जयपुर. भरतपुर के ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक की मांग को लेकर एक संत ने आत्मदाह का प्रयास किया. अवैध खनन पर रोक की मांग को लेकर आत्मदाह का प्रयास करने वाले संत विजयदास की हालत नाजुक बनी हुई है. उन्हें दिल्ली शिफ्ट किया गया है. मामले को बढ़ता देख अब गहलोत सरकार भी डिफेंसिव मोड़ पर आ गई है. गहलोत सरकार ने सिकरी, पहाड़ी की सिवायचक भूमि को वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया (CM Gehlot action in Bharatpur illegal mining case) है. राजस्व विभाग ने 749 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को सौंपी है. अब विभाग यहां सघन वृक्षारोपण (Dense plantation in Sikari and Pahari) करेगा.
यह हुए आदेश: राज्य सरकार ने बृज क्षेत्र में स्थित सीकरी तहसील (पूर्व में नगर तहसील) एवं तहसील पहाड़ी की धार्मिक महत्व की पहाड़ियों को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित करने की स्वीकृति देने के साथ ही इन क्षेत्रों में खनन गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए (Mining banned in Sikari and Pahari of Bharatpur) हैं. इस संबंध में राजस्व विभाग के संयुक्त शासन सचिव विश्व मोहन शर्मा की ओर से गुरूवार को जिला कलेक्टर, भरतपुर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
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इसके अनुसार सीकरी तहसील के 7 राजस्व गांवों की 662.25 हेक्टेयर और पहाड़ी तहसील के 2 राजस्व गांवों की 87.19 हेक्टेयर सिवायचक भूमि तथा पहाड़ी तहसील के ही मूंगस्का ग्राम की 7.96 हेक्टेयर चारागाह भूमि का डायवर्जन कर इसे सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा. पहाड़ी तहसील की 7.96 हेक्टेयर चारागाह भूमि की क्षतिपूर्ति के लिए ग्राम पंचायत मूंगस्का के राजस्व गांव खैराबा की 3.85 हेक्टेयर और बड़ौदा गांव की 4.11 हेक्टेयर कुल 7.96 हेक्टेयर सिवायचक भूमि चारागाह में दर्ज की जाएगी .
क्या था मामला: भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकांचल में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ संतों का लंबे समय से चल रहा था. आंदोलन के दौरान बुधवार सुबह संत विजयदास ने खुद को आग लगा ली थी. गंभीर रूप से झुलसे संत को तुरंत डीग के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से जयपुर रेफर किया गया. लेकिन हालात में सुधार नहीं होने के चलते संत को दिल्ली रेफर कर दिया गया है.