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Public Works Department: सीएम गहलोत की अधिकारियों को दो टूक...बजट घोषणाएं समय पर पूरा करें

सीएम अशोक गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (Public Works Department) की समीक्षा बैठक लेते हुए पिछली (CM Gehlot gave instructions in the meeting) बजट की घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए कोई कमी नहीं रखी गई है.

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Published : Mar 5, 2022, 7:29 PM IST

CM Ashok Gehlot took review meeting,  Public Works Department
सीएम अशोक गहलोत ने ली समीक्षा बैठक.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाल में की गई बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने ने के साथ पूर्व में की घोषणाओं को पूरा करने में जुट गई है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग (Public Works Departmen) से जुड़ी पिछली बजट घोषणाओं के कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं को लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.

सीएम गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास (CM Gehlot gave instructions in the meeting) पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की. उन्होंने नॉन पेचेबल सड़कों के कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए . गहलोत ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में 8,860 करोड़ रूपए लागत की घोषणाएं की गई हैं. इन घोषणाओं के कार्य समयबद्ध रूप से पूरे किए जा सकें इसके लिए विभाग रोडमैप प्रस्तुत करे. सड़क निर्माण में कोई कमी नहीं होः मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में राज्य में सड़क निर्माण के लिए कोई कमी नहीं रखी गई है . हर जिले में सड़क के तीन बड़े कार्य दिए गए हैं . नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्रों में मुख्य सड़कों की मरम्मत के कार्यों के लिए 1200 करोड़ रूपए तथा 1 हजार किलोमीटर लंबाई के स्टेट हाइवे को दो लेन करने के लिए 1200 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.

पढ़ेंः CM Ashok Gehlot review meeting : मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, कोयला आपूर्ति के लिए सुनिश्चित किए जाएं सभी वैकल्पिक उपाय

साथ ही, प्रत्येक विधायक के क्षेत्र में 10 करोड़ रूपए लागत की नॉन पेचेबल सड़कें अथवा मिसिंग लिंक स्वीकृत करने की घोषणा की गई है . इससे करीब 7 हजार किलोमीटर नॉन पेचेबल सड़कों की मरम्मत हो सकेगी. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं नगर परिषद/नगर पालिका के आयुक्तों के साथ मुख्य सचिव वीसी कर उन्हें सड़कों के संबंध में प्रस्ताव समय पर भेजने के निर्देश दें. गहलोत ने कहा कि खराब सड़कों की मरम्मत हमारी प्राथमिकता हैं . उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें. साथ ही, गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि कई बार नई सड़क बनने के बाद ही सीवर लाइन अथवा पानी की पाइप लाइन डालने जैसे कार्यों के लिए सड़कें तोड़ी जाती हैं और उनकी मरम्मत भी समय पर नहीं होती है. इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए विभिन्न विभाग समन्वय के साथ कार्य करें.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाल में की गई बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने ने के साथ पूर्व में की घोषणाओं को पूरा करने में जुट गई है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग (Public Works Departmen) से जुड़ी पिछली बजट घोषणाओं के कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं को लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.

सीएम गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास (CM Gehlot gave instructions in the meeting) पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की. उन्होंने नॉन पेचेबल सड़कों के कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए . गहलोत ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में 8,860 करोड़ रूपए लागत की घोषणाएं की गई हैं. इन घोषणाओं के कार्य समयबद्ध रूप से पूरे किए जा सकें इसके लिए विभाग रोडमैप प्रस्तुत करे. सड़क निर्माण में कोई कमी नहीं होः मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में राज्य में सड़क निर्माण के लिए कोई कमी नहीं रखी गई है . हर जिले में सड़क के तीन बड़े कार्य दिए गए हैं . नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्रों में मुख्य सड़कों की मरम्मत के कार्यों के लिए 1200 करोड़ रूपए तथा 1 हजार किलोमीटर लंबाई के स्टेट हाइवे को दो लेन करने के लिए 1200 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.

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साथ ही, प्रत्येक विधायक के क्षेत्र में 10 करोड़ रूपए लागत की नॉन पेचेबल सड़कें अथवा मिसिंग लिंक स्वीकृत करने की घोषणा की गई है . इससे करीब 7 हजार किलोमीटर नॉन पेचेबल सड़कों की मरम्मत हो सकेगी. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर एवं नगर परिषद/नगर पालिका के आयुक्तों के साथ मुख्य सचिव वीसी कर उन्हें सड़कों के संबंध में प्रस्ताव समय पर भेजने के निर्देश दें. गहलोत ने कहा कि खराब सड़कों की मरम्मत हमारी प्राथमिकता हैं . उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें. साथ ही, गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि कई बार नई सड़क बनने के बाद ही सीवर लाइन अथवा पानी की पाइप लाइन डालने जैसे कार्यों के लिए सड़कें तोड़ी जाती हैं और उनकी मरम्मत भी समय पर नहीं होती है. इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए विभिन्न विभाग समन्वय के साथ कार्य करें.

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