जयपुर. राजधानी में कोविड स्वास्थ्य सहायकों का धरना लंबे समय से चल रहा है. धरना-प्रदर्शन के जरिये सीएचए अब उन्हें संविदा कर्मियों (cm speak on covid assistants protest) में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. सीएचए की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें बिना कोई प्रोसीजर अपनाए नौकरी पर नहीं लगाया जा सकता है. गहलोत ने कहा कि उनको लेकर उनके मन में सहानुभूति जरूर है , लेकिन उन्हें अस्थाई तौर पर लगाया गया था, ऐसे में अब उन्हें सीधी भर्ती में नौकरी नहीं दी जा सकती.
छोटे बच्चों को लेकर बैठे हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिवालय में कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जयपुर के शहीद स्मारक पर लंबे समय से धरने पर बैठे कोविड स्वास्थ्य सहायकों को लेकर कहा कि हमारे साथी जिन्हें हमने कोरोना काल में टेम्परेरी बेसिस पर लिया था. आज वह धरने पर बैठे हैं. उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. यह देखकर तकलीफ होती है. वे लोग मुझसे भी मिले थे, लेकिन हमने उनसे स्पष्ट कहा कि किसी भी सिस्टम को बिना अपनाएं कैसे नौकरी लगाई जा सकती है.
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कोई सुझाव हो तो बताए
गहलोत ने कहा कि सरकार उनको लेकर संवेदनशील है लेकिन किसी को भी नौकरी सीधे तौर पर नहीं दी जा सकती. अगर उनके पास कोई रास्ता है तो बताएं कि नौकरी कैसे लग सकती है. गहलोत ने कहा कि अगर उनकी मांग पर अब उन्हें एक बार फिर लगा भी देंगे तो अगले 10 साल बाद फिर वह घूमते रहेंगे. क्योंकि इन नियमों के तहत उन्हें टेंपरेरी बेसिस पर ही लगाया गय था. उसके तहत उन्हें स्थायी नौकरी में शामिल नहीं किया जा सकता.
सीएमओं के अधिकारियों बसे हुए वार्ता विफ
इससे पहले कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के साथ वार्ता की थी. इस दौरान अधिकारियों ने संविदा पर भर्ती में बेनिफिट देने का ऑप्शन दिया था, लेकिन इस ऑप्शन को भी सीएचए कर्मचारियों ने स्वीकार नहीं किया और आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया.