जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. साथ ही गहलोत ने यह भी दोहराया की 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों जिनमें वे खुद भी शामिल थे, उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था लेकिन हमें समय नहीं दिया गया. इसी कारण मुझे यह जानकारी ट्वीट कर देनी पड़ी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रदेश में जिलों में कांग्रेस कार्यालय बनने के लिए कांग्रेस नेताओं को क्राउडफंडिंग का भी फार्मूला दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दफ्तरों के नए भवन बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी के वर्करों को जनता से पैसा इकट्ठा करना चाहिए. अगर जनता उनके साथ इंवॉल्व होती है तो उनकी भावनाएं भी सीधी कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ती है और ऐसा करने से लोगों का जुड़ाव कांग्रेस पार्टी के साथ होगा.
गहलोत ने शिवगंज कांग्रेस कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा कि आज जो टीम इस कार्यक्रम में बैठी है, वह संगठन की टीम है. उन्होंने कहा कि नेता दो तरह के होते हैं, एक संगठन से सरकार में आते हैं और दूसरे सीधे सरकार में आते हैं. सीधे सरकार में आने वाले संगठन का मर्म नहीं समझ सकते हैं.
सीएम गहलोत की तुलना शिव से करते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि इस कार्यालय के उद्घाटन से पहले यह कहा जा रहा था कि वह व्यक्ति कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन कर रहा है जिसने कांग्रेस को चुनाव में हराया था. उन्होंने कहा की इन बातों से मेरे दिमाग में यह बात है कि हमारे पेट में कांग्रेस का नमक है जो हमें हमेशा प्रेरणा देता है.
मुख्यमंत्री नीलकंठ की तरह हैं: संयम लोढ़ा
विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि जिस तरीके से अगस्त क्रांति हुई थी उसी तरीके से एक राजस्थान में भी अगस्त क्रांति हुई है, जिसका सामना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक योद्धा की तरह किया है. सीएम गहलोत नीलकंठ की तरह सबको सुनते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम को एक किताब लिखनी चाहिए ताकि लोगों को राजनीतिक अनुभव का फायदा मिल सके.