नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में स्टेट हाईवे पर टोल वसूली को आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस फैसले का भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पुरजोर विरोध करते हुए यह कहा है कि टोल वापसी कर गहलोत सरकार ने जनता को दीपावली का तोहफा दिया है. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है.
पूनिया के आरोपों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में प्रतिक्रिया दी. मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि सतीश पूनिया जी को अभी बातें समझने में वक्त लगेगा. टोल माफी मामले में वह चीजों को समझ नहीं रहे हैं, उन्हें मोदी जी और अमित शाह ने टारगेट देकर भेजा है.
पूनिया को बताया मुल्ला
सीएम गहलोत ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे नए मुल्ले की तरह बांग दे रहे हैं. पीएम मोदी और अमित शाह ने उन्हें सीएम को टारगेट करके राजनीति करने का काम सौंपा है.
वसुंधरा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि टोल हटाने का वसुंधरा सरकार का फैसला चुनावी था, ये मैरिट के आधार पर लिया नहीं लिया गया था. उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि टोल कंपनी की शर्तों को बिना चर्चा के बदल दिया था. साथ ही यह भी कहा कि प्राइवेट कार चलाने वाले सभी लोग सक्ष्म हैं. इस बारे में सरकार ने लीगल ओपिनियन भी ली है. जो ठेका दिया गया था उसकी शर्तों में टोल वसूली शामिल था.
फैसले के स्वागत की उम्मीद
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि प्राइवेट कार चालकों के टोल माफ करने का क्या कारण था. गहलोत ने टोल पुनः शुरू करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि टोल माफी के कारण सरकार पर बहुत बड़ा वित्तीय भार आ रहा था. और उन्होंने उम्मीद जताई कि प्राइवेट कार चलाने वाले सभी लोग हमारी सरकार के इस फैसले का स्वागत करेंगे.
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फैसले के विरोध में भाजपा
राज्य सरकार के स्टेट हाइवे पर टोल वसूलने के राज्य सरकार के फैसले को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने असंगत बताया है. उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि टोल का भार जनता की जेब पर पड़ रहा था इसलिए वसुंधरा राजे सरकार ने 52 स्टेट हाइवे पर टोल वापस लिया था.