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राजस्थान : ब्यूरोक्रेसी पर शिकंजा कसने की तैयारी...CM गहलोत लेंगे योजनाओं का फीडबैक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए साल में ब्यूरोक्रेसी पर शिकंजा कसने तैयारी कर ली है. जनवरी के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे और सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लेंगे.

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सीएम गहलोत जनवरी के पहले पखवाड़े में कलेक्टर्स से लेंगे योजनाओं का फीडबैक
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Published : Dec 30, 2020, 6:18 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए साल में ब्यूरोक्रेसी पर शिकंजा कसने तैयारी कर ली है. जनवरी के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे और सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लेंगे. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार मुख्यमंत्री वीसी में सभी जिला कलेक्टरों से 8 अहम बिंदुओं पर चर्चा करेंगे.

पढ़ें: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की कार पलटी, बाल-बाल बचे

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के एजेंडे में सीमा ज्ञान से संबंधित लंबित प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा, सेट अपार्ट के लंबित प्रकरणों की समीक्षा, पेट्रोल पंप स्थापित करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा, राजस्व विभाग के न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा, भू अभिलेख के कंप्यूटरीकरण प्रगति की समीक्षा और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में गैर मुमकिन आबादी भूमि के रूप में दर्ज सिवाय चक भूमि/ भूखण्डों को संबंधित स्थानीय निकाय को स्थानांतरण करने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा शामिल हैं.

राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीर हैं. राजस्व विभाग की पेंडेंसी को लेकर जनवरी के पहले पखवाड़े में सभी कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे. जिसमें 8 बिंदुओं पर जिलेवार प्रगति रिपोर्ट लेंगे. मुख्यमंत्री की वीसी में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और प्रमुख सचिव आनंद कुमार भी मौजूद रहेंगे. जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदारों के कार्यालय में भू उपयोग परिवर्तन के लंबित प्रकरणों एवं राजस्थान लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत परिवर्तन के लिए दर्ज प्रकरणों तथा उनके उच्च स्तर पर अग्रेषण की समीक्षा, राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों से सूचना मांगी है. इससे पहले राजस्व विभाग की ओर से भी कलेक्टरों से चर्चा की गई थी, जिसमें श्रीगंगानगर एडीएम को पेंडेंसी को लेकर फटकार भी लगाई थी.

इन बिंदुओं पर होगी चर्चा...

  • राजकीय भूमि के औद्योगिक परियोजनार्थ आरक्षण के लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत घोषित आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की समीक्षा
  • डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम के अंतर्गत भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण की प्रगति की समीक्षा
  • गैर खातेदारी भूमियों पर खातेदारी अधिकार प्रदान करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन आबादी भूमि के रूप में दर्ज सिवाय चक भूमि भूखंडों को संबंधित स्थानीय निकाय को हस्तांतरण करने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा
  • पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • राजस्थान काश्तकारी अधिनियम तथा भू राजस्व अधिनियम के तहत तहसीलदार सहित सभी राजस्व अधिकारियों के न्यायालय में दर्ज प्रकरणों तथा सीमा ज्ञान से संबंधित लंबित प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए साल में ब्यूरोक्रेसी पर शिकंजा कसने तैयारी कर ली है. जनवरी के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करेंगे और सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लेंगे. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार मुख्यमंत्री वीसी में सभी जिला कलेक्टरों से 8 अहम बिंदुओं पर चर्चा करेंगे.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के एजेंडे में सीमा ज्ञान से संबंधित लंबित प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा, सेट अपार्ट के लंबित प्रकरणों की समीक्षा, पेट्रोल पंप स्थापित करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा, राजस्व विभाग के न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा, भू अभिलेख के कंप्यूटरीकरण प्रगति की समीक्षा और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में गैर मुमकिन आबादी भूमि के रूप में दर्ज सिवाय चक भूमि/ भूखण्डों को संबंधित स्थानीय निकाय को स्थानांतरण करने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा शामिल हैं.

राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीर हैं. राजस्व विभाग की पेंडेंसी को लेकर जनवरी के पहले पखवाड़े में सभी कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे. जिसमें 8 बिंदुओं पर जिलेवार प्रगति रिपोर्ट लेंगे. मुख्यमंत्री की वीसी में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और प्रमुख सचिव आनंद कुमार भी मौजूद रहेंगे. जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदारों के कार्यालय में भू उपयोग परिवर्तन के लंबित प्रकरणों एवं राजस्थान लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत परिवर्तन के लिए दर्ज प्रकरणों तथा उनके उच्च स्तर पर अग्रेषण की समीक्षा, राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों से सूचना मांगी है. इससे पहले राजस्व विभाग की ओर से भी कलेक्टरों से चर्चा की गई थी, जिसमें श्रीगंगानगर एडीएम को पेंडेंसी को लेकर फटकार भी लगाई थी.

इन बिंदुओं पर होगी चर्चा...

  • राजकीय भूमि के औद्योगिक परियोजनार्थ आरक्षण के लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत घोषित आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की समीक्षा
  • डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम के अंतर्गत भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण की प्रगति की समीक्षा
  • गैर खातेदारी भूमियों पर खातेदारी अधिकार प्रदान करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन आबादी भूमि के रूप में दर्ज सिवाय चक भूमि भूखंडों को संबंधित स्थानीय निकाय को हस्तांतरण करने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा
  • पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित लंबित प्रकरणों की समीक्षा
  • राजस्थान काश्तकारी अधिनियम तथा भू राजस्व अधिनियम के तहत तहसीलदार सहित सभी राजस्व अधिकारियों के न्यायालय में दर्ज प्रकरणों तथा सीमा ज्ञान से संबंधित लंबित प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा
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