कोविड लॉकडाउन के दौरान मई, 2020 में केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए एवं डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. यानी जितनी एक्साइज ड्यूटी कोविड में बढ़ाई गई, उसको भी पूरा कम नहीं किया गया. राज्यों का वैट, केन्द्र की एक्साइज ड्यूटी के ऊपर लगता है. यानी एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट स्वत ही कम हो जाता है. इस कारण से 4 नवंबर, 2021 को एक्साइज ड्यूटी कम होने से राजस्थान सरकार का पेट्रोल पर 1.80 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 2.60 रुपए प्रति लीटर वैट स्वत कम हो गया. आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 नवंबर, 2021 पेट्रोल पर 4.96 प्रतिशत और डीजल पर 6.70 प्रतिशत वैट और कम किया. तीनों बार की गई इस कमी से प्रतिवर्ष करीब 6300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हुई. लेकिन PM ने कर्नाटक के 6000 करोड़ और गुजरात के 3500-4000 करोड़ की राजस्व हानि का ही जिक्र किया. इन दोनों राज्यों का जिक्र संभवत वहां आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया होगा.
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केंद्र ने जानकारी छुपाई: सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के वैट की बात की, लेकिन केन्द्र सरकार के एक्साइज की जानकारी नहीं दी. मई 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब पेट्रोल पर प्रति लीटर 9.20 रुपए और डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी, लेकिन आज पेट्रोल पर 27.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है. यूपीए सरकार के समय राज्यों को एक्साइज ड्यूटी में से हिस्सा मिलता था, लेकिन अब राज्यों को मिलने वाला हिस्सा लगातार कम होकर महज कुछ पैसे प्रति लीटर रह गया है. इसलिए राज्य अपना वैट बढ़ाने के लिए मजबूर हुए हैं.
8 साल में सर्वाधिक धनराशि अर्जित: गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 8 सालों में एक्साइज ड्यूटी से करीब 26 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है. यह देश के इतिहास में किसी भी सरकार की ओर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर अर्जित की गई सर्वाधिक धनराशि है. मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 61 डॉलर प्रति बैरल रही हैं तब भी पेट्रोल 110 रुपए और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक मूल्य पर बिक रहा है जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहे, तब भी आमजन के हित को देखते हुए पेट्रोल 70 रुपए एवं डीजल 50 रुपए लीटर से अधिक महंगा नहीं होने दिया गया.