जयपुर. कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा अब राजस्थान में भी नजर आने लगा है. जिसको लेकर प्रदेश में दोनों गुटों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी बीच सीएम गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की एक बैठक बुलाई है.
सीएम अशोक गहलोत जहां बीजेपी पर लगातार इस बात को लेकर हमला बोल रहे हैं कि भाजपा कोरोना चेन की बजाय विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 24 मार्च को राज्यसभा के चुनाव स्थगित हुए थे. तभी से मैं कहता आ रहा हूं कि भाजपा ने हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए ऐसा किया है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात में हॉर्स ट्रेंडिंग का खतरनाक खेल बीजेपी पहले ही खेल चुकी है. सीएम गहलोत का कहना है कि कोरोना काल का फायदा उठाकर बीजेपी गुजरात में विधायकों को तोड़ रही है. जबकि भाजपा को कोरोना से लड़ाई में देश के साथ एकजुट होना चाहिए था.
दरअसल, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग के खबरों के बीच भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे में आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो भाजपा कांग्रेस के एक गुट के भीतर सियासी नफा-नुकसान का आकलन कर रही है. राजस्थान में 2 दिन पहले 10 से 12 कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत से शिकायत की थी कि उन्हें दिल्ली से फोन करके लालच दिया जा रहा है.
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विधायकों ने कहा था कि उनसे कहा गया कि 'पैसा लो इस्तीफा दो'. इस बीच मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा कोरोना वायरस की चेन तोड़ने बजाय विधायकों को तोड़ने में लगी है. भाजपा सीट जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
बता दें कि हॉर्स ट्रेडिंग के डर से कांग्रेस के गुजरात के विधायकों को राजस्थान में ठहराया गया है. इसी बीच हॉर्स ट्रेडिंग का जिन्न राजस्थान भी पहुंच गया है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश तेज हो गई है. इसके लिए दिल्ली के भाजपा नेताओं के इशारे पर पार्टी स्थानीय नेता कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के संपर्क साध रहे हैं. जिसकी शिकायत विधायक सीएम से कर चुके हैं. गहलोत का कहना है कि भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्ट गुट पर है, जो लगातार सरकार के खिलाफ मुखर रहता है. बता दें कि राजस्थान की 3 सीटों पर 19 जून को राज्यसभा चुनाव होंगे.
क्या है हॉर्स ट्रेडिंग?
हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब 'घोड़ों की बिक्री' से है. असल में इस शब्द की शुरुआत कैंम्ब्रिज डिक्शनरी से हुई थी. करीब 18वीं शताब्दी में इस शब्द का इस्तेमाल घोड़ों की बिक्री के दौरान व्यापारी करने लगे, लेकिन इसके साथ किस्से जुड़े कि इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे.
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राजनीति में नेता दल बदलते हैं, या फिर किसी चालाकी के कारण कुछ ऐसा खेल रचा जाता है कि दूसरी पार्टी के नेता आपका समर्थन कर दें तब राजनीति में इसे हॉर्स ट्रेडिंग कहा जाता है. भारत में इसे दल-बदलना, दल-बदलू भी कहते हैं.