जयपुर. कोविड वैक्सीनेशन को लेकर राज्य स्तरीय वीसी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 21 जून के बाद वैक्सीन की सप्लाई सुचारू रहनी चाहिए. हम केन्द्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं. वैक्सीन लगने से जान का खतरा कम हो जाता है.
'राजस्थान में Vaccination की व्यवस्था Extraordinary'
गहलोत ने बताया कि राजस्थान की वैक्सीनेशन की व्यवस्था एक्स्ट्राऑर्डिनरी है, लेकिन वैक्सीनेशन का जिम्मा राज्यों पर डालना गलत निर्णय था. पूरी दुनिया में वैक्सीन सरकार निशुल्क लगती है, लेकिन हमें फ्री वैक्सीन के लिए संघर्ष करना पड़ा. इतना ही नहीं राजस्थान समेत कई राज्यों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. सबके दबाव में भारत सरकार को फैसला बदलना पड़ा.
गहलोत के निशाने पर पीएम केयर फंड
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना पीड़ितों के लिए लाए पीएम केयर फंड पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार ने जो पैकेज दिया वो डिफेक्टिव है. इस पैकेज में जिस बच्चे के माता-पिता दोनों का निधन हो गया उन्हें भी 18 साल बाद में सहायता की बात कही गई है. अभी केवल पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम किया जाएगा. फिर 18 से 23 साल का होने तक मदद की बात कही गई है. 23 का होने पर 10 लाख की मदद का कहा गया है.
'18 साल बाद किसने क्या देखा?'
गहलोत ने कहा कि इसमें कन्फ्यूजन है. 10 लाख पूरा देंगे या 18 से 23 साल तक पैसा खर्च होगा? मैं इस मामले में प्रधानमंत्री से अलग से बात करूंगा. उन्हें बताऊंगा कि आपका पैकेज डिफेक्टिव है. कोई बच्चा अनाथ हो गया उसे आज तत्काल मदद की जरूरत है, लेकिन इस पैकेज में 18 साल का होने पर अनाथ बच्चों को मदद मिलेगी. 18 साल बाद किसने क्या देखा है?
'राजस्थान ने शानदार पैकेज का एलान किया'
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने शानदार पैकेज का एलान किया है. हम एक लाख रुपए तत्काल दे रहे हैं. बता देम, कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड बनाया है जिसमे बच्चों की शिक्षा फ्री की गई है. आर्थिक रूप से सहायता बच्चे के बालिग होने पर मिलेगी, जिसको लेकर सीएम अशोक गहलोत ने सवाल खड़े किए हैं.