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भाजपा पहले मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने में लगी, ये शुभ संकेत नहीं: सीएम गहलोत

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उलट फेर को लेकर ऑपरेशन लोटस (Maharashtra Political Crisis) फिर से चर्चा में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसको लेकर भाजपा पर कई सवाल खड़े किए. साथ ही पार्टी पर निशाना भी साधा है.

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Published : Jun 25, 2022, 11:04 PM IST

Updated : Jun 27, 2022, 1:18 PM IST

Maharashtra Political Crisis
महाराष्ट्र में सियासी उलट फेर

लक्ष्मणगढ़ (सीकर). महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठा पटक के बीच ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) एक बार फिर चर्चा में है. इसे लेकर सीकर पहुंचे सीएम गहलोत से राजस्थान में उनके प्रभाव कम न होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने लोकतंत्र को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि डेमोक्रेसी में वही होता है जो जनता चाहती है. वो ही सरकार बनाती हैं और वो ही गिराती हैं. इसके अलावा उन्होंने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी हमला किया.

सवाल- ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत के पास कोई जादू है कि उसको रोक देते हैं, इसे किस तरह से देख रहे हैं?
जवाब- देखिए हर स्टेट की परिस्थिति अलग-अलग होती है. वहां की परिस्थिति आप देख रहे हैं. अब वहां क्या स्थिति बनती है वो तो आने वाला वक्त बताएगा. मेरी दृष्टि से वहां भी हॉर्स ट्रेडिंग ही हो रही है. पर ये अच्छी परंपरा नहीं है. बीजेपी पहले मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और फिर महाराष्ट्र में सरकार बनाने में लगी है. ये देश के लिए, डेमोक्रेसी के लिए शुभ संकेत नहीं है. लोकतंत्र में पब्लिक ही माई-बाप होती है, वो ही सरकारें बनाती हैं और वो ही घर भेजती है. हिंदुत्व के नाम पर नारा दिया गया तो लोग हिंदुत्व के नाम पर इनको सपोर्ट करने लग गए.

महाराष्ट्र में सियासी उलट फेर

लेकिन अन्य प्रॉब्लम जैसे महंगाई , बेरोजगारी, और अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है. सेना के अंदर सरकार अग्निपथ (Agnipath Scheme) लेकर आई है, ये एक नया प्रयोग है. लेकिन इसे पार्लियामेंट डिस्कशन, रिटायर्ड अफसरों के जनरल, कर्नल से बातचीत के बाद लाते तो ये स्कीम अच्छे ढंग से लागू हो सकती थी. लेकिन उसे भी कॉन्ट्रोवर्सी में डाल दिया गया. ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई को जिस तरह से मिसयूज किया जा रहा है, उससे पूरे देश में चिंता का विषय बना हुआ है. सब लोग घबराए हुए हैं, बोल नहीं रहे हैं. हिंदू-मुस्लिम को लेकर भी जो राजनीति हो रही है, वो भी खतरनाक है. अगर यूं ही हिंसा होगी तो विकास नहीं होगा. ये कोई अच्छे हालात थोड़े ही हैं?

पढ़ें. CM Gehlot in Jodhpur: अग्निपथ योजना वापस नहीं लेने का फैसला मोदी सरकार का 'अहम' है- मुख्यमंत्री गहलोत

सवाल- ईआरसीपी को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत फिर बोल रहे हैं, वो कह रहे हैं कि पायलट ने गलती कर दी, तो क्या ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर गजेंद्र शेखावत कन्फ्यूज्ड हैं या कांग्रेस जो बात कह रही है वो अलग है ?
जवाब- देखिए 2 गलतियां उन्होंने की है. एक तो उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को लेकर जनता से कोई वादा नहीं किया. उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला ईआरसीपी के बारे में. अगर ये सिद्ध हो जाए तो वे राजनीति छोड़ देंगे.' तो प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है कि वो कब राजनीति छोड़ेंगे. दूसरा उन्होंने कहा कि सचिन पायलट जी अगर सक्सेस हो जाते, तो पानी पहुंच जाता. तो ये समझ के परे है. क्योंकि जल संसाधन मंत्री खुद ही राजस्थान के हैं.

ईआरसीपी हमारी योजना नहीं थी, वसुंधरा राजे जी की था. ये बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. जबसे हम आए हैं तबसे ही उसको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. बल्कि इस बार मैंने 9 हजार करोड़ रुपए स्टेट फंडिंग में रखे हैं, अगर केंद्र नहीं देती है तो हम खुद काम करेंगे. योजना का काम शुरू हो गया है, और इसे आगे बढ़ाना चाहिए. मंत्री जी को भी चाहिए कि राजस्थान के हित में बात करें. वे खुद राजस्थान के प्रतिनिधि हैं, केंद्र के मंत्री हैं. क्या प्रधानमंत्री जी को कह कर एक योजना को राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनवा सकते? बनवा सकते हैं. अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनका बात करने का नैतिक अधिकार क्या है?

पढ़ें. Attack on Rahul Gandhi Office : वायनाड में राहुल के कार्यालय पर हमला, सीएम गहलोत ने की कड़ी निंदा...जांच की मांग

सवाल- राहुल गांधी के कार्यालय पर वायनाड में हमला हुआ है?
जवाब- हमला किसी के भी कार्यालय पर हो, चाहे कांग्रेस हो, बीजेपी का हो, या कोई नेता का कार्यालय हो. अगर हिंसा होगी तो मैं उसकी निंदा करूंगा. मेरा स्पष्ट मानना है कि कोई भी नेता, कोई भी कार्यकर्ता, कोई भी पार्टी का हो, हिंसा का कोई स्थान लोकतंत्र में नहीं है.

सवाल- कहा जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉइस सैंपल को लेकर दिल्ली में नोटिस तामील हो गया है, वो ये कहते हैं कि यहां भी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, आप कुछ कहेंगे इस विषय पर?
जवाब- ये तो कानून अपना काम कर रही है. बल्कि वो काफी समय से बचते रहे. आखिर में कोर्ट की ओर से उन्हें नोटिस सर्व हो ही गया. इनको वॉइस देने में तकलीफ क्या है? ये स्वीकार भी कर चुके हैं कि ये इनकी वॉइस है. लोकेश शर्मा के खिलाफ जो केस इन्होंने दर्ज करवाया है, उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है. आप सरकार गिराने का मुख्य किरदार थे. सबको मालूम है कि आप एक्सपोज हो गए हैं. आपने खुद सरकार गिराने का षड्यंत्र किया, अब आप सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हैं. कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी. इसके बाद तो और प्रूफ हो गया. आपने खुद ठप्पा लगा दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे.

लक्ष्मणगढ़ (सीकर). महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठा पटक के बीच ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) एक बार फिर चर्चा में है. इसे लेकर सीकर पहुंचे सीएम गहलोत से राजस्थान में उनके प्रभाव कम न होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने लोकतंत्र को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि डेमोक्रेसी में वही होता है जो जनता चाहती है. वो ही सरकार बनाती हैं और वो ही गिराती हैं. इसके अलावा उन्होंने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी हमला किया.

सवाल- ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत के पास कोई जादू है कि उसको रोक देते हैं, इसे किस तरह से देख रहे हैं?
जवाब- देखिए हर स्टेट की परिस्थिति अलग-अलग होती है. वहां की परिस्थिति आप देख रहे हैं. अब वहां क्या स्थिति बनती है वो तो आने वाला वक्त बताएगा. मेरी दृष्टि से वहां भी हॉर्स ट्रेडिंग ही हो रही है. पर ये अच्छी परंपरा नहीं है. बीजेपी पहले मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और फिर महाराष्ट्र में सरकार बनाने में लगी है. ये देश के लिए, डेमोक्रेसी के लिए शुभ संकेत नहीं है. लोकतंत्र में पब्लिक ही माई-बाप होती है, वो ही सरकारें बनाती हैं और वो ही घर भेजती है. हिंदुत्व के नाम पर नारा दिया गया तो लोग हिंदुत्व के नाम पर इनको सपोर्ट करने लग गए.

महाराष्ट्र में सियासी उलट फेर

लेकिन अन्य प्रॉब्लम जैसे महंगाई , बेरोजगारी, और अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है. सेना के अंदर सरकार अग्निपथ (Agnipath Scheme) लेकर आई है, ये एक नया प्रयोग है. लेकिन इसे पार्लियामेंट डिस्कशन, रिटायर्ड अफसरों के जनरल, कर्नल से बातचीत के बाद लाते तो ये स्कीम अच्छे ढंग से लागू हो सकती थी. लेकिन उसे भी कॉन्ट्रोवर्सी में डाल दिया गया. ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई को जिस तरह से मिसयूज किया जा रहा है, उससे पूरे देश में चिंता का विषय बना हुआ है. सब लोग घबराए हुए हैं, बोल नहीं रहे हैं. हिंदू-मुस्लिम को लेकर भी जो राजनीति हो रही है, वो भी खतरनाक है. अगर यूं ही हिंसा होगी तो विकास नहीं होगा. ये कोई अच्छे हालात थोड़े ही हैं?

पढ़ें. CM Gehlot in Jodhpur: अग्निपथ योजना वापस नहीं लेने का फैसला मोदी सरकार का 'अहम' है- मुख्यमंत्री गहलोत

सवाल- ईआरसीपी को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत फिर बोल रहे हैं, वो कह रहे हैं कि पायलट ने गलती कर दी, तो क्या ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर गजेंद्र शेखावत कन्फ्यूज्ड हैं या कांग्रेस जो बात कह रही है वो अलग है ?
जवाब- देखिए 2 गलतियां उन्होंने की है. एक तो उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को लेकर जनता से कोई वादा नहीं किया. उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला ईआरसीपी के बारे में. अगर ये सिद्ध हो जाए तो वे राजनीति छोड़ देंगे.' तो प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है कि वो कब राजनीति छोड़ेंगे. दूसरा उन्होंने कहा कि सचिन पायलट जी अगर सक्सेस हो जाते, तो पानी पहुंच जाता. तो ये समझ के परे है. क्योंकि जल संसाधन मंत्री खुद ही राजस्थान के हैं.

ईआरसीपी हमारी योजना नहीं थी, वसुंधरा राजे जी की था. ये बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. जबसे हम आए हैं तबसे ही उसको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. बल्कि इस बार मैंने 9 हजार करोड़ रुपए स्टेट फंडिंग में रखे हैं, अगर केंद्र नहीं देती है तो हम खुद काम करेंगे. योजना का काम शुरू हो गया है, और इसे आगे बढ़ाना चाहिए. मंत्री जी को भी चाहिए कि राजस्थान के हित में बात करें. वे खुद राजस्थान के प्रतिनिधि हैं, केंद्र के मंत्री हैं. क्या प्रधानमंत्री जी को कह कर एक योजना को राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनवा सकते? बनवा सकते हैं. अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनका बात करने का नैतिक अधिकार क्या है?

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सवाल- राहुल गांधी के कार्यालय पर वायनाड में हमला हुआ है?
जवाब- हमला किसी के भी कार्यालय पर हो, चाहे कांग्रेस हो, बीजेपी का हो, या कोई नेता का कार्यालय हो. अगर हिंसा होगी तो मैं उसकी निंदा करूंगा. मेरा स्पष्ट मानना है कि कोई भी नेता, कोई भी कार्यकर्ता, कोई भी पार्टी का हो, हिंसा का कोई स्थान लोकतंत्र में नहीं है.

सवाल- कहा जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉइस सैंपल को लेकर दिल्ली में नोटिस तामील हो गया है, वो ये कहते हैं कि यहां भी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, आप कुछ कहेंगे इस विषय पर?
जवाब- ये तो कानून अपना काम कर रही है. बल्कि वो काफी समय से बचते रहे. आखिर में कोर्ट की ओर से उन्हें नोटिस सर्व हो ही गया. इनको वॉइस देने में तकलीफ क्या है? ये स्वीकार भी कर चुके हैं कि ये इनकी वॉइस है. लोकेश शर्मा के खिलाफ जो केस इन्होंने दर्ज करवाया है, उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है. आप सरकार गिराने का मुख्य किरदार थे. सबको मालूम है कि आप एक्सपोज हो गए हैं. आपने खुद सरकार गिराने का षड्यंत्र किया, अब आप सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हैं. कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी. इसके बाद तो और प्रूफ हो गया. आपने खुद ठप्पा लगा दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे.

Last Updated : Jun 27, 2022, 1:18 PM IST
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