जयपुर. सोलर एनर्जी उत्पादन में राजस्थान देश में नंबर 1 पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के इसकी जानकारी देते हुए इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है. राजस्थान 7,738 MW सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर देश में शीर्ष स्थान पर आ गया है.
सीएम गहलोत ने ट्वीट कहा की मुझे बताते हुए खुशी है कि राजस्थान 7,738 MW सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है. यह हमारी सरकार की ओर से लागू की गई सौर ऊर्जा नीति 2019 और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 का परिणाम है. मैं इस उपलब्धि के लिए सभी प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं. राजस्थान में नए निवेश के प्रमुख सेक्टर में सौर ऊर्जा के रूप में भी इसे देखा जा रहा है. प्रदेश में वर्ष भर में औसतन 325 दिन सूरज चमकता है. इससे प्रदेश में सौर ऊर्जा की काफी संभावनाएं हैं.
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यहां 142.31 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों से बिजली उत्पादन का अनुमान लगाया गया है जो देश में सर्वाधिक है. पिछले एक दशक में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में तेजी से कदम बढ़ाया गया है. वर्ष 2011 में केवल 5 मेगावाट सौर ऊर्जा बनती थी और आज पूरे प्रदेश में 7 हजार 738 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है. केंद्र से 31 दिसम्बर 2022 तक 5,762 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को राजस्थान पूरा कर चुका है. कुछ दिन पहले तक राजस्थान देश में सौर ऊर्जा उत्पादन में कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर था, लेकिन अब 7,738 MW सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर देश में प्रथम स्थान पर आ गया है.
राज्य सरकार अब 2024-25 तक प्रदेश में 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन लक्ष्य लेकर चल रही है. वर्तमान में प्रदेश के 33 में से 20 जिलों में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन हो रहा है. इनमें से सर्वाधिक 3,837 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से जोधपुर में उत्पादित की जा रही है, जबकि 1,200 मेगावाट के साथ जैसलमेर दूसरे स्थान पर है. इसके बाद बीकानेर, भीलवाड़ा और पाली का स्थान है.
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'साल 2024-25 तक लक्ष्य पूरा करने का प्रयास'
सीएम गहलोत ने वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए निर्धारित 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का लक्ष्य रखा था. इसको लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं और यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.
सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं.
'ऊर्जा नीति- 2019 से परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान को सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के निर्देश दिए थे. गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाइब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा.